पटना: कांग्रेस में शामिल होने के बाद पहली बार बिहार आए कन्हैया कुमार ने महागठबंधन में टूट के संबंध में बयान देने से परहेज किया. ईटीवी भारत के रिपोर्टर से खास बातचीत में कन्हैया ने कहा कि इस संबंध में पार्टी के बिहार प्रभारी व अन्य नेता बात कर रहे हैं. मैं इस संबंध में कुछ नहीं कह सकता. हालांकि राजद नेता तेजस्वी यादव और लोजपा नेता चिराग पासवान पर तंज कसते हुए कन्हैया ने कहा कि चुनावी उतार-चढ़ाव में भाई-भाई और चाचा-भतीजा अलग हो जा रहे हैं.
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उपचुनाव में क्या मुद्दा लेकर आए हैं? इस सवाल पर कन्हैया कुमार ने कहा, 'विधानसभा चुनाव 2020 में मैंने राजद, कांग्रेस और वामपंथी, सभी पार्टियों के लिए प्रचार किया था. मुद्दा वही है. हमलोग जिस मुद्दे को उठा रहे थे वह अभी भी पूरा नहीं हुआ है. रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, विस्थापन या बिहारियों के आत्मसम्मान की बात हो.
हमारे यहां रोजगार नहीं है. इसलिए हमें बाहर जाना पड़ता है. स्वास्थ्य की अच्छी व्यवस्था नहीं है. इसलिए इलाज कराने बाहर जाना पड़ता है. पढ़ने के लिए बाहर जाना पड़ता है. हमलोग बाहर जाते हैं और मेहनत करते हैं. इसके बदले आत्मसम्मान मिलना चाहिए, लेकिन गाली मिलती है. बिहार की इस स्थिति में पिछले कई दशक में परिवर्तन नहीं हुआ है. इसे बदलने की जरूरत है. यही हमारी प्रमुख लड़ाई है.
आपकी लड़ाई किससे है? जदयू से एनडीए से या राजद से? इसपर कन्हैया ने कहा, यहां लड़ाई राजनीतिक अकर्मण्यता से है. भ्रष्टाचार, बेकारी, भेदभाव, किसानों और मजदूरों को वाजिब हक नहीं मिल रहा है उससे लड़ाई है. इतनी बेकारी बढ़ रही है. काम के लिए लोग दर-दर भटक रहे हैं. बिहार के विकास की गाड़ी रुक गई है.
डबल इंजन का जुमला दिया जाता है, लेकिन सच्चाई यह है कि गाड़ी आगे बढ़ ही नहीं रही है. इसे आगे बढ़ाना है. बिहार का इतना बड़ा मानव संसाधन बल है. 12 करोड़ से अधिक की जनसंख्या है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक बिहार के लोग हर काम कर रहे हैं. कहीं का डीएम बिहारी है तो वहां सड़क बनाने वाला मजदूर भी बिहार का मिल जाएगा. हर तरफ घटनाएं हो रहीं हैं. कहीं लोग हादसे में मर रहे हैं तो कहीं आतंकियों द्वारा गोली मार दी जा रही है. इसका समाधान होना जरूरी है.
आपके आते ही तेजस्वी अलग हो गए? इस प्रश्न पर कन्हैया ने कहा, 'कौन अलग हो गए. कौन साथ हैं. यह सब राजनीतिक प्रक्रिया है. चुनाव के उतार-चढ़ाव हैं. ऐसे देखिएगा तो कहीं भाई-भाई अलग हो जा रहे हैं तो कहीं चाचा-भतीजा अलग हो जा रहे हैं. इसमें मैं क्या कर सकता हूं. मैं अपने मुद्दों को लेकर साफ हूं. रोजी, रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी और आत्मसम्मान.
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