पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिये अमर्यादित बयानबाजी (Controversial statement of Lalan Singh) को लेकर सूबे में तरह-तरह के बयान बाजी हो रही है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि यह काम भारतीय जनता पार्टी के लोग करते हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक समय में बिहार आकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के डीएनए की बात की थी तब उस समय में भारतीय जनता पार्टी के लोगों को वह खराब नहीं लगा था, लेकिन अगर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बहरूपिया कह दिया तो उसके बाद बीजेपी के लोग तरह-तरह के बयान दे रहे हैं. वह कहीं से भी असंसदीय शब्द नहीं है. प्रधानमंत्री हमेशा राहुल गांधी और सोनिया गांधी को लेकर बयान देते हैं और किस तरह का बयान देते हैं यह उन्हें याद नहीं रहता है. तो भाजपा के लोगों को समझना चाहिए कि और संसदीय भाषा का इस्तेमाल कभी भी बयानबाजी में विपक्ष के लोग नहीं कर रहे हैं जो कुछ दिख रहा है उससे स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी के लोग ही अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल लगातार करते रहे हैं.
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भाजपा नेता में बौखलाहट ज्यादा है: राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हाल में ही भारतीय जनता पार्टी बिहार में सत्ता से अलग हुई है और यही कारण है कि बिहार में जो भाजपा के नेता है उसमें बौखलाहट ज्यादा है. कोई भी भाषा अगर हम लोग बोले तो उन्हें असंसदीय लगता है. गैर जिम्मेदाराना लगता है लेकिन सच्चाई यही है कि विपक्ष से ज्यादा सत्ता पक्ष यानी भारतीय जनता पार्टी के जो नेता है वह लगातार और संसदीय भाषा का इस्तेमाल विपक्ष पर निशाना साधने के दौरान करते हैं. ऐसे लिए हमारा यह मानना है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अगर प्रधानमंत्री को बहरूपिया कहा है तो यह कहीं से भी और संसदीय नहीं है.
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सभी के खाते में 15-15 लाख रुपए आएंगे क्या वह आ गया ऐसा नहीं हुआ. दो करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष रोजगार दिया जाएगा. वह भी नहीं हो पाया क्या यह छल नहीं है. धोखा नहीं है तो क्या है. जनता जानती है कि सबसे ज्यादा और अमर्यादित भाषा का प्रयोग अगर कोई करता है तो वह भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं." -मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता
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