पटनाः बिहार विधान परिषद की स्थानीय निकाय की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव में राजद और कांग्रेस के बीच महागठबंधन उम्मीदवार को लेकर विवाद चरम पर है. इन सबके बीच दोनों दल इस कोशिश में लगे हैं कि अगर दोनों मिलकर चुनाव लड़ेंगे (Congress RJD Alliance in Bihar MLC Elections ) तो नतीजे बेहतर होंगे. यही कारण है कि अब राजद समर्थित उम्मीदवार को कांग्रेस के नाम पर चुनाव लड़ाने की चर्चा भी अंदरखाने में चल रही है. लालू यादव दिल्ली में कह चुके हैं कि बिहार विधान परिषद चुनाव में आरजेडी अकेले लड़ेगी. लेकिन कांग्रेस अभी भी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने के लिए जद्दोजहद करने की कोशिश करती दिख रही है.
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अब तक के हालात तो यही बता रहे हैं कि महागठबंधन में सिर्फ वामदल और राजद ही एक साथ हैं, जबकि कांग्रेस एक बार फिर अलग चुनाव लड़ने को तैयार है. लेकिन कहीं ना कहीं कांग्रेस और राजद दोनों यह चाहते हैं कि महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़े. हालांकि, कांग्रेस के पास कार्यकर्ता, जनसमर्थन और अच्छे उम्मीदवार का संकट बरकरार है. इस कारण से राजद इस बात पर जोर दे रहा है कि उनकी पार्टी समर्थित उम्मीदवार महागठबंधन प्रत्याशी बने.
हालांकि न तो कांग्रेस नेता और ना ही राजद का कोई नेता इस बात पर खुलकर बोलने को तैयार हैं. दोनों दल यह दावा कर रहे हैं कि दोनों के प्रत्याशी अलग-अलग तैयार हैं. राजद नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले उपचुनाव में जिस तरह से अपना उम्मीदवार उतारकर कहीं न कहीं राजद की अनदेखी की उससे काफी परेशानी हो चुकी है.
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ऐसे में अब राजद सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के लिए तैयार है. 19 सीटों पर तो अनौपचारिक रूप से उम्मीदवार भी तय हो चुके हैं. फिलहाल नालंदा, नवादा, समस्तीपुर और पूर्णिया सीट के लिए उम्मीदवार तय नहीं हुआ है. ईटीवी को मिली जानकारी के अनुसार राजद समर्थित उम्मीदवार को कांग्रेस प्रत्याशी बनाने पर अंदर ही अंदर बात चल रही है.
इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि राजद समर्थित एक उम्मीदवार और कांग्रेस का एक चेहरा विधान परिषद चुनाव में महागठबंधन का प्रत्याशी हो सकता है. हालांकि, राजद नेता इसे सिरे से नकार रहे हैं. लेकिन शक्ति सिंह यादव यह भी कह रहे हैं कि इस बारे में आखिरी निर्णय टॉप लीडरशिप को लेना है.
इधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि फिलहाल प्रदेश स्तर पर राजद के साथ ऐसी कोई बातचीत की सूचना नहीं है. अगर दिल्ली में टॉप लीडरशिप के स्तर पर कोई बातचीत चल रही हो तो बताना मुश्किल है. उन्होंने भी यह दावा किया कि सभी 24 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार है.
वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि इसमें कोई नई बात नहीं है. ऐसा पहले होता रहा है. रवि उपाध्याय कहते हैं कि दोनों दलों के इस बात का एहसास है कि अगर साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो एक सही मैसेज वोटर्स में जाएगा और नतीजों में एनडीए के मुकाबले महागठबंधन को फायदा हो सकता है.
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आपको बता दें कि बिहार की सियासत में एक पार्टी के उम्मीदवार को दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ाने की परंपरा कोई नई नहीं है. हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई उम्मीदवार कथित रूप से लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े. वहीं, बीजेपी से इस्तीफा देकर सुनील कुमार पिंटू ने भी जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते भी.
एक तरफ जहां यह तय है कि राजद ने इस बार कांग्रेस को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि उम्मीदवारों के नाम तय करने में प्रमुख भूमिका राष्ट्रीय जनता दल की ही होगी. वहीं, दूसरी तरफ आखिरी वक्त तक यह कोशिश भी हो रही है कि बात बन जाए और महागठबंधन में बिखराव की नौबत ना आए. अब निगाहें औपचारिक घोषणा पर ही टिकी हैं.
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