पटना: बिहार में इन दिनों राजनीतिक घमासान काफी बढ़ गया है. बिहार में हलचल बढ़ती जा रही है. हाल ही में एआईएसएफ ने महागठबंधन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए अपने बलबूते पर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया. पार्टी ने उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है.
एआईएसएफ के इस फैसले के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कार्यालय में खलबली मच गई है. एआईएसएफ उम्मीदवार अगर चुनाव लड़ते हैं तो इसका खामियाजा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और साथ ही महागठबंधन को भी उठाना पड़ सकता है. वहीं सीधे तौर पर इसका फायदा एनडीए को होगा.
सीपीआई कर सकती है कार्रवाई
सीपीआई अब कार्रवाई के मूड में आ गई है. एआईएसएफ पर सीपीआई कोई कार्रवाई नहीं कर सकती लेकिन एआईएसएफ के कई छात्र नेता सीपीआई के सदस्य हैं. उनपर सीपीआई कार्रवाई करने की सोच रही है. हालांकि पिछले कुछ दिनों से सीपीआई के नेता इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे थे. लेकिन बुधवार को ईटीवी से बात करते हुए सीपीआई नेता रामबाबू कुमार ने कहा कि जो छात्र नेता हमारे सदस्य हैं उन्हें हम समझाएंगे. अगर तब भी नहीं मानते हैं और पार्टी के विरुद्ध कार्य करते तो पार्टी उन पर स्टैंड लेगी और कार्रवाई भी करेगी.