पटना : बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू (Prohibition Act 2016 in Bihar) है. समय-समय पर शराबबंदी को लेकर बिहार में सियासत भी होती रही है. शराबबंदी कानून को लेकर कई बार संशोधन किया गया. बावजूद इसके सियासत तूल पकड़ती जा रही है. हर बार बीजेपी निशाना साधती थी. अब जेडीयू के नेता ही बिहार में शराबबंदी को असफल बता रहे हैं. यही नहीं बिहार में महागठबंधन के सहयोगी दल भी ऊंगली उठाने लगे हैं. HAM नेता जीतन राम मांझी के बाद कांग्रेस ने भी शराबबंदी कानून में संशोधन की बात छेड़ दी है.
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'शराबबंदी कानून में संशोधन की जरूरत': शराबबंदी पर कांग्रेस पार्टी का मानना है कि शराबबंदी कानून में संशोधन होना चाहिए. पीसीसी चीफ (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) से जब पूछा गया कि उनके पार्टी के विधायक ने साफ-साफ कहा था कि शराबबंदी असफल है. और इसको लेकर बिहार में संशोधन की गुंजाइश बनती है. शराबबंदी को लेकर जो भी बयानबाजी हो रही है वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संज्ञान में होगी. इस मसले पर जो करना है वो सीएम नीतीश को ही करना है.
''जो कोई भी अगर शराबबंदी को लेकर कुछ कह रहा है तो यह बात मुख्यमंत्री जी अच्छी तरीके से जान रहे हैं. समझ रहे हैं और जो करेंगे वही करेंगे. फिलहाल इतना जरूर हम कह सकते हैं कि हो सकता है कि कोई बात मुख्यमंत्री के नजर में नहीं हो. वह इस पर नहीं सोचते होंगे. लेकिन हम लोग चाहते हैं कि शराबबंदी को लेकर संशोधन बिहार में बहुत जरूरी है. जब तक शराब माफिया का सफाया नहीं होगा तब तक शराबबंदी सफल नहीं होगी''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
'शराबबंदी कानून हटाने से कुछ नहीं होगा': मदन मोहन झा ने कहा कि वैसे जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar ) ने शराबबंदी को बिहार में लागू किया ये बहुत अच्छी बात है. कुछ लोग कह रहे हैं कि कानून को हटा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे कुछ नहीं होने वाला है. शराबबंदी कानून रहना चाहिए लेकिन उसमें संशोधन भी जरूरी है. वैसे समय-समय पर कुछ संशोधन हुए हैं. लेकिन यह काफी नहीं है.
'बिहार में सही ढंग से लागू हो शराबबंदी': पीसीसी चीफ मदन मोहन झा ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि शराबबंदी को बिहार (Bihar Congress On Liquor Ban in Bihar) में सही ढंग से लागू किया जाय. जिससे की यह सफल हो और समाज के माहौल को सुधारने के लिए जो शराबबंदी की गई वो पूर्ण रूप से सफल हो सके. शराब तस्कर पर लगाम लगाना फिलहाल बेहद जरूरी है. इसको लेकर सरकार को कड़े कदम उठाने ही होंगे. जबतक शराब माफिया का सफाया नहीं होगा तब तक शराब बंदी सफल नहीं होगी. इसीलिए हमलोग इस बातों पर मुख्यमंत्री जी को ध्यान दिलाते हैं.