पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में जीत से उत्साहित भाकपा माले ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. विधानसभा चुनाव में भाकपा माले ने 12 सीटें जीत कर जनाधार मजबूत किया है. लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता भी बढ़ी है.
पांच राज्यों में हो रहे चुनाव की तैयारी में भाकपा माले के नेता जुट गये हैं और अपना मजबूत जनाधार बनाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. जिसको लेकर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जिस तरीके से बिहार विधानसभा चुनाव में रणनीति बनाकर एजेंडा तय करके जनता की समस्याओं को सुनकर उनके समस्याओं को लेकर विधानसभा चुनाव लड़ा था उसी तर्ज पर आगामी सभी विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने की तैयारी की जा रही है.
ये बी पढ़ें- किसान महापंचायत में बोले दीपांकर भट्टाचार्य- किसान विरोधी हैं केंद्र सरकार
विधानसभा चुनाव में माले मजबूती से हिस्सा लेगी
उन्होंने कहा कि बिहार में जो कमी रह गई थी उसे आने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव में पूरा किया जाएगा. हर राज्य में राजनीतिक परिप्रेक्ष्य अलग है और उसके मुताबिक वहां रणनीति बनानी पड़ेगी.
आगामी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में माले मजबूती से हिस्सा लेगी और जीत के इरादे से मैदान में उतरेगी. असम में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम और भाकपा माले का गठबंधन बना है. जिसके तहत सोनीपुर जिले के बीहअली से हमारे नेता कॉमरेड विवेक दास उम्मीदवार होंगे. इसके अलावा पहाड़ी क्षेत्र के चार लोग हमारे उम्मीदवार होंगे. असम में हमारे कुल 5 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे जबकि पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में 12-12 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. जबकि पांडिचेरी में 1 उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा.
ये भी पढ़ें- सरकार डर गई है, इसलिए सत्ता पक्ष के लोग सदन में हंगामा कर रहे हैं -तेजस्वी
इस बार सफलता हाथ लगेगी
भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि केरल में जो वाम लोकतांत्रिक की सरकार है उसे हमारा समर्थन रहेगा. इन राज्यों में हमें अब तक सफलता नहीं मिली है. लेकिन इस बार सफलता जरूर हाथ लगेगी. बंगाल में 2016 के चुनाव में जिन सीटों पर वामपंथी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है, उन्हें भी हम पूरा समर्थन देंगे.
जेएनयू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष आईसी घोष बंगाल से चुनाव लड़ रही हैं, उन्हें हमारा पूरा समर्थन रहेगा. साथ ही जिन राज्यों में चुनाव है, वहां एक हम एक मुहिम चला रहे हैं. हमारी अपील है कि जनता विरोधी सरकार, भाजपा को लोग वोट न करें. जिन सीटों पर हम चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, वहां सबसे मजबूत कैंडेट को भाजपा को हराने के लिए वोट करने को कहेंगे.
जिस तरीके से निजीकरण और किसान आंदोलन के खिलाफ देशभर में आंदोलन चल रहा है. उसका भी इन राज्यों में काफी असर देखने को मिलेगा. जनता सरकार के रवैये को जान चुकी है, इस बार चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाएगी.