पटना: आज से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुका है, ऐसे में तमाम मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. नवरात्रि को लेकर पूरा इलाका भक्ति में में डूबा दिख रहा है. पटना से सटे बिहटा के ऐतिहासिक मां वनदेवी महाधाम में सुबह से श्रद्धालु पूजा करने के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं. वनदेवी मंदिर की ख्याति दूर दूर तक फैली है. भक्तों में ये मान्यता है कि इस मंदिर में आकर सच्चे मन से माँ से माँगने वाले हर भक्त की मुराद जरूर पूरी होती है.
300 वर्ष पुराना है मंदिर का इतिहास: इस मंदिर में हर रोज भक्तों की भीड़ लगती है लेकिन हर साल नवरात्र में यहां आने वाले भक्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. बात इस मंदिर के इतिहास की करे तो लगभग 300 वर्ष पूर्व मां विंध्यावासिनी के पिंड का अंश लाकर उनके भक्त व सिद्ध पुरुष विद्यानंद जी मिश्र ने इनकी स्थापना की थी. तब मिश्रीचक में काफी जंगल था इसलिये इनका नाम वनदेवी रखा गया. इस मंदिर को लेकर सबसे प्रचलित बात है कि इसमें मां वनदेवी की स्थापना और अपने भक्त की लाज बचाने के लिए वनदेवी का कनखा माई बनना ज्यादा मशहूर है.
क्या हैं मंदिर की कहानी: बताया जाता है की विद्यानंद वनदेवी मंदिर में ध्यान में लीन थे. सन्यासी ने अपने भेड़ों से कई सवाल कराकर उनके ध्यान को तोड़ने की कोशिश करने लगे. इसपर विद्यानंद ने अपने आगे रखे कलश पर त्रिपुंड से स्पर्श किया तो भेड़ों के सवाल के जवाब उस कलश से निकलने लगे. सन्यासी को इस पर क्रोध आ गया और उसने कलश पर प्रहार कर दिया. जिससे उसका एक हिस्सा टूटकर अशोक के वृक्ष पर टंग गया. मां वनदेवी अपने भक्त के साथ सन्यासी द्वारा की गई हरकत पर क्रोधित हो गईं और उस टूटे हिस्से से सन्यासी को दंड देना शुरू कर दिया.
नवरात्र में किया जाता है मां का विशेष श्रृंगार: बताया जाता है कि मां के क्रोध को शांत करने के लिए विद्यानंद ने अपना ध्यान तोड़कर क्षमा की प्राथना की तब जाकर उस सन्यासी की जान बची. नवरात्र के मौके पर मां वन देवी का विशेष श्रृंगार किया जाता जिसे देखने और पूजा करने के लिए लोग दूर दराज से आते है. नवरात्र में नौ दिन माँ की विशेष आरती भी होती है. आज नवरात्र का पहला दिन है और आज भी पूजा के लिए मां वनदेवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है.
"नवरात्र के शुरू होने के साथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगती है. यहां मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से मनोकामना मांगता है मां उसे जरूर पूरा करती है."-पवन सिंह पटेल ,स्थानीय श्रद्धालु
भक्त छाती पर कलश रखकर करेगा पूजा: वहीं मां वन देवी मंदिर के प्रधान पुजारी शीतलेश्वर मिश्र ने बताया कि आज से पूरे देश में शारदीय नवरात्र की शुरुआत हुई है. जहां आज नवरात्रि के पहले दिन मां के प्रथम रूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. ऐसे में नवरात्रि के मौके पर मां वनदेवी महाधाम में नवरात्रि के दिनों में विशेष सिंगर विशेष आरती और पूजा भी की जाती है. इस बार मां के दरबार में एक भक्त दिनेश कुमार जो अपने छाती पर मां का कलश रखकर नवरात्र की पूजा करेगा.
"मंदिर में नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलाई जाती है. मां विंध्यवासिनी के शक्तिपीठों में से एक मां वनदेवी महाधाम है उनका इतिहास काफी पुराना है. जो भी भक्त सच्चे मन से आते हैं उनकी मां मुरादे पूरी करती है. नवरात्रि के मौके पर पूरे देश और प्रदेश से श्रद्धालु पूजा करने मां वनदेवी महाधाम पहुंचते हैं."-शीतलेश्वर मिश्र, प्रधान पुजारी, मां वनदेवी महाधाम