पटना: पूर्व मध्य रेल का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन पटना जंक्शन आज वीरान पड़ा हुआ है. यहां रोजाना तकरीबन 200 से ज्यादा यात्री ट्रेन आती-जाती हैं. लेकिन लॉकडाउन के बाद से यह स्टेशन पहली बार यात्रियों की राह देख रहा है. वहीं, यहां के कुली अपना दर्द बयां कर रहे हैं.
वर्ष 1861 में पटना जंक्शन की स्थापना हुई थी, तब से यहां हर रोज ट्रेनों का आवागमन होता रहा है. लेकिन लॉकडाउन ने सभी ट्रेनों की स्पीड ब्रेक लगा दिया है. पटना स्टेशन पर 170 कुली हर रोज लोगों का समान और पार्सल का उठाते थे. उनकी कमाई अब बंद हो गई है. इस बाबत ईटीवी भारत ने जब कुलियों से पूछा, तो कुली यूनियन के अध्यक्ष मुंशी यादव ने बताया कि जितने रुपये थे वो सब खर्च हो गए हैं. कर्ज लेकर परिवार का भरण पोषण हो रहा है. पहले लॉकडाउन तक ठीक था लेकिन दूसरे लॉकडाउन ने कमर तोड़ दी है.
- मुंशी यादव ने कहा कि हम मीडिया के माध्यम से सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं कि हमारी भी कुछ मदद की जाए.
दुकानें और होटल भी बंद
पटना जंक्शन पर 20 से ज्यादा दुकानों के स्टॉल हैं, जो सभी बंद हैं. दुकानदार अपने घरों में कैद हैं. वहीं, जंक्शन के बाहर 1 किलोमीटर के दायरे में 100 से ज्यादा होटल हैं, ये सभी भी बंद हैं. कुल मिलाकर इनको भी घाटा हो रहा है.
5 लाख लोगों से पटा रहता है जंक्शन
पटना जंक्शन के स्टेशन निदेशक डॉ. नीलेश कुमार ने बताया कि दानापुर रेल मंडल में 250 अधिक गाड़ियां चलती हैं. वहीं, पटना जंक्शन से 200 से अधिक रेलगाड़ियां गुजरती हैं. उन्होंने बताया कि लॉक डाउन की अवधि में पटना जंक्शन पर साफ-सफाई और रिपेयरिंग से जुड़ी सभी कामों को किया जा रहा है. मालगाड़ी (पार्सल गाड़ियां) और स्टाफ स्पेशल ट्रेन चल रही है. इस कारण रेलकर्मी भी पटना जंक्शन पर ड्यूटी करने आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि 30 से 33% कर्मियों को ही ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रहे.
स्टेशन निदेशक डॉ. निलेश कुमार ने बताया कि पटना जंक्शन पर अन्य दिनों में रोजाना पांच लाख के करीब फुटफाल्स रहते हैं और महीने में पटना जंक्शन की 15 करोड़ रुपए के लगभग आय होती है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण पटना जंक्शन को महीने में 15 करोड रुपए तक का नुकसान हो रहा है.
- ट्रेनों के बंद होने से जहां रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, इससे जुड़े लोगों भी आर्थिक चपेट में हैं. सभी को इंतजार है, तो सिर्फ इस बात का कि हालात पहले जैसे कब होंगे.