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पैरों के नाखुनों में दिखते हैं हाई कोलेस्ट्रॉल के ये लक्षण, नजरअंदाज करने की गलती से भी न करें भूल - YELLOW NAILS HIGH CHOLESTEROL

हमारा शरीर समय-समय पर कुछ संकेत देता रहता है. जानें कि पैर के नाखूनों का रंग बदलना किस बीमारी का संकेत हो सकता है...

These signs of high cholesterol are seen in the nails of the feet, so don't make the mistake of ignoring them
पैरों के नाखुनों में दिखते हैं हाई कोलेस्ट्रॉल के ये लक्षण (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Lifestyle Team

Published : Dec 31, 2024, 2:58 PM IST

हर किसी के शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं- बैड कोलेस्ट्रॉल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) जिसे एलडीएल कहा जाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल (उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) जिसे एचडीएल कहा जाता है. दोनों में एलडीएल मात्रा कम होना चाहिए. लेकिन, बदली जीवनशैली, खान-पान और बुरी लतों के कारण कई लोगों के शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों कहना है कि बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़े लेवल के चलते हृदय रोग और मस्तिष्क स्ट्रोक हो सकता है. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि जब यह खतरा बढ़ता है तो शरीर के माध्यम से कुछ संकेत मिलते हैं. जैसे कि...

  • हमारे शरीर में हाई एलडीएल लेवल के कारण पैर के नाखून नाजुक हो जाते है और टूटने लगते है. विशेषज्ञों का यह भी कहना हैं कि LDL की अधिक मात्रा के चलते नाखून धीरे-धीरे बढ़ते हैं.
  • इसके साथ ही पैर के नाखून हल्के पीले भी हो जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि नाखूनों के बदरंग होने का एक कारण पैरों में ब्लड फ्लो का कम होना भी है.
  • वहीं, हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और पैरों का रंग फीका पड़ जाता है.
  • 2014 में 'जर्नल ऑफ द अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, शरीर में एलडीएल के हाई लेवल वाले लोगों में पीले नाखून होने की अधिक संभावना होती है. इस शोध में अमेरिका के न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में त्वचाविज्ञान के प्रोफेसर डॉ. मार्क एस. लियोनी' ने भाग लिया था.
  • इसके अलावा नाखूनों पर नीले या काले धब्बों को भी खराब कोलेस्ट्रॉल स्तर के रूप में समझा जाता है.

शरीर के अलग-अलग अंग हमें बताते रहते हैं कि हम स्वस्थ हैं या नहीं. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित लोगों में कुछ प्रकार के लक्षण देखे जा सकते हैं. यदि आप इन्हें नजरअंदाज करते हैं और इनकी उपेक्षा करते हैं, तो आपको चेतावनी दी जाती है कि भविष्य में हृदय रोग , ब्रेन स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप जैसी अन्य समस्याएं हो सकती है.

हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल ( LDL की अधिक मात्रा) को कैसे कम करें?

  • विशेषज्ञ के अनुसार, शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार लें.
  • इसके अलावा वसायुक्त खाद्य पदार्थों से भी बचें जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं.
  • शरीर से पसीना निकालने के लिए रोजाना दौड़ना, पैदल चलना, साइकिल चलाना जैसे व्यायाम करें.
  • विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर आसानी से कम हो जाएगा.
  • धूम्रपान से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है. इसलिए इस आदत को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए.
  • अधिक वजन वाले लोग वजन कम करके खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकते हैं.
  • गंभीर तनाव और चिंता भी शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने का एक कारक हो सकता है.
  • इसलिए विशेषज्ञ तनाव कम करने के लिए रोजाना योग और ध्यान करने की सलाह देते हैं.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी कुछ अध्ययनों, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सिफारिशों के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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हर किसी के शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं- बैड कोलेस्ट्रॉल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) जिसे एलडीएल कहा जाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल (उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) जिसे एचडीएल कहा जाता है. दोनों में एलडीएल मात्रा कम होना चाहिए. लेकिन, बदली जीवनशैली, खान-पान और बुरी लतों के कारण कई लोगों के शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों कहना है कि बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़े लेवल के चलते हृदय रोग और मस्तिष्क स्ट्रोक हो सकता है. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि जब यह खतरा बढ़ता है तो शरीर के माध्यम से कुछ संकेत मिलते हैं. जैसे कि...

  • हमारे शरीर में हाई एलडीएल लेवल के कारण पैर के नाखून नाजुक हो जाते है और टूटने लगते है. विशेषज्ञों का यह भी कहना हैं कि LDL की अधिक मात्रा के चलते नाखून धीरे-धीरे बढ़ते हैं.
  • इसके साथ ही पैर के नाखून हल्के पीले भी हो जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि नाखूनों के बदरंग होने का एक कारण पैरों में ब्लड फ्लो का कम होना भी है.
  • वहीं, हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और पैरों का रंग फीका पड़ जाता है.
  • 2014 में 'जर्नल ऑफ द अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, शरीर में एलडीएल के हाई लेवल वाले लोगों में पीले नाखून होने की अधिक संभावना होती है. इस शोध में अमेरिका के न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में त्वचाविज्ञान के प्रोफेसर डॉ. मार्क एस. लियोनी' ने भाग लिया था.
  • इसके अलावा नाखूनों पर नीले या काले धब्बों को भी खराब कोलेस्ट्रॉल स्तर के रूप में समझा जाता है.

शरीर के अलग-अलग अंग हमें बताते रहते हैं कि हम स्वस्थ हैं या नहीं. वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित लोगों में कुछ प्रकार के लक्षण देखे जा सकते हैं. यदि आप इन्हें नजरअंदाज करते हैं और इनकी उपेक्षा करते हैं, तो आपको चेतावनी दी जाती है कि भविष्य में हृदय रोग , ब्रेन स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप जैसी अन्य समस्याएं हो सकती है.

हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल ( LDL की अधिक मात्रा) को कैसे कम करें?

  • विशेषज्ञ के अनुसार, शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार लें.
  • इसके अलावा वसायुक्त खाद्य पदार्थों से भी बचें जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं.
  • शरीर से पसीना निकालने के लिए रोजाना दौड़ना, पैदल चलना, साइकिल चलाना जैसे व्यायाम करें.
  • विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर आसानी से कम हो जाएगा.
  • धूम्रपान से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है. इसलिए इस आदत को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए.
  • अधिक वजन वाले लोग वजन कम करके खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकते हैं.
  • गंभीर तनाव और चिंता भी शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने का एक कारक हो सकता है.
  • इसलिए विशेषज्ञ तनाव कम करने के लिए रोजाना योग और ध्यान करने की सलाह देते हैं.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी कुछ अध्ययनों, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सिफारिशों के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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