पटना: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते 2 साल से सभी प्रोजेक्ट और निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं. राजधानी पटना में मेट्रो परियोजना (Patna Metro Project) का निर्माण कार्य भी प्रभावित हुआ. कोरोना के कम होने पर पटना मेट्रो के निर्माण कार्य ने अब रफ्तार पकड़ लिया और फेज-वन के साथ ही साथ फेज-टू का भी निर्माण शुरू हो गया. फेज-वन में दानापुर से खेमनीचक (Metro from Danapur to Khemnichak) वाया मीठापुर होकर मेट्रो चलेगी. वहीं, फेज-टू में पटना जंक्शन से आईएसबीटी (Metro from Patna Junction to ISBT) वाया गांधी मैदान होते हुए मेट्रो का संचालन होगा. कंकड़बाग स्थित मलाही पकरी से न्यू आईएसबीटी रूट तक फेज टू का काम पहले से चल रहा था, लेकिन अब अशोक राजपथ पर भी मेट्रो का काम शुरू हो गया है. इसके लिए घेराबंदी कर दी गई है. इन जगहों पर वाली मिट्टी की जांच के बाद डिजिटल सर्वे का काम शुरू होगा और इसके बाद स्टेशन के लिए पिलर की नींव रखी जाएगी.
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2024 में शुरू होना है फेज-वन का संचालन: पटना मेट्रो परियोजना के फेज-वन का काम तेज गति से चल रहा है. फेज-वन में मेट्रो का संचालन 2024 से शुरू होना है. फेज-वन में 17.933 किलोमीटर मेट्रो ट्रैक निर्माण किया जाएगा. जिसमें एलिवेटेड ट्रैक 7.393 किलोमीटर और भूमिगत ट्रैक 10.540 किलोमीटर होगा. फेज-वन के तहत में 7 एलिवेटेड स्टेशन बन रहे हैं. जिसमें दानापुर, सगुना मोड़, आरपीएस मोड़, पाटलिपुत्र, मीठापुर, रामकृष्ण नगर और जगनपुरा खेमनीचक शामिल है. वहीं, 6 अंडरग्राउंड स्टेशन होंगे जिसमें रुकनपुरा, राजा बाजार, चिड़ियाघर, विकास भवन, विद्युत भवन और पटना जंक्शन शामिल है.
फेज-टू में 14.564 किलोमीटर चलेगी मेट्रो: फेज-टू में दर्जनभर स्टेशन में 5 एलिवेटेड स्टेशन हैं. जिसमें पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ रोड, जीरोमाइल और पाटलिपुत्र आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन हैं. वहीं, 7 अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन हैं. जिसमें पटना जंक्शन, दूरदर्शन केंद्र, गांधी मैदान, पीएमसीएच, पटना यूनिवर्सिटी, राजेंद्र नगर और मोइनुल हक स्टेडियम. फेज-टू के तहत 14.564 किलोमीटर का मेट्रो ट्रैक तैयार होगा. जिसमें एलिवेटेड ट्रैक 6.638 किलोमीटर और भूमिगत ट्रैक 7.926 किलोमीटर होंगा.
जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी: पटना मेट्रो परियोजना में जमीन की बाधा दूर हो गयी है. पटना मेट्रो की ताजा प्रगति रिपोर्ट के अनुसार 72.56 प्रतिशत जमीन उपलब्ध हो गई है. पटना मेट्रो परियोजना के लिए 43.95 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. जिसमें 31 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है. जिसमें मीठापुर बस स्टैंड की 76 एकड़ जमीन भी शामिल है. जिसे मेट्रो डिपो के रूप में विकसित किया जा रहा है. मेट्रो परियोजना के लिए करीब 10.95 हेक्टेयर सरकारी जमीन की दरकार है. जिसमें एनएचएआई से 6.35 हेक्टेयर की जमीन पर काम करने की अनुमति मिल चुकी है. वहीं केंद्र सरकार के अधीन 4 संस्थानों में मेट्रो की जमीन फंसी है. जिसमें दानापुर छावनी क्षेत्र की 934 स्क्वायर मीटर जमीन, राजेंद्र नगर रेलवे स्टेशन की 1277 स्क्वायर मीटर जमीन, आकाशवाणी दूरदर्शन केंद्र पटना की 1121 स्क्वायर मीटर जमीन, एलआईसी की 219 स्क्वायर मीटर स्थाई और 234 स्क्वायर मीटर अस्थाई जमीन शामिल है. इसके हस्तांतरण की प्रक्रिया अभी जारी है. जिस पर जल्द निर्णय होने की उम्मीद है.
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पटना मेट्रो परियोजना के लिए 13365.77 करोड़ स्वीकृत: हाल ही में राज्यसभा सांसद सुशील मोदी के एक प्रश्न के उत्तर में शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर ने जानकारी दी कि पटना मेट्रो रेल परियोजना की वास्तविक और वित्तीय प्रगति 1.6 और 2.79 प्रतिशत है. मेट्रो परियोजना के लिए 13365.77 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. जिसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 1840.31 करोड़ है. इसमें से केंद्र सरकार ने अब तक 262.50 करोड़ रुपए दे दिए हैं. राज्य सरकार की हिस्सेदारी 5908.17 करोड़ रुपए है. जिसमें 1070.59 करोड़ रुपए निर्गत किए गए हैं. केंद्र और राज्य सरकार से प्राप्त राशि में से अब तक 615.72 करोड़ रुपए खर्च किया जा चुका है. इन सबके अलावा राज्य सरकार ने 4.32 हेक्टेयर भूमि में से 4.26 एकड़ भूमि पटना मेट्रो को उपलब्ध करा दी है. पटना मेट्रो परियोजना में सहयोगी जापान की कंपनी जाएका से पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन ने 5520.93 करोड़ रुपए का ऋण यथाशीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. जोकि जापान के पीएम के भारत दौरे के बाद उम्मीद है कि जल्द ही पटना मेट्रो के लिए जाएका से ऋण उपलब्ध हो जाएगा.
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