पटना: देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य सरकार ने पटना जंक्शन (Patna Junction) पर बाहर से आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच की व्यवस्था कर दी है. पटना जंक्शन के गेट नंबर 3 पर 4 स्वास्थ्यकर्मी एएनएम को लगाया गया है. साथ ही जिला प्रशासन द्वारा 4 जवान को भी लगाया गया है. जो आने जाने वाले यात्रियों को बुलाकर कोविड-19 जांच करवाते हैं.
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रेलवे पुलिस प्रशासन भी गुजरात, महाराष्ट्र, केरल से आने वाले यात्रियों को बकायदा कतार में करवाकर जांच करवाते हैं. साथ ही साथ बाहर से आने वाले जिन यात्रियों को जांच करवाना होता है, वह स्वयं काउंटर पर चले आते हैं. वह अपनी कोविड जांच करवाते हैं.
बता दें कि फेस्टिव सीजन शुरू हो रहा है. ऐसे में बिहार के लोगों का बाहर प्रदेशों से लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है. गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र से लोग ट्रेन से लौट रहे हैं. बहुत सारे ऐसे यात्री हैं जो बिन मास्क के भी नजर आते हैं. उन लोगों को मास्क को लेकर जागरूक जरूर किया जाता है. लेकिन उसके बाद लोग भी लापरवाह दिखने लगते हैं.
जिला स्वास्थ समिति द्वारा लगे एएनएम एंटीजन किट माध्यम से यात्रियों की जांच करते हैं. इस कड़ी में आज सुबह से लेकर के संध्या 6 बजे तक लगभग 350 यात्रियों की कोरोना जांच की गई है. हालांकि किसी में भी संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए हैं. जिन यात्रियों की कोरोना जांच की जाती है, उन यात्रियों को रिसिविंग भी दी जाती है. एएनएम द्वारा यात्रियों का पता, मोबाइल नंबर, नाम, लिखा जाता है.
राज्य सरकार के आदेश के बाद पटना जंक्शन पर रेलवे पुलिस प्रशासन या स्वास्थ्य कर्मी मुस्तैद दिख रहे हैं. आने-जानेवाले अधिक से अधिक लोगों को रेलवे स्टेशन पर ही जांच किया जा रहा है.
हालांकि सवाल यह भी है कि पटना जंक्शन के गेट नंबर 3 पर ही सिर्फ जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मी को लगाया गया है. जबकि यात्रियों के आने जाने के लिए पटना जंक्शन के गेट नंबर 1, 2, 4 उपलब्ध है. लेकिन यहां किसी भी तरह की जांच की टीम की मौजूदगी नहीं है.
हालांकि इस मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम हमेशा से प्रमुखता से इस खबर उठाती रही है. लेकिन इसके बावजूद भी रेलवे प्रशासन और जिला स्वास्थ समिति सक्रिय नहीं दिख रही है. प्रमुख गेट को छोड़कर पटना जंक्शन के किसी भी गेट पर कोविड-19 जांच या पूछताछ के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. अधिकांश यात्री दूसरे गेट से निकलकर आसानी से गंतव्य स्थान तक जाते हैं. इस तरह की लापरवाही अगर पटना जंक्शन पर होती रही तो यह लापरवाही कहीं बिहार पर भारी ना पड़ जाए.
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