पटनाः बिहार के ग्रामीण चिकित्सकों की बहाली (Recruitment of Rural Doctors), स्वास्थ्य सेवाएं, सम्मानजनक वेतन सहित अन्य मुद्दों को भाकपा माले (CPI ML) 1 दिसंबर को विधानसभा में उठाएगा. ग्रामीण चिकित्सकों के विभिन्न संगठनों के द्वारा कम्युनिटी हेल्थ केयर सर्विसेज फेडरेशन के बैनर तले शनिवार को माले विधायक दल ने कार्यालय में आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया.
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इस बैठक में माले राज्य सचिव कुणाल, डुमरांव विधायक अजीत कुशवाहा के साथ ग्रामीण चिकित्सक संगठनों के कई प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि कोविड काल में ये ग्रामीण चिकित्सक ही थे, जिन्होंने लोगों की जान बचाई थी. लेकिन यह बेहद निराशाजनक है कि इस तबके के प्रति हमारी सरकार का नजरिया बेहद ही संवेदनहीन है.
हमारी सरकारों ने बिना वेतन व सम्मान के लोगों से काम कराने की नीति बना रखी है. ऐसे सभी मद्दों पर हमारी पार्टी आंदोलनकारियों के साथ है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण चिकित्सकों की स्वास्थ्य सेवा नियुक्ति संबंधी अन्य सभी मांगों को विधानसभा में उठाएगी.
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वहीं, डुमरांव विधायक अजीत कुशवाहा ने आगे कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति एवं एनआईओएस के संयुक्त तत्वाधान में लगभग 21 हजार ग्रामीण चिकित्सकों ने सामुदायिक स्वास्थ्य पात्रता पाठ्यक्रम पास किया है. सरकार ने इन सबों से मौखिक वादा भी किया था कि राजकीय स्वास्थ्य व्यवस्था में इनकी नियुक्ति होगी. लेकिन अभी तक न कोई रेगुलेटरी नहीं बनी है और न ही कौंसिल बनी है. यह बेहद अपमानजनक है. उन्होने ग्रामीण चिकित्सकों के साथ वादाखिलाफी का विरोध करने की बात कही है. बैठक में इन मसलों पर आगामी 1 दिसंबर को विधानसभा घेराव करने का निश्चय किया गया.