पटनाः मोबाइल चोरी (Mobile Theft In Bihar ) होने पर आप अपने मोबाइल को बंद करा सकते हैं. इसके लिए दूरसंचार विभाग के एक पोर्टल शुरू किया है. जिस पोर्टल (Portal For Mobile Locking) के माध्यम से आप अपने खोए हुए मोबाइल को बंद करा सकते हैं. मोबाइल बंद कराने का पोर्टल का नाम CEIR (Central equipment identify register) को शुरू किया गया है. मोबाइल की चोरी की घटना को देखते हुए भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के ने यह पोर्टल शुरू किया है.
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नकली मोबाइल बाजार पर रोकः इसका जानकारी पुलिस मुख्यालय के एडीजी जीतेंद्र सिंह गंगवार ने दी. कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य भारत में नकली मोबाइल बाजार पर रोक लगाना है. कोई भी व्यक्ति इस पोर्टल पर जाकर अपने IMEI नंबर के द्वारा खोए हुए मोबाइल को ब्लॉक करा सकता है. 24 घंटे के अंदर ही इस पोर्टल के माध्यम से उनका मोबाइल फोन ब्लॉक हो जाता है, जिसके बाद वह मोबाइल फोन किसी काम का नहीं रहेगा. इस पोर्टल के माध्यम से आप नए पुराने मोबाइल फोन की क्राइम स्टेटस हिस्ट्री भी चेक कर सकते हैं. अगर मोबाइल मिल जाता है तो फिर इसे आप अनब्लॉक भी इसी पोर्टल के माध्यम से कर सकते हैं.
ऐसे करा सकते हैं ब्लॉकः इसके लिए अपने निकटतम पुलिस स्टेशन जाकर रिपोर्ट लिखानी होगी. इसके बाद आपको CEIR पोर्टल पर जाना है, जिसमें पहला ऑप्शन ब्लॉक स्टोलेन या लॉस्ट मोबाइल, दूसरा अनब्लॉक स्टोलेन तथा तीसरा चेक रिक्वेस्ट स्टेटस आएगा. इस पर आप अपने मोबाइल का रसीद या एफआईआर की कॉपी आदि डालकर इसे आप ब्लॉक करा सकते हैं. मोबाइल मिल जाने के बाद 24 घंटे के अंदर इसे अनब्लॉक भी कर सकते हैं.
सिम भी ब्लॉक करा सकते हैंः इसी पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया के माध्यम से आप अपना सिम भी ब्लॉक करा सकते हैं. बिहार पुलिस ने पहल करते हुए फर्जी सिम पर भी गंभीरता से काम कर रही है. बिहार राज्य में साइबर क्राइम के लिए 26 फरवरी 2023 से 1930 की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. अभी तक बिहार पुलिस के द्वारा 4500 फर्जी सीम बंद कराने हेतु NCRP को रिक्वेस्ट भेजा गया है, जिसमें 3667 सिम के लिए रिक्वेस्ट स्वीकार किया गया है तथा 2534 सिम को बंद भी किया जा चुका है.
"अब मोबाइल खो जाने पर खुद मोबाइल को पोर्टल के माध्यम से बंद करवा सकते हैं. बढ़ती मोबाइल की चोरी की घटना को देखते हुए यह प्रयास किया गया है. ऑपरेशन खुशी के माध्यम से भी लगातार चोरी की मोबाइल पुलिस के द्वारा बरामद कर लोगों को सौंपी जा रही है." -जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय