पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले योजनाओं का शिलांयास और उद्घाटन का सिलसिला लगातार जारी है. इसी क्रम में मंगलवार को पीएम मोदी ने बिहार में सात महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया. वहीं, पटना शहर के गंदे पानी की रिसाइक्लिंग करने के लिए नमामि गंगे परियोजना के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी उद्घाटन किया है. जिस पर विपक्ष ने हमला बोलते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री हमेशा आधे- अधूरे कामों का ही उद्घाटन करते है.
आधे-अधूरे कामों का करते है उद्घाटन
दरअसल, बेऊर करमलीचक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पीएम मोदी ने उद्घाटन किया है. जिसको लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार के साथ बिहार सरकार को घेरने में लगा हुआ है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने पीएम नरेंद्र मोदी आधे-अधूरे योजनाओं का उद्घाटन करना उनकी पुरानी आदत है. इससे पहले भी कई योजनाओं का उद्घाटन किया है. उसका काम अभी तक पुरा नहीं हो सका है. जिस सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का उन्होंने उद्घाटन किया है उस ट्रीटमेंट प्लांट से 24 हजार घरों का कनेक्शन का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन वो भी मात्र 4 हजार घरों का ही कनेक्शन कर पाये है. बाकी का काम 2021 तक पुरा करना है. 2015 में भी उन्होंने कई योजनाओं का उद्घाटन किया था जो अभी तक पुरा नहीं हो सका है. केंद्र के मोदी सरकार हो या राज्य के नीतीश सरकार दोनों सरकारों जनता को ठगने का काम किया है.
बीजेपी ने किया पलटवार
वहीं, कांग्रेस की ओर से लगाए जा रहे आरोप को लेकर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने कहा है कि आज जिस परियोजना का उद्घाटन हुआ है वो काम करना शुरु कर दिया है, चाहे हो करमलीचक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हो या फिर बेऊर का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट दोनों ने काम करना शुरु कर दिया है. तीन सालो के अंदर प्लांट ने काम करना शुरु किया है, लेकिन वो लोग ना तो काम करते थे और ना ही काम करने की उनकी सोच थी.
दो सीवरेज प्लांट काम करना किया शुरु
बता दें कि नगर निगम क्षेत्र में नमामि गंगे परियोजना के तहत बन रहे छह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाट में से दो बनकर तैयार हैं. जबकि, दोनों करमलीचक और बेउर प्लांट का मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल के माध्यम से उद्घाटन कर दिया हैै. शेष चार प्लांटों के कार्य भी जारी है. सभी प्लांट के शुरू होने से राजधानी पटना में गंगा मैली नहीं होगी. करमलीचक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट 83.97 करोड़ की लागत से बना है. इसमें प्रतिदिन 37 मिलियन लीटर गंदा पानी शुद्ध होगा. वहीं, 74.29 करोड़ की लागत से तैयार बेउर प्लांट की क्षमता 43 मिलियन लीटर है.
गंगा नदी कम होगी दूषित
इसके अलावा 3 हजार 652 करोड़ की लागत से सैदपुर और पहाड़ी ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य भी चल रहा है. वहीं, कंकड़बाग और दीघा में भी काम जारी है. घर-घर कनेक्शन के लिए सीवरेज का काम किया जा रहा है ताकि सभी घरो का गंदे पानी को ट्रीटमेंट करके कृषि कार्य में इस्तेमाल होने लगेगा. साल 2021 के अंत तक शहर का गंदा पानी गंगा नदी में गिरना बंद हो जायेगा.