पटनाः बिहार में चिकित्सकों की कमी एक गंभीर समस्या है और सरकार लगातार इस कमी को दूर करने की बात करती है. दूसरी ओर नीट पीजी के परीक्षा में सफल हुए एमबीबीएस छात्रों की काउंसिलिंग राज्य में अब तक शुरू नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए काउंसलिंग का अंतिम डेट 31 जुलाई निर्धारित की गई है और राज्य में अब तक काउंसलिंग शुरू नहीं हुई है. इस कारण जो छात्र नीट पीजी में सफल हुए हैं. उनके भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही है.
राज्य में पीजी चिकित्सकों की कमी
अन्य राज्यों की अगर हम बात करें तो देश के दूसरे राज्यों में कई राउंड काउंसलिंग की जा चुकी है और केंद्रीय स्तर पर भी पीजी की काउंसलिंग दो बार हो चुकी है. जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई तक काउंसिलिंग समाप्त करने का निर्देश दिया है. उसे देखें तो ऐसा लग रहा है कि आने वाले समय में राज्य में पीजी चिकित्सकों की कमी हो जाएगी, क्योंकि मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल्स में ऐसा माना जाता है कि यह अस्पताल काफी हद तक पीजी डॉक्टर्स पर ही डिपेंडेंट हैं.
राज्य में एक राउंड भी काउंसिलिंग नहीं हुई आयोजित
6 जनवरी 2020 को आयोजित हुए नीट पीजी परीक्षा में उत्तीर्ण हुए एमबीबीएस छात्र डॉक्टर अभिषेक ने कहा कि वह और उनके जैसे बिहार के 400 छात्र मेडिकल की पीजी परीक्षा उत्तीर्ण कर काउंसलिंग के इंतजार में बैठे हैं. काउंसिलिंग की आखिरी तिथि सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई तक रखी है और उन लोगों का दाखिला होना अनिवार्य है. वहीं अभिषेक ने कहा कि यहां एक राउंड भी काउंसिलिंग आयोजित नहीं की गई है. वह चाहते हैं कि उनकी काउंसिलिंग जल्द शुरू हो, ताकि अभी के संक्रमण काल के दौरान वह पीजी चिकित्सक के तौर पर लोगों को सेवा दे सकें.