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कांग्रेस स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं ने निकाला पैदल मार्च, कृषि कानून वापस लेने की मांग

राजधानी पटना में कांग्रेस की स्थापना दिवस के मौके पर कार्यकर्ताओं ने सदाकत आश्रम से बांसघाट तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि सरकार किसान विरोधी है. किसान कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ है.

congress workers march out on Congress Foundation Day in patna
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Published : Dec 28, 2020, 4:43 PM IST

पटना: सोमवार को कांग्रेस और सेवा दल का स्थापना दिवस है. इस मौके पर राजधानी पटना में कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने सदाकत आश्रम से राजेंद्र प्रसाद की स्मृति स्थल बांसघाट तक पैदल मार्च निकाला. जिसमें कृषि कानून का विरोध किया गया.

इस अवसर पर कांग्रेस के विधायक राजेश कुमार ने कहा कि किसान कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. सरकार को नए कृषि कानून वापस लेना होगा. कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ है. हम कारपोरेट घराने के कानून का विरोध करते हैं.

सरकार कर रही सिर्फ बयानबाजी
इसके अलावा उन्होंने कहा कि गुपचुप तरीके से किसान विरोधी कानून लाया गया. आज बिहार में किसानों के धान को पैक्स नहीं खरीद रहा है. इस वजह से किसानों को धान बिचौलिए के हाथों बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है. सरकार सिर्फ बयानबाजी कर रही है.

पेश है रिपोर्ट

राष्ट्रपति को सौंपा गया 2 करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन
हमने किसानों के समर्थन में और कृषि कानून के विरोध में 2 करोड़ किसानों का हस्ताक्षर राष्ट्रपति को दिया है. इसमें बिहार के किसानों का भी हस्ताक्षर है. बिहार के किसान भी इस सरकार से काफी परेशान है. इसलिए हम चाहते हैं कि किसान विरोधी ये कृषि कानून वापस किए जाए जिससे किसानों का कल्याण हो.

पटना: सोमवार को कांग्रेस और सेवा दल का स्थापना दिवस है. इस मौके पर राजधानी पटना में कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने सदाकत आश्रम से राजेंद्र प्रसाद की स्मृति स्थल बांसघाट तक पैदल मार्च निकाला. जिसमें कृषि कानून का विरोध किया गया.

इस अवसर पर कांग्रेस के विधायक राजेश कुमार ने कहा कि किसान कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. सरकार को नए कृषि कानून वापस लेना होगा. कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ है. हम कारपोरेट घराने के कानून का विरोध करते हैं.

सरकार कर रही सिर्फ बयानबाजी
इसके अलावा उन्होंने कहा कि गुपचुप तरीके से किसान विरोधी कानून लाया गया. आज बिहार में किसानों के धान को पैक्स नहीं खरीद रहा है. इस वजह से किसानों को धान बिचौलिए के हाथों बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है. सरकार सिर्फ बयानबाजी कर रही है.

पेश है रिपोर्ट

राष्ट्रपति को सौंपा गया 2 करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन
हमने किसानों के समर्थन में और कृषि कानून के विरोध में 2 करोड़ किसानों का हस्ताक्षर राष्ट्रपति को दिया है. इसमें बिहार के किसानों का भी हस्ताक्षर है. बिहार के किसान भी इस सरकार से काफी परेशान है. इसलिए हम चाहते हैं कि किसान विरोधी ये कृषि कानून वापस किए जाए जिससे किसानों का कल्याण हो.

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