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बंगले को लेकर सियासी ड्रामा फिर शुरू, सुमो बोले- नहीं मिल सकती क्लीन चिट

भवन निर्माण विभाग के क्लीन चिट देने पर उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने कोई क्लीन चिट नहीं दी है.

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Published : Jun 23, 2019, 6:06 PM IST

पटना: बिहार का पांच देश रत्न मार्ग बंगला लंबे समय से राजनीतिक विवादों में है. पहले तेजस्वी के बंगला खाली नहीं करने पर सुर्खियों में आया. फिर जब सुप्रीम कोर्ट के दंड लगाने के बाद भी तेजस्वी यादव ने इसे खाली नहीं किया तो यह चर्चा का विषय बना. बाद में बंगले में सुशील मोदी के शिफ्ट करने के बाद सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगा. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने उस समय कहा था इस बंगले में जिस ढंग से साज-सज्जा की गई है. वैसे में मुख्यमंत्री आवास भी फेल है.

ईटीवी संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

सुमो ने बंगले की जांच की बात भी कही थी. लेकिन, इसके बावजूद भवन निर्माण विभाग ने तेजस्वी यादव को क्लीन चिट दे दी. भवन निर्माण विभाग के क्लीन चिट देने पर उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सवाल खड़ा किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार ने कोई क्लीन चिट नहीं दी है. सुमो ने ट्वीट में फिर से वही बात दोहरायी कि तेजस्वी यादव ने अपने पद का दुरुपयोग और फिजूलखर्ची कर बंगले पर कब्जा नहीं जमाया होता तो सुप्रीम कोर्ट को 50000रुपये का दंड लगा कर बंगला खाली कराने के लिए जरूरत नहीं पड़ती.

क्लीन चिट की बात को किया खारिज
एक तरफ भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार और विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव को करोड़ों खर्च करने के मामले में क्लीन चिट दे दिया. तो वहीं, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट में कहा है कि कोई क्लीनचिट सरकार ने नहीं दी है. बिहार में बंगले को लेकर भवन निर्माण विभाग और उप मुख्यमंत्री के बीच सियासी ड्रामा शुरू हो गया है.

ट्वीट में गिनवाई खासियत
सुशील मोदी ने ट्वीट में यह भी कहा है कि आखिर तेजस्वी यादव ने किस प्रावधान के तहत केवल कमरे में ही नहीं बल्कि शौचालय तक में 44 एसी लगवाए. बंगला में 35 महंगे लेदर सोफा, विदेशी ग्रेनाइट/ मार्बल दीवारों पर वुडेन पैनलिंग, वूडेन फ्लोरिंग, मॉड्यूलर किचन, 464 महंगी एलईडी लाइट, 108 पंखा, लाखों का विलियर्स टेबल और कीमती पर्दे पर अनाप-शनाप सरकारी धन खर्च किया गया.

patna
राजद नेता और बीजेपी नेता आमने-सामने

सुमो राजनीति कर रहे हैं- RJD
भवन निर्माण विभाग के क्लीनचिट देने पर सुशील मोदी की ओर से उठाये सवाल पर आरजेडी ने कहा है कि सुशील मोदी राजनीति कर रहे हैं. तो वहीं, बीजेपी के नेता लाल बाबू ने कहा कि जब इतना फिजूलखर्च हुआ है तो क्लीन चिट कैसे दिया जा सकता है.

पटना: बिहार का पांच देश रत्न मार्ग बंगला लंबे समय से राजनीतिक विवादों में है. पहले तेजस्वी के बंगला खाली नहीं करने पर सुर्खियों में आया. फिर जब सुप्रीम कोर्ट के दंड लगाने के बाद भी तेजस्वी यादव ने इसे खाली नहीं किया तो यह चर्चा का विषय बना. बाद में बंगले में सुशील मोदी के शिफ्ट करने के बाद सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगा. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने उस समय कहा था इस बंगले में जिस ढंग से साज-सज्जा की गई है. वैसे में मुख्यमंत्री आवास भी फेल है.

ईटीवी संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट

सुमो ने बंगले की जांच की बात भी कही थी. लेकिन, इसके बावजूद भवन निर्माण विभाग ने तेजस्वी यादव को क्लीन चिट दे दी. भवन निर्माण विभाग के क्लीन चिट देने पर उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सवाल खड़ा किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार ने कोई क्लीन चिट नहीं दी है. सुमो ने ट्वीट में फिर से वही बात दोहरायी कि तेजस्वी यादव ने अपने पद का दुरुपयोग और फिजूलखर्ची कर बंगले पर कब्जा नहीं जमाया होता तो सुप्रीम कोर्ट को 50000रुपये का दंड लगा कर बंगला खाली कराने के लिए जरूरत नहीं पड़ती.

क्लीन चिट की बात को किया खारिज
एक तरफ भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार और विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव को करोड़ों खर्च करने के मामले में क्लीन चिट दे दिया. तो वहीं, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट में कहा है कि कोई क्लीनचिट सरकार ने नहीं दी है. बिहार में बंगले को लेकर भवन निर्माण विभाग और उप मुख्यमंत्री के बीच सियासी ड्रामा शुरू हो गया है.

ट्वीट में गिनवाई खासियत
सुशील मोदी ने ट्वीट में यह भी कहा है कि आखिर तेजस्वी यादव ने किस प्रावधान के तहत केवल कमरे में ही नहीं बल्कि शौचालय तक में 44 एसी लगवाए. बंगला में 35 महंगे लेदर सोफा, विदेशी ग्रेनाइट/ मार्बल दीवारों पर वुडेन पैनलिंग, वूडेन फ्लोरिंग, मॉड्यूलर किचन, 464 महंगी एलईडी लाइट, 108 पंखा, लाखों का विलियर्स टेबल और कीमती पर्दे पर अनाप-शनाप सरकारी धन खर्च किया गया.

patna
राजद नेता और बीजेपी नेता आमने-सामने

सुमो राजनीति कर रहे हैं- RJD
भवन निर्माण विभाग के क्लीनचिट देने पर सुशील मोदी की ओर से उठाये सवाल पर आरजेडी ने कहा है कि सुशील मोदी राजनीति कर रहे हैं. तो वहीं, बीजेपी के नेता लाल बाबू ने कहा कि जब इतना फिजूलखर्च हुआ है तो क्लीन चिट कैसे दिया जा सकता है.

Intro:पटना-- बिहार में पांच देश रत्न मार्ग बंगला लंबे समय से राजनीतिक विवादों में है पहले तेजस्वी यादव के उप मुख्यमंत्री से हटने के बाद भी बंगला नहीं छोड़ने के कारण विवाद रहा और सुप्रीम कोर्ट के दंड लगाने के बाद जब बांग्ला छोडा तो सुशील मोदी के शिफ्ट करने के बाद सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगा उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने उस समय कहा था इस बंगला में जिस ढंग से साज सज्जा की गई है मुख्यमंत्री आवास भी फेल है और जांच की बात भी कही थी लेकिन इसके बावजूद भवन निर्माण विभाग ने तेजस्वी यादव को क्लीन चिट दे दिया भवन निर्माण विभाग की क्लीन चिट देने पर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सवाल खड़ा किया है मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार ने नहीं दिया कोई क्लीन चिट ।अपने ट्वीट में फिर से कहा कि तेजस्वी यादव ने अपने पद का दुरुपयोग और फिजूलखर्ची कर बंगले पर कब्जा नहीं जमाया होता तो सुप्रीम कोर्ट को ₹50000 का दंड लगा कर बंगला खाली कराने के लिए जरूरत नहीं पड़ती।
पेश है खास रिपोर्ट--


Body: एक तरफ भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार और विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव को करोड़ों खर्च करने के मामले में क्लीन चिट दे दिया तो वहीं उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि सरकार ने ट्वीट में कहा है कि कोई क्लीनचिट सरकार ने नहीं दी है। बिहार में बंगला को लेकर भवन निर्माण विभाग और उप मुख्यमंत्री के बीच सियासी ड्रामा शुरू हो गया है ।
भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव और मंत्री के क्लीन चिट के जवाब में सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में कहा है की बंगला के साज सज्जा पर अपने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों खर्च कराने के मामले में सरकार ने तेजस्वी यादव को कोई क्लीन चिट नहीं दी है।भवन निर्माण विभाग के अतिरिक्त पूल निर्माण निगम से 59 लाख का कीमती फर्नीचर मंगवाया था । मोदी ने ट्वीट में कहा कि आखिर तेजस्वी यादव ने किस प्रावधान के तहत केवल कमरे में ही नहीं बल्कि शौचालय तक में 44 एसी लगवाए 35 महंगे लेदर सोफा, विदेशी ग्रेनाइट/ मार्बल दीवारों पर वुडेन पैनलिंग,वूडेन फ्लोरिंग, मॉड्यूलर किचन, 464 महंगी एन एल ई डी लाइट 108 पंखा लाखों का विलियर्स टेबल और कीमती पर्दे पर अनाप-शनाप सरकारी धन खर्च किया।
सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि तेजस्वी यादव की फिजूलखर्ची और बंगले की 7 स्टार वाली साज सज्जा के बाद ही तो भवन निर्माण विभाग को नया गाइडलाइन जारी करना पड़ा है ताकि भविष्य में कोई व्यक्ति तेजस्वी यादव की तरह सरकारी धन का दुरुपयोग नहीं कर सके अगर तेजस्वी यादव ने अपने पद का दुरुपयोग और फिजूल खर्ची कर बंगले पर कब्जा नहीं जमाया होता तो सुप्रीम कोर्ट को ₹50000 का दंड लगाकर उन्हें बंगला खाली करने के लिए बाध्य नहीं करना पड़ता।
भवन निर्माण विभाग के क्लीनचिट देने पर सुशील मोदी के उठाये सवाल पर आरजेडी ने कहा कि सुशील मोदी राजनीति कर रहे हैं तो वहीं बीजेपी के नेता लाल बाबू ने कहा कि जब इतना फिजूलखर्ची हुआ तो क्लीन चिट कैसे दिया जा सकता है।
बाइट्स-- अब्दुल बारी सिद्धकी आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री
लाल बाबू प्रसाद, बीजेपी के पूर्व विधान पार्षद


Conclusion:अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुमति के बिना भवन निर्माण विभाग तेजस्वी यादव को कैसे क्लीन चिट दे सकता है। क्लीन चिट देने से पहले न तो उसकी जांच कराई गई और अब सुशील मोदी के ट्वीट के बाद विभागीय मंत्री अशोक चौधरी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। ऐसे में बंगला पर सियासी ड्रामा आगे और लंबा खींच सकता है साथ ही एन डी ए सरकार के लिए आगे एक बड़ी परेशानी बन सकती है।
अविनाश, पटना।
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