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छोटी दिवाली और कार्तिक चतुर्दशी आज, पुण्य स्नान के लिए गंगा घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

कार्तिक माह में उत्तरायण गंगा के तट पर स्नान करने का बड़ा महत्व है. यहां कई श्रद्धालु एक महीने के लिए बनारस, सिमरिया, बाढ़, उमा नाथ धाम, और बाढ़ के अलखनाथ धाम पर गंगा स्नान कर पूजा-पाठ करते हैं.

उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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Published : Oct 26, 2019, 11:07 AM IST

पटनाः शरद पूर्णिमा के समाप्त होते ही कल्पवास मेला की शुरूआत हो जाती है. इसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक महीने के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक महिलाएं गंगा स्नान और पूजा-पाठ करती है. धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार 12 महीनों में कार्तिक महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण होता है. इस महीने में लक्ष्मी पूजा, छठ पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते है, इसलिए इस महीने को त्यौहार का महीना भी कहा जाता है.

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
कार्तिक माह के चतुर्दशी और छोटी दीपावाली को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ घाटों पर उमड़ी. सुबह-सुबह ही दूर-दूराज से आईं महिलाओं ने अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा की और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. वहीं स्थानीय लोगों ने पूजा-पाठ श्रृंगार सहित कई तरह की दुकानें लगाई गईं. वहीं कल से भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है. जैसे-जैसे कार्तिक माह के दिन बीत रहे और छठ नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है.

patna
पूजा करती महिलाएं

स्नान करने का है महत्व
कार्तिक माह में उत्तरायण गंगा के तट पर स्नान करने का बड़ा महत्व है. यहां कई श्रद्धालु एक महीने के लिए बनारस, सिमरिया, बाढ़, उमा नाथधाम, और बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और एक महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.

गंगा तट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

पटनाः शरद पूर्णिमा के समाप्त होते ही कल्पवास मेला की शुरूआत हो जाती है. इसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक महीने के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक महिलाएं गंगा स्नान और पूजा-पाठ करती है. धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार 12 महीनों में कार्तिक महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण होता है. इस महीने में लक्ष्मी पूजा, छठ पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते है, इसलिए इस महीने को त्यौहार का महीना भी कहा जाता है.

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
कार्तिक माह के चतुर्दशी और छोटी दीपावाली को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ घाटों पर उमड़ी. सुबह-सुबह ही दूर-दूराज से आईं महिलाओं ने अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा की और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. वहीं स्थानीय लोगों ने पूजा-पाठ श्रृंगार सहित कई तरह की दुकानें लगाई गईं. वहीं कल से भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है. जैसे-जैसे कार्तिक माह के दिन बीत रहे और छठ नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है.

patna
पूजा करती महिलाएं

स्नान करने का है महत्व
कार्तिक माह में उत्तरायण गंगा के तट पर स्नान करने का बड़ा महत्व है. यहां कई श्रद्धालु एक महीने के लिए बनारस, सिमरिया, बाढ़, उमा नाथधाम, और बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और एक महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.

गंगा तट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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Body:शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते।

कार्तिक माह चतुर्दशी एवं छोटी दीवाली को लेकर आज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी जैसे-जैसे कार्तिक माह बढ़ रही हो और श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही है सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं वह स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए गए वही कल से भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है जैसे-जैसे कार्तिक माह के दिन बीत रहे और छठ नजदीक आ रही है वैसे उसे पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है। वही महिला श्रद्धालुओं ने गंगा नदी के किनारे माता गंगा की पूजा अर्चना की गीत गाए।

आज छोटी दीवाली को लेकर के विभिन्न घाटों में गंगा स्नान लेकर महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। आज छोटी दीवाली के दिन में गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती है और अपने परिवार की धन सुख समृद्धि की कामना करती है। महिलाओं ने भगवान की पूजा की और धन की प्राप्ति को लेकर कामना की।

सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- आनंद मोहन पांडे lअलखनाथ घाट के पुजारी)




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