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नहीं थम रहा है नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों की हत्या का सिलसिला, कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान आपसी रंजिश को लेकर कई जनप्रतिनिधियों और मुखिया की हत्या कर दी गई. हत्या का मामला अभी थमा नहीं है. चुनावी रंजिश को लेकर आए दिन कहीं न कहीं से हत्या का मामला सामने आ रहा है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

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Published : Dec 16, 2021, 7:59 AM IST

पटना: अंतिम चरण की मतगणना के साथ ही बुधवार को बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) समाप्त हो गया, लेकिन हत्या का सिलसिला लगातार जारी है. चुनाव परिणाम के बाद कई जगहों पर आपसी रंजिश को लेकर अब तक कई जनप्रतिनिधियों की हत्या (Murder of Public Representatives During Election) कर दी गई है. जनप्रतिनिधियों की हत्या के बाद अब कानून व्यवस्था को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

इसे भी पढ़ें: पटना में नवनिर्वाचित मुखिया की हत्या कर भागने का सीसीटीवी फुटेज आया सामने

बीते मंगलवार को फुलवारीशरीफ प्रखंड के रामपुर फरीदपुर पंचायत से दूसरी बार निर्वाचित हुए मुखिया नीरज कुमार (Mukhiya Shot Dead In Patna) की चुनावी रंजिश में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह घटना मंगलवार की सुबह लगभग 9 बजकर 45 मिनट पर फरीदपुर बाजार में घटित हुई थी. जहां रामपुर पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया नीरज कुमार पर बाइक सवार अपराधियों ने हमला करते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग की. जिसमें वो गंभीर रूप से जख्मी हो गए. बाद में अस्पताल ले जाने के क्रम में उनकी मौत हो गई थी.

ये भी पढ़ें: पटना में नवनिर्वाचित मुखिया की हत्‍या, अपराधियों ने दिनदहाड़े गोलियों से भूना

जानकारी के मुताबिक नीरज कुमार दूसरी बार मुखिया निर्वाचित हुए थे. इस बार वे सातंवे चरण के पंचायत चुनाव में रामपुर पंचायत से विजयी हुए थे. उनकी उम्र 35 वर्ष थी. स्थानीय लोगों के मुताबिक बाइक पर सवार दो अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया है. मुखिया को गोली मारने के बाद अपराधी आराम से फरार हो गए.

वहीं, इससे पहले बाढ़ के बाजितपुर इलाके में ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी. जिसमें निर्वाचित मुखिया गोरे लाल यादव, पंडारक थाने के एसआई राजेश कुमार और लाल बहादुर की मौत हो गई थी. वहीं, नौबतपुर के लोदीपुर में नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य संजय वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. धनरूआ प्रखंड में चुनाव प्रचार में डीजे बजाने को लेकर हुए विवाद में जनता और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई थी. उस दौरान दोनों तरफ से फायरिंग की गई थी. जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई.

यही नहीं बख्तियारपुर के सालिमपुर के रूपसपुर महाजी में चुनाव रंजिश में अरविंद सिंह की हत्या कर दी गई थी. जिसमें एक व्यक्ति भी घायल हो गया हुआ था. वहीं, 16 नवंबर को भोजपुर जिले में नवनिर्वाचित मुखिया की हत्या कर दी गई थी. इसके साथ ही साथ चुनावी रंजिश के कारण समस्तीपुर पंचायत से चुनाव लड़ रहे बिजली मिस्त्री को किसी ने लाइन ठीक कराने के बहाने बुलाकर हत्या कर दी थी.

चुनाव के परिणाम के बाद घटित हुई घटनाओं को लेकर पुलिस मुख्यालय काफी गंभीर है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जीतेंद्र सिंह गंगवार की माने, तो स्पीडी ट्रायल चलाकर अपराधियों को सजा दिलायी जाएगी. हालांकि ज्यादातर मामलों में चुनावी रंजिश को लेकर हत्या की गई है. जिन जिलों में इस तरह की घटना घटित हुई है, पुलिस मुख्यालय वहां के डीएम एसपी से रिपोर्ट की मांग कर कार्रवाई करेंगे.

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पटना: अंतिम चरण की मतगणना के साथ ही बुधवार को बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) समाप्त हो गया, लेकिन हत्या का सिलसिला लगातार जारी है. चुनाव परिणाम के बाद कई जगहों पर आपसी रंजिश को लेकर अब तक कई जनप्रतिनिधियों की हत्या (Murder of Public Representatives During Election) कर दी गई है. जनप्रतिनिधियों की हत्या के बाद अब कानून व्यवस्था को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

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बीते मंगलवार को फुलवारीशरीफ प्रखंड के रामपुर फरीदपुर पंचायत से दूसरी बार निर्वाचित हुए मुखिया नीरज कुमार (Mukhiya Shot Dead In Patna) की चुनावी रंजिश में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह घटना मंगलवार की सुबह लगभग 9 बजकर 45 मिनट पर फरीदपुर बाजार में घटित हुई थी. जहां रामपुर पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया नीरज कुमार पर बाइक सवार अपराधियों ने हमला करते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग की. जिसमें वो गंभीर रूप से जख्मी हो गए. बाद में अस्पताल ले जाने के क्रम में उनकी मौत हो गई थी.

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जानकारी के मुताबिक नीरज कुमार दूसरी बार मुखिया निर्वाचित हुए थे. इस बार वे सातंवे चरण के पंचायत चुनाव में रामपुर पंचायत से विजयी हुए थे. उनकी उम्र 35 वर्ष थी. स्थानीय लोगों के मुताबिक बाइक पर सवार दो अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया है. मुखिया को गोली मारने के बाद अपराधी आराम से फरार हो गए.

वहीं, इससे पहले बाढ़ के बाजितपुर इलाके में ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी. जिसमें निर्वाचित मुखिया गोरे लाल यादव, पंडारक थाने के एसआई राजेश कुमार और लाल बहादुर की मौत हो गई थी. वहीं, नौबतपुर के लोदीपुर में नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य संजय वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. धनरूआ प्रखंड में चुनाव प्रचार में डीजे बजाने को लेकर हुए विवाद में जनता और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई थी. उस दौरान दोनों तरफ से फायरिंग की गई थी. जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई.

यही नहीं बख्तियारपुर के सालिमपुर के रूपसपुर महाजी में चुनाव रंजिश में अरविंद सिंह की हत्या कर दी गई थी. जिसमें एक व्यक्ति भी घायल हो गया हुआ था. वहीं, 16 नवंबर को भोजपुर जिले में नवनिर्वाचित मुखिया की हत्या कर दी गई थी. इसके साथ ही साथ चुनावी रंजिश के कारण समस्तीपुर पंचायत से चुनाव लड़ रहे बिजली मिस्त्री को किसी ने लाइन ठीक कराने के बहाने बुलाकर हत्या कर दी थी.

चुनाव के परिणाम के बाद घटित हुई घटनाओं को लेकर पुलिस मुख्यालय काफी गंभीर है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जीतेंद्र सिंह गंगवार की माने, तो स्पीडी ट्रायल चलाकर अपराधियों को सजा दिलायी जाएगी. हालांकि ज्यादातर मामलों में चुनावी रंजिश को लेकर हत्या की गई है. जिन जिलों में इस तरह की घटना घटित हुई है, पुलिस मुख्यालय वहां के डीएम एसपी से रिपोर्ट की मांग कर कार्रवाई करेंगे.

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