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छोटे बच्चों के लिए नहीं है कोरोना वैक्सीन, 12 से 18 साल के बच्चों के लिए ट्रायल जारी - Vaccination of young children

बिहार में कोरोना काफी हद तक अभी नियंत्रित है. प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालय खुल चुके हैं और कक्षा 1 से 5 तक के छात्र भी स्कूल जाने लगे हैं. कोरोना प्रदेश में भले ही नियंत्रित है, मगर पूरी तरह से ये अभी खत्म नहीं हुआ है. इसके फैलने की संभावना लगातार बनी हुई है.

पटना
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Published : Mar 3, 2021, 8:33 PM IST

पटना: प्रदेश में तीसरे चरण का कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हो गया है. इसके तहत बुजुर्ग और कोमोरबिड लोगों को वैक्सीनेशन दिया जा रहा है. छोटे बच्चों के अभिभावक कोरोना संक्रमण को लेकर काफी चिंतित हैं. अभिभावक ये जानना चाहते हैं कि क्या छोटे बच्चों के लिए भी कोरोना का कोई टीका है. जिसको लगवाकर वो अपने बच्चे को कोरोना मुक्त कर सके. ऐसे में चिकित्सा जगत के लोगों का कहना है कि अभी जो वैक्सीनेशन चल रहा है, वो छोटे बच्चों के लिए नहीं है.

कोरोना वैक्सीनेशन
कोरोना वैक्सीनेशन

ये भी पढ़ें- ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन के कारण वैक्सीनेशन सेंटरों पर जुट रही भीड़, स्थिति हो रही अनियंत्रित

''अभी जिस वैक्सीन की इमरजेंसी अप्रूवल मिली है. उसके लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर ट्रायल हुआ है. जिन वैक्सीनों को इमरजेंसी अप्रूवल मिली है. कुछ दिनों पूर्व 12 से 18 वर्ष के बच्चों पर ट्रायल शुरू हुआ है. 12 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए कितना डोज होगा और ये कितना कारगर हो रहा है, इस बारे में ट्रायल का डाटा आना बाकी है''- डॉ.दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

डॉ.दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक
डॉ.दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

बच्चों में रिकवरी रेट बहुत अच्छा
डाटा आने के बाद ये वैक्सीन अगर बच्चों में सेफ रहती है, तब इसकी अप्रूवल 12 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए मिल सकती है. उन्होंने कहा कि 0 से 12 वर्ष के बच्चों के बीच या देखा गया है कि कोविड-19 बहुत अधिक शिवियर नहीं होता और इस वजह से उनकी रिकवरी रेट बहुत अच्छी होती है.

कोरोना वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन

बच्चों में इम्यून सिस्टम होता है मजबूत
छोटे बच्चे सामान्यतः कोरोना के लिए एसिंप्टोमेटिक कैरियर होते हैं और इनका इम्यून सिस्टम भी काफी मजबूत रहता है. ऐसी स्थिति में स्कूलों में अगर छोटे बच्चों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन की जाए, हैंड हाइजीन मेंटेन की जाए और चेहरे पर मास्क फॉलो कराया जाए, तो निश्चित रूप से बच्चे कोरोना से दूर रहेंगे.

डॉ. एसपी विनायक, डीआईओ, पटना
डॉ. एसपी विनायक, डीआईओ, पटना

''स्कूलों में कोविड-19 का गाइडलाइन फॉलो हो रहा है या नहीं इसकी निगरानी के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग ये तय कर रहा है कि स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन की चेकिंग को लेकर औचक निरीक्षण का प्रावधान तैयार किया जाए, ताकि स्कूल संचालक भी गंभीरता से नियमों को फॉलो करें''- डॉ. एसपी विनायक, डीआईओ, पटना

देखिए रिपोर्ट

कोविड नियमों की पालना जरूरी
पटना के डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉक्टर एसपी विनायक ने बताया कि अभी वैक्सीन छोटे बच्चों के लिए नहीं है. मगर छोटे बच्चों के स्कूल खुल चुके हैं. ऐसे में सभी स्कूलों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल अनिवार्यता से फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं. स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वो ये सुनिश्चित करें कि छोटे बच्चे निरंतर हाथ पानी या साबुन से साफ करते रहे और चेहरे पर मास्क पहने.

पटना: प्रदेश में तीसरे चरण का कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हो गया है. इसके तहत बुजुर्ग और कोमोरबिड लोगों को वैक्सीनेशन दिया जा रहा है. छोटे बच्चों के अभिभावक कोरोना संक्रमण को लेकर काफी चिंतित हैं. अभिभावक ये जानना चाहते हैं कि क्या छोटे बच्चों के लिए भी कोरोना का कोई टीका है. जिसको लगवाकर वो अपने बच्चे को कोरोना मुक्त कर सके. ऐसे में चिकित्सा जगत के लोगों का कहना है कि अभी जो वैक्सीनेशन चल रहा है, वो छोटे बच्चों के लिए नहीं है.

कोरोना वैक्सीनेशन
कोरोना वैक्सीनेशन

ये भी पढ़ें- ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन के कारण वैक्सीनेशन सेंटरों पर जुट रही भीड़, स्थिति हो रही अनियंत्रित

''अभी जिस वैक्सीन की इमरजेंसी अप्रूवल मिली है. उसके लिए 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर ट्रायल हुआ है. जिन वैक्सीनों को इमरजेंसी अप्रूवल मिली है. कुछ दिनों पूर्व 12 से 18 वर्ष के बच्चों पर ट्रायल शुरू हुआ है. 12 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए कितना डोज होगा और ये कितना कारगर हो रहा है, इस बारे में ट्रायल का डाटा आना बाकी है''- डॉ.दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

डॉ.दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक
डॉ.दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

बच्चों में रिकवरी रेट बहुत अच्छा
डाटा आने के बाद ये वैक्सीन अगर बच्चों में सेफ रहती है, तब इसकी अप्रूवल 12 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए मिल सकती है. उन्होंने कहा कि 0 से 12 वर्ष के बच्चों के बीच या देखा गया है कि कोविड-19 बहुत अधिक शिवियर नहीं होता और इस वजह से उनकी रिकवरी रेट बहुत अच्छी होती है.

कोरोना वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन

बच्चों में इम्यून सिस्टम होता है मजबूत
छोटे बच्चे सामान्यतः कोरोना के लिए एसिंप्टोमेटिक कैरियर होते हैं और इनका इम्यून सिस्टम भी काफी मजबूत रहता है. ऐसी स्थिति में स्कूलों में अगर छोटे बच्चों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन की जाए, हैंड हाइजीन मेंटेन की जाए और चेहरे पर मास्क फॉलो कराया जाए, तो निश्चित रूप से बच्चे कोरोना से दूर रहेंगे.

डॉ. एसपी विनायक, डीआईओ, पटना
डॉ. एसपी विनायक, डीआईओ, पटना

''स्कूलों में कोविड-19 का गाइडलाइन फॉलो हो रहा है या नहीं इसकी निगरानी के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग ये तय कर रहा है कि स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन की चेकिंग को लेकर औचक निरीक्षण का प्रावधान तैयार किया जाए, ताकि स्कूल संचालक भी गंभीरता से नियमों को फॉलो करें''- डॉ. एसपी विनायक, डीआईओ, पटना

देखिए रिपोर्ट

कोविड नियमों की पालना जरूरी
पटना के डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉक्टर एसपी विनायक ने बताया कि अभी वैक्सीन छोटे बच्चों के लिए नहीं है. मगर छोटे बच्चों के स्कूल खुल चुके हैं. ऐसे में सभी स्कूलों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल अनिवार्यता से फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं. स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वो ये सुनिश्चित करें कि छोटे बच्चे निरंतर हाथ पानी या साबुन से साफ करते रहे और चेहरे पर मास्क पहने.

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