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पटना: बेमौसम बरसात से फसल हुई बर्बाद, भुखमरी की कगार पर पहुंचे किसान

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Published : Mar 19, 2020, 1:50 PM IST

किसानों ने बताया कि आए दिन बारिश होने से दलहन की खेती बर्बाद हो गई है. जिससे किसान सदमे में है. वहीं, उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की.

बेमौसम बरसात
बेमौसम बरसात

पटना: राजधानी में बेमौसम हुई बारिश से बाढ़ अनुमंडल के टाल इलाके में सैंकड़ों एकड़ जमीन में लगी रबी फसल की बर्बादी से किसानों में हाहाकार मच गया है. टाल इलाके में हर तरफ बर्बादी का मंजर देखा जा सकता है. फसल बर्बादी के बाद किसान भूखमरी के कगार पर आ गए हैं. वे अपने परिजनों और जानवरों को पालने के लिए असमर्थता जता रहे हैं.

सरकार से मदद की आस
बता दें कि कटाई के कगार पर पहुंची गेंहू, चना, मसूर और सरसों आदि फसलों की बड़े पैमाने पर क्षति हुई है. पूरा टाल क्षेत्र कुदरत के इस कहर से डरा हुआ है. वहीं, किसानों में मातम पसर गया है. किसानों को अब राज्य सरकार से ही मदद की आस बच गई है. उन्होंने बताया कि आए दिन बारिश होने से दलहन की खेती बर्बाद हो गई है. जिससे किसान सदमे में है. उन्होंने सरकार से मुआवजा की मांग की.

देखें पूरी रिपोर्ट

सरकार को भेजा गया है डाटा
बाढ़ प्रखंड कृषि पदाधिकारी चंद्रभानु सिंह ने बताया कि फसल के मुआवजे के लिए सरकार को डाटा भेजा गया है. सरकार की ओर से संचित भूमि प्रति हेक्टेयर 6 हजार 800 रूपये की गई है. वहीं, उन्होंने बताया कि सभी कृषि भूमि की जांच की गई.

पटना: राजधानी में बेमौसम हुई बारिश से बाढ़ अनुमंडल के टाल इलाके में सैंकड़ों एकड़ जमीन में लगी रबी फसल की बर्बादी से किसानों में हाहाकार मच गया है. टाल इलाके में हर तरफ बर्बादी का मंजर देखा जा सकता है. फसल बर्बादी के बाद किसान भूखमरी के कगार पर आ गए हैं. वे अपने परिजनों और जानवरों को पालने के लिए असमर्थता जता रहे हैं.

सरकार से मदद की आस
बता दें कि कटाई के कगार पर पहुंची गेंहू, चना, मसूर और सरसों आदि फसलों की बड़े पैमाने पर क्षति हुई है. पूरा टाल क्षेत्र कुदरत के इस कहर से डरा हुआ है. वहीं, किसानों में मातम पसर गया है. किसानों को अब राज्य सरकार से ही मदद की आस बच गई है. उन्होंने बताया कि आए दिन बारिश होने से दलहन की खेती बर्बाद हो गई है. जिससे किसान सदमे में है. उन्होंने सरकार से मुआवजा की मांग की.

देखें पूरी रिपोर्ट

सरकार को भेजा गया है डाटा
बाढ़ प्रखंड कृषि पदाधिकारी चंद्रभानु सिंह ने बताया कि फसल के मुआवजे के लिए सरकार को डाटा भेजा गया है. सरकार की ओर से संचित भूमि प्रति हेक्टेयर 6 हजार 800 रूपये की गई है. वहीं, उन्होंने बताया कि सभी कृषि भूमि की जांच की गई.

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