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शहीद दिवस पर विशेष: 2 दशकों से बिहार डाक विभाग के एम्बेसडर दंपत्ति जन-जन तक पहुंचा रहे गांधी का संदेश

महात्मा गांधी के आदर्शों और उद्देश्यों को लोगों तक पहुंचाने वाले ये दंपत्ति कलयुग में लोगों को सही रास्ता दिखाने और गांधी के प्रति जागरूकता फैलाने की ठान चुके हैं.

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सुरेंद्र रस्तोगी
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Published : Jan 30, 2020, 10:24 AM IST

Updated : Jan 30, 2020, 11:04 AM IST

कैमूरः जिले के कुदरा थाना क्षेत्र निवासी सुरेंद्र रस्तोगी और उनकी पत्नी कोकिला अनुराधा कृष्णा रस्तोगी डाक विभाग के एंबेसडर हैं. दोनों पिछले 2 दशक से गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं बिहार सरकार ने विभिन्न जिलों में गांधी पर इनकी प्रदर्शनी भी लगाई थी. 30 जनवरी शहीद दिवस के मौके पर हमारे संवाददाता ने उनसे खास बातचीत की. देखें रिपोर्ट

गांधी बनने की प्रेरणा देते हैं सुरेंद्र रस्तोगी
कैमूर जिले के यह गांधी 2001 से ही लगातार महात्मा गांधी के विचारों को समाज के लोगों के बीच बाट रहे हैं. रंग रूप वेषभूषा और विचार से कैमूर के सुरेंद्र रस्तोगी 20 सालों से गांधी के लिए समर्पित हैं. यही नहीं हर साल के 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर को तिरंगा भी फहराते हैं और आज के इस कल युग में लोगों को गांधी बनने की प्रेरणा देते हैं.

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महात्मा गांधी से संबंधीत संग्रहित चीजें

1890 के बाद की सारी घटनाओं का है संग्रह
ईटीवी भारत से हुई एक खास बातचीत में इस दंपत्ति ने बताया कि बापू के सम्मान में 150 देशों के जरिए जारी डाक टिकट, आवरण पत्र और सिक्के समेत गांधी से संबंधित अन्य ऐतिहासिक महत्व की चीजों का वह संग्रह करते हैं. साथ ही कई जिलों में इसकी प्रदर्शनी भी लगा चुके हैं. उन्होंने बताया कि 1852 से आज तक विभिन्न देशों में गांधी के सम्मान में जारी डाक टिकट को इन्होंने इकट्ठा किया है. साथ ही 1890 के बाद की सारी घटनाओं का भी संग्रह किया है.

दंपत्ति से बातचीत करते संवाददाता

ये भी पढ़ेंः बसंत पंचमी की आज धूम, मां सरस्वती की हो रही है पूजा

'बच्चों को देखाने के लिए लगाते हैं प्रदर्शनी'
सुरेंद्र रस्तोगी बताते हैं कि वह संग्रह किये हुए डाक टिकट, सिक्के की प्रदर्शनी बच्चों को दिखाने के लिए हर जगह लगाते हैं. डाक टिकट संग्रह एक जीविकोपार्जन का माध्यम भी है. साथ ही लोगों में खासकर बच्चों में गांधी के प्रति जागरूकता आएगी और डाक टिकट संग्रह करने के लिए प्रेरित होंगे.

महात्मा गांधी से संबंधीत लगाई गई प्रदर्शनी

'गांधी के संदेशों को लोगों तक पहुंचाना ही उद्देश्य है'
सुरेंद्र रस्तोगी की पत्नी कोकिला अनुराधा कृष्णा रस्तोगी ने बताया कि उनका लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ गांधी के विचारों को समाज में बढ़ावा देना है. गांधी ने शांति, अहिंसा और स्वच्छता का संदेश दिया है, गांधी के संदेशों को लोगों तक पहुंचाना ही इनका उद्देश्य है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अनुराधा कृष्णा रस्तोगी ने गांधी के संदेशों को गाकर सुनाया.

कैमूरः जिले के कुदरा थाना क्षेत्र निवासी सुरेंद्र रस्तोगी और उनकी पत्नी कोकिला अनुराधा कृष्णा रस्तोगी डाक विभाग के एंबेसडर हैं. दोनों पिछले 2 दशक से गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं बिहार सरकार ने विभिन्न जिलों में गांधी पर इनकी प्रदर्शनी भी लगाई थी. 30 जनवरी शहीद दिवस के मौके पर हमारे संवाददाता ने उनसे खास बातचीत की. देखें रिपोर्ट

गांधी बनने की प्रेरणा देते हैं सुरेंद्र रस्तोगी
कैमूर जिले के यह गांधी 2001 से ही लगातार महात्मा गांधी के विचारों को समाज के लोगों के बीच बाट रहे हैं. रंग रूप वेषभूषा और विचार से कैमूर के सुरेंद्र रस्तोगी 20 सालों से गांधी के लिए समर्पित हैं. यही नहीं हर साल के 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर को तिरंगा भी फहराते हैं और आज के इस कल युग में लोगों को गांधी बनने की प्रेरणा देते हैं.

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महात्मा गांधी से संबंधीत संग्रहित चीजें

1890 के बाद की सारी घटनाओं का है संग्रह
ईटीवी भारत से हुई एक खास बातचीत में इस दंपत्ति ने बताया कि बापू के सम्मान में 150 देशों के जरिए जारी डाक टिकट, आवरण पत्र और सिक्के समेत गांधी से संबंधित अन्य ऐतिहासिक महत्व की चीजों का वह संग्रह करते हैं. साथ ही कई जिलों में इसकी प्रदर्शनी भी लगा चुके हैं. उन्होंने बताया कि 1852 से आज तक विभिन्न देशों में गांधी के सम्मान में जारी डाक टिकट को इन्होंने इकट्ठा किया है. साथ ही 1890 के बाद की सारी घटनाओं का भी संग्रह किया है.

दंपत्ति से बातचीत करते संवाददाता

ये भी पढ़ेंः बसंत पंचमी की आज धूम, मां सरस्वती की हो रही है पूजा

'बच्चों को देखाने के लिए लगाते हैं प्रदर्शनी'
सुरेंद्र रस्तोगी बताते हैं कि वह संग्रह किये हुए डाक टिकट, सिक्के की प्रदर्शनी बच्चों को दिखाने के लिए हर जगह लगाते हैं. डाक टिकट संग्रह एक जीविकोपार्जन का माध्यम भी है. साथ ही लोगों में खासकर बच्चों में गांधी के प्रति जागरूकता आएगी और डाक टिकट संग्रह करने के लिए प्रेरित होंगे.

महात्मा गांधी से संबंधीत लगाई गई प्रदर्शनी

'गांधी के संदेशों को लोगों तक पहुंचाना ही उद्देश्य है'
सुरेंद्र रस्तोगी की पत्नी कोकिला अनुराधा कृष्णा रस्तोगी ने बताया कि उनका लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ गांधी के विचारों को समाज में बढ़ावा देना है. गांधी ने शांति, अहिंसा और स्वच्छता का संदेश दिया है, गांधी के संदेशों को लोगों तक पहुंचाना ही इनका उद्देश्य है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अनुराधा कृष्णा रस्तोगी ने गांधी के संदेशों को गाकर सुनाया.

Intro:नोट - ऑन टू ऑन हैं। एक्स्ट्रा एक वीडियो डाक टिकट का अटैच्ड हैं। इस्तेमाल के काबिल हैं या नहीं देख लीजिएगा।


कैमूर।

जिलें के कुदरा थानाक्षेत्र निवासी सुरेन्द रस्तोगी और उनकी पत्नी कैमूर कोकिला अनुराधा कृष्णा रस्तोगी डाक विभाग के एंबेसडर हैं। दोनों पिछले 2 दशक से गांधी के विचारों को जन जन तक पहुचाने के लिए कार्यरत हैं। यहीं नही बिहार सरकार विभिन्न जिलों में गांधी पर इनकी प्रदर्शनी भी लगाई थी।


Body:आपकों बतादें कि कैमूर का यह गांधी 2001 से लगातार महात्मा गांधी के विचारों को समाज के लोगों के बीच बाट रहा हैं। रंग रूप वेषभूषा और विचार से कैमूर के सुरेंद्र रस्तोगी 20 सालों से गांधी के लिए समर्पित हैं। यहीं नहीं प्रत्येक साल के 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर को तिरंगा भी फहराते हैं और आज के इस कलयुग में लोगों को गांधी बनने की प्रेरणा देते हैं।


ईटीवी भारत से खास बातचीत में दोनों ने बताया कि बापू के सम्मान में 150 देशों द्वारा जारी डाक टिकट, आवरण पत्र, मैक्सिम कार्ड, मिनियेचर, सिक्के सहित अन्य गांधी संबंधित अन्य ऐतिहासिक और याद महत्व की चीजों को संग्रह का दोनों प्रदेश के कई जिलों में प्रदर्शनी लगा चुके हैं। दोनों ने बताया कि 1852 से आजतक विभिन्न देशों में गांधी के सम्मान में जारी डाक टिकट को इन्होंने इकट्ठा किया हैं। साथ ही 1890 के बाद कि सारी घटनाओं का संग्रह भी किया हैं। इन्होंने बताया कि बिहार सरकार के द्वारा चंपारण, राजगीर और भागलपुर में इनकी प्रदर्शनी लगाई गई थी।

इन्होंने बताया कि बच्चों को संग्रह किये हुए डाक टिकट, सिक्के को देखना के लिए हर जगह प्रदर्शनी लगाती हैं। डाक टिकट संग्रह एक जीवोपार्जन का माध्यम भी हैं। साथ ही लोगों में खासकर बच्चों में गांधी के प्रति जागरूकता आएगी और डाक टिकट संग्रह करने के लिए प्रेरित होंगे।

दोनों ने बताया कि उनका लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ गांधी के विचारों को समाज में बढ़ावा देना हैं। गांधी नें शांति, अहिंसा और स्वच्छता का संदेश दिया हैं। गांधी के संदेशों को लोगों तक पहुँचाना कि इनका उद्देश्य हैं।







Conclusion:
Last Updated : Jan 30, 2020, 11:04 AM IST

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