पटनाः पूर्व आईएएस अधिकारी रामचंद्र प्रसाद सिंह के जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत होने के बाद बिहार में बयानों का दौर जारी है. एक और जहां जदयू में इस पर खुशी का माहौल है और मिठाइयां बांटी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल नीतीश कुमार पर जातिवाद का आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह मानते हैं कि राज्य में अब जनता दल यूनाइटेड जातीवादी पार्टी बनकर रह गई है.
'जाति बंधन में बंधी है जदयू'
अखिलेश सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने करीबी और अपने जाति के नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत कर यह साबित कर दिया कि उनकी पार्टी भी जाति बंधन में बंधी है. हालांकि इससे जदयू को कितना फायदा होगा या भविष्य में पार्टी कितनी मजबूत होगी? इस सवाल के जवाब पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि इसका जवाब नीतीश कुमार से बेहतर कोई नहीं दे सकता.
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'नीतीश कुमार अधिकारियों का दबाव नहीं झेल पा रहे हैं और सरकार चलाने में असहज महसूस कर रहे हैं. इसलिए उन्होंने पार्टी का नेतृत्व छोड़ने का निर्णय लिया'- अखिलेश सिंह, राज्यसभा सांसद, कांग्रेस
गौरतलब है कि जनता दल यूनाइटेड के गठन के बाद रामचंद्र प्रसाद चौथे राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं. इससे पहले जॉर्ज फर्नांडिस, शरद यादव और नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं. रामचंद्र प्रसाद को 3 वर्षों के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद सौंपा गया है.