पटना: प्रदेश में जालसाज अब बैंक से बड़ी राशि निकालने की फिराक में फर्जी चेक लेकर बैंक पहुंच रहे हैं. गांधी मैदान थाना क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. फर्जी चेक लेकर शुभम गुप्ता नाम का युवक 11.73 करोड़ रुपए की निकासी करने पहुंचा था. जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने मामले को लेकर शनिवार की सुबह कार्रवाई करते हुए बैंक मैनेजर सहित कई बैंक कर्मियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.
फर्जी चेक मामले में एक आरोपी गिरफ्तार
बता दें कि बैंक ऑफ बड़ौदा से 11.73 करोड़ के फर्जी चेक मामले में बैंक मैनेजर अभिषेक राजा और बैंक के कई कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पटना के गांधी मैदान थाने की पुलिस पूछताछ कर रही है. भू-अर्जन विभाग के बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा कर एक बड़ी रकम आरटीजीएस करवाने की कोशिश में एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
बैंक मैनेजर और बैंक कर्मियों से पूछताछ
शनिवार की सुबह बैंक ऑफ बड़ौदा पहुंची गांधी मैदान थाने की पुलिस ने बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर अभिषेक राजा सहित बैंक के कई स्टाफ को हिरासत में ले लिया है. हिरासत में लेकर सभी बैंक कर्मियों से एक-एक कर पुलिस पूछताछ में लग गई है और टाउन डीएसपी सुरेश कुमार हिरासत में लिए गए सभी बैंक कर्मचारियों से एक-एक कर पूछताछ कर रहे हैं. संभावना जताई गई है कि बैंक अधिकारियों से चल रही पूछताछ अभी लंबी चलेगी.
दावों की पोल खोलते साइबर फ्रॉड
प्रदेश में बढ़ते साइबर क्राइम से कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. पटना पुलिस मुख्यालय साइबर फ्रॉड को लेकर संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं तो दूसरी ओर साइबर फ्रॉड पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण और उनके दावों की लगातार पोल खोलते नजर आ रहे हैं.
कैसे होता है चेक क्लोन ?
चेक क्लोन करने वाले जालसाज आपके चेक को हासिल करने की फिराक में रहते हैं. वे डाकिए या बैंक के किसी अधिकारी से मिलकर चेकबुक हासिल करते हैं. चेक पर ही खाताधारक की जानकारी लिखी होती है. किस खाते में ज्यादा रकम है, यह जानकारी बैंक के कर्मियों से मिलकर जुटा लेते हैं.
बैंक कर्मियों की मदद से जुटाते हैं जानकारी
कई बार बैंक से खाताधारक का मोबाइल नंबर भी बैंक से हटवा दी जाती है. उसके बाद लैपटॉप में स्कैन करने के बाद नए नंबर को डालकर चेक पर खाता नंबर, नाम और चेक नंबर प्रिंट किया जाता है. उसके बाद बैंकों में भुगतान के लिए जाया जाता है. जिन खातों में मोबाइल नंबर दर्ज होता था, उनके चेक 50 हजार से नीचे के होते थे. ताकि असली खातेदार के मोबाइल पर वेरिफिकेशन मैसेज ना जाए.
साइबर क्राइम से बचने के लिए अहम जानकारी
बिहार में लॉकडाउन के बाद से लगातार साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं. साइबर क्राइम को लेकर हम लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं. इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए आर्थिक अपराध इकाई के एसपी प्राणतोष दास ने अहम जानकारी देते हुए बताया था कि सोशल मीडिया या साइट्स पर हुए साइबर क्राइम के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया है.
- साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर- 155260
- बच्चों के साथ हुए साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर-1098
- @cyberdost ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर आप अपनी कंप्लेन दर्ज करा सकते हैं.