पटना: टीचर्स डे के मौके पर बिहार में सरकार और शिक्षक आमने-सामने हैं. प्रशासन की बंदिशों के बावजूद, लाखों नियोजित शिक्षक 'समान काम, समान वेतन' की मांग को लेकर गर्दनीबाग प्रदर्शन करने पहुंचे हैं. गर्दनीबाग के आसपास सभी सड़कें जाम हो गई हैं.
खास बात यह है कि शिक्षकों के प्रदर्शन को लेकर प्रमंडल आयुक्त आनंद किशोर ने सभी प्रमुख स्थलों पर पुलिस बलों एवं दण्डाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति का निर्देश दिया था. जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. प्रशासन ने लगभग 800 पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की है, लेकिन इस भीड़ को रोकने के लिए उतने पुलिस बल भी कम पड़ सकते हैं.
'शिक्षकों के हित में काम करते रहेंगे'
वहीं सीएम ने कहा कि नियोजित शिक्षकों नसीहत देते हुए कहा है कि आपके हक में सबकुछ हमने किया. आज जो लोग नियोजित शिक्षकों के पक्ष में बयानबाजी करते हैं. वो पहले क्या बोलते थे, ये भी सब जानते हैं. सब कुछ अपनी जगह है लेकिन हम फिर भी शिक्षक के हित के लिए काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि कहा सिर्फ आपलोग बच्चों को पढ़ाइये. अगर नहीं पढ़ाएंगे तो हमें तकलीफ होगी.
सरकारी अल्टिमेटम को किया दरकिनार
हालांकि पुलिस ने नाकेबंदी कर कई रास्तों को बंद कर दिया है, बावजूद इसके लाखों की संख्या में शिक्षकों का हुजूम उमड़ा है. जबकि सरकार ने पहले ही आदेश जारी किया था कि शिक्षक दिवस के दिन सभी शिक्षक अपने स्कूल में होंगे और कार्यक्रम आयोजित करेंगे. सरकार ने अल्टीमेटम दिया था कि अगर कोई शिक्षक 5 सितंबर को अपने विद्यालय से अनुपस्थित पाया जाता है तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
नहीं मिली थी परमिशन
शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर खासतौर से इस दिन को चुना. पहले उन्होंने पटना के गांधी मैदान में प्रदर्शन करने का फैसला किया, लेकिन सरकार ने इसकी परमिशन नहीं दी. फिर राजधानी के संजय गांधी स्टेडियम को चुना गया, सरकार ने इसे भी सील कर दिया. इन जगहों पर प्रदर्शन के लिए रोक लगने पर शिक्षकों ने गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शन करने का मन बनाया था.