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PU पुस्तकालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन, लाइब्रेरी कोर्स के छात्रों को दी गई डिग्री - लाइब्रेरियन

पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति ने कहा कि स्कूल कॉलेज, विश्वविद्यालय और विभिन्न विभागों में लाइब्रेरियन के पद पर बहाली होने जा रही है, इसलिए जो भी इस विषय पर पढ़ाई कर रहे हैं. तो उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

पीयू
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Published : Sep 9, 2019, 8:10 PM IST

पटना: पीयू के केंद्रीय पुस्तकालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें 2015-18 सत्र के 17 छात्र-छात्राओं को डिग्री दी गई. इस मौके पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी सहित अन्य गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

'भारत में ऐसी लाइब्रेरी कहीं नहीं'
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय पुस्तकालय के डायरेक्टर प्रोफेसर रविंद्र प्रसाद ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय के सेंट्रल लाइब्रेरी का इतिहास वर्षों पुराना है. उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर भारत में ऐसी लाइब्रेरी कहीं नहीं है. सेंट्रल लाइब्रेरी में कई दुर्लभ पांडुलिपियों की किताब आज भी सुरक्षित है. वहीं, सेंट्रल लाइब्रेरी में कई कोर्स भी करवाए जाते हैं, और अब इसे डिजिटल कर दिया गया है. जिससे छात्रों को काफी फायदा होगा.

दीक्षांत समारोह का आयोजन

'नई सूचना क्रांति का द्योतक है लाइब्रेरियन'
पीयू के कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति पर स्कूल कॉलेज और विभिन्न विभागों में लाइब्रेरियन के पद पर पुरजोर बहाली होने जा रही है. इसलिए जो भी इस विषय पर पढ़ाई कर रहे हैं. तो उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. बढ़ती टेक्नोलॉजी और नई सूचना क्रांति में लाइब्रेरियन का पद हमेशा सुरक्षित रहेगा. इस पुस्तकालय का इतिहास पुराना है और विभिन्न विभागों में भी पुस्तकालय का अहम रोल माना जाता है, इसलिए लाइब्रेरियन नई सूचना क्रांति का द्योतक है.

patna
छात्र-छात्रा को किया गया सम्मानित

पहनाई गई पीली पगड़ी
पीयू कुलपति ने कहा कि आज जो आपको पीली पगड़ी मिल रही है. उसे शिक्षा जगत के नगीना कहे जाने वाले मदन मोहन मालवीय ने धारण किया था और आज के दिनो में उत्कृष्ट शिक्षा के लिए यह उपाधि प्रदान की जाती है. उन्होंने कहा कि उपाधि प्रदान करने के बाद आप ना केवल अपने परिवार बल्कि समाज और इस कॉलेज का भी नाम रोशन करेंगे.

patna
उपाधि लेती छात्रा

पटना: पीयू के केंद्रीय पुस्तकालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें 2015-18 सत्र के 17 छात्र-छात्राओं को डिग्री दी गई. इस मौके पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी सहित अन्य गणमान्य लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

'भारत में ऐसी लाइब्रेरी कहीं नहीं'
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय पुस्तकालय के डायरेक्टर प्रोफेसर रविंद्र प्रसाद ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय के सेंट्रल लाइब्रेरी का इतिहास वर्षों पुराना है. उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर भारत में ऐसी लाइब्रेरी कहीं नहीं है. सेंट्रल लाइब्रेरी में कई दुर्लभ पांडुलिपियों की किताब आज भी सुरक्षित है. वहीं, सेंट्रल लाइब्रेरी में कई कोर्स भी करवाए जाते हैं, और अब इसे डिजिटल कर दिया गया है. जिससे छात्रों को काफी फायदा होगा.

दीक्षांत समारोह का आयोजन

'नई सूचना क्रांति का द्योतक है लाइब्रेरियन'
पीयू के कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति पर स्कूल कॉलेज और विभिन्न विभागों में लाइब्रेरियन के पद पर पुरजोर बहाली होने जा रही है. इसलिए जो भी इस विषय पर पढ़ाई कर रहे हैं. तो उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. बढ़ती टेक्नोलॉजी और नई सूचना क्रांति में लाइब्रेरियन का पद हमेशा सुरक्षित रहेगा. इस पुस्तकालय का इतिहास पुराना है और विभिन्न विभागों में भी पुस्तकालय का अहम रोल माना जाता है, इसलिए लाइब्रेरियन नई सूचना क्रांति का द्योतक है.

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छात्र-छात्रा को किया गया सम्मानित

पहनाई गई पीली पगड़ी
पीयू कुलपति ने कहा कि आज जो आपको पीली पगड़ी मिल रही है. उसे शिक्षा जगत के नगीना कहे जाने वाले मदन मोहन मालवीय ने धारण किया था और आज के दिनो में उत्कृष्ट शिक्षा के लिए यह उपाधि प्रदान की जाती है. उन्होंने कहा कि उपाधि प्रदान करने के बाद आप ना केवल अपने परिवार बल्कि समाज और इस कॉलेज का भी नाम रोशन करेंगे.

patna
उपाधि लेती छात्रा
Intro:पटना विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय का दीक्षांत समारोह का आयोजन


Body:पटना विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय का आज दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया जहां पर 2015 -18 के 17 छात्र छात्राओं के बीच उपाधि प्रदान की गई, इस मौके पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी एवं अन्य गणमान्य कार्यक्रम में शिरकत किए और कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया।

कार्यक्रम को संबोधन करते हुए केंद्रीय पुस्तकालय के निदेशक प्रोफेसर रविंद्र प्रसाद ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय का सेंट्रल लाइब्रेरी जिसका इतिहास वर्षों का रहा है और पूरे उत्तर भारत में ऐसा कहीं भी लाइब्रेरी नहीं है जहां का इतिहास 14वीं सदी से लेकर के 21वी सदी तक का इतिहास को समेटे हुए हैं, सेंट्रल लाइब्रेरी में कई दुर्लभ पांडुलिपियों का आज भी सुरक्षित है वही सेंट्रल लाइब्रेरी में कई कोर्स भी करवाए जाते हैं और अब डिजिटल कर दिया गया है




Conclusion:वहीं पीयू कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी बिहारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति पर विभिन्न स्कूल कॉलेज विश्वविद्यालय एवं विभिन्न विभागों में लाइब्रेरियन के पद पर पुरजोर बहाली होने जा रही है, इसलिए जो भी इस विषय पर पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, बढ़ते टेक्नोलॉजी और नई सूचना क्रांति में लाइब्रेरी के पद हमेशा सुरक्षित रहते हैं, पुस्तकालय का इतिहास पुराना है विभिन्न विभागों में भी पुस्तकालय का अहम रोल माना जाता है, इसलिए लाइब्रेरियन वह नई सूचना क्रांति का घोतक है आज जो आपको पिली पगडी मिल रही है वह शिक्षा जगत के नगीना कहे जाने वाले मदन मोहन मालवीय ने इस पकड़ी को धारण किया था और आज के दिनो में उत्कृष्ट शिक्षा के लिए यह उपाधि प्रदान की जाती है, जो आज आप सब को दी जा रही है आज उपाधि प्रदान करने के बाद आप ना केवल अपने परिवार के लिए बल्कि समाज और इस कॉलेज का भी नाम रोशन करेंगे


बाईट:-रविंद्र प्रसाद
निदेशक, केंद्रीय पुस्तकालय पटना विश्वविद्यालय
बाइट:- प्रोफेसर रासबिहारी
कुलपति ,पटना विश्वविद्यालय
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