नई दिल्ली: चुनाव से पहले अपने आपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं देने और कोर्ट के आदेश का अनुपालन न करा पाने पर राजनेताओं समेत चुनाव अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है. दिल्ली के वकील ब्रजेश सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, बीजेपी नेता बीएल संतोष, मुख्य चुनाव अधिकारी एचआर श्रीनिवास, जेडीयू के केसी त्यागी समेत अन्य के खिलाफ याचिका दायर की है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करा पाने के कारण चुनाव अधिकारियों के नाम याचिका में शामिल किए गए हैं. 13 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी राजनैतिक दलों को अपने नेताओं का आपराधिक इतिहास कारण समेत बताना होगा. साथ ही न्यायालय ने आदेश दिया था कि इसे स्थानीय और राष्ट्रीय समाचार पत्रों में चयन के 48 घंटे के भीतर या नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख से 2 सप्ताह पहले प्रकाशित किया जाना चाहिए.यह फैसला वकील और भाजपा सदस्य अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका के जवाब में आया था.
164 उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास
ब्रजेश सिंह की याचिका में कहा गया है कि बिहार चुनाव में आरजेडी के बाद सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार बीजेपी के हैं. 353 उम्मीदवारों में से कुल 164 को आपराधिक इतिहास के बावजूद चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई है.
चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार में चुनाव लड़ने वाले कुल 3,738 प्रत्याशियों में से 1157 की छवि दागदार रही है. इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने मार्च में सभी राजनीतिक पार्टियों से दागदार छवि वाले उम्मीदवारों से दूरी बनाने को कहा था.