पटना: लोकसभा चुनाव का परिणाम आए 2 महीने से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अभी तक देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस इस हार से उबर नहीं पा रही है. नतीजा यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अब तक कोई भी अध्यक्ष की कुर्सी नहीं संभाल पाया है.
इन कारणों से राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस कमजोर है ही इसका असर प्रदेश की इकाइयों पर भी पड़ रहा है. इस मामले पर कांग्रेस की सहयोगी आरजेडी का कहना है कि बहुत जल्द स्थाई सदस्यों से कांग्रेस बाहर निकल जाएगी. राजद नेता आलोक मेहता ने कहा कि समय आने पर गठबंधन का स्वरूप भी सामने आ जाएगा.
राजद का बयान
आलोक मेहता की मानें तो कांग्रेस अपनी पार्टी का पुनर्गठन करने में जुट गई है. राजद नेता ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व गांधी परिवार ही थाम सकता है. उन्होंने कहा कि देश के विकास में गांधी परिवार की भागीदारी बहुत ही ज्यादा है. इसके अलावा नेतृत्व की स्वीकार्यता भी सबसे बड़ा मसला है.
कांग्रेस का बयान
वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा है कि गांधी परिवार के अलावा कांग्रेस और देश को कोई नहीं चला सकता. कादरी ने कहा कि देश में गांधी परिवार से ज्यादा योगदान किसी भी परिवार का नहीं है. उन्होंने कहा कि अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष गांधी परिवार का ही हो.
वर्तमान में बिहार कांग्रेस में इन पदों पर कोई भी नियुक्ति नहीं है.
- प्रदेश कोषाध्यक्ष का पद खाली है
- 40 जिला अध्यक्ष के पद रिक्त हैं
- जिला उपाध्यक्ष का पद खाली है
- महासचिव और सचिव के पद पर भी कोई नहीं है.
पिछले 4 सालों से कांग्रेस के पांच महत्वपूर्ण संगठन के अध्यक्ष और तमाम पदों पर नियुक्ति नहीं हुई है.
- यूथ कांग्रेस
- एनएसयूआई
- महिला कांग्रेस
- सेवा दल
- इंटक