पटना: बिहार के सरकारी विद्यालयों को कंप्यूटर से जोड़ने को लेकर शिक्षा विभाग की 10000 सरकारी विद्यालयों में कंप्यूटर लैब लगाने की योजना है. इस योजना के प्रथम चरण में 4707 विद्यालयों में कंप्यूटर लगाए जाएंगे. इस संबंध में शनिवार को अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया है. पत्र में उन्होंने बताया है कि 1 जुलाई 2023 से विद्यालयों में शुरू हुई अनुश्रवण की व्यवस्था के बाद विद्यालयों की कमियों और उसकी समस्याओं को सुलझाने के लिए शिक्षा विभाग ने कई कदम उठाए हैं. इन चार प्रमुख कदमों में एक सरकारी विद्यालयों में कंप्यूटर लैब की स्थापना भी है.
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गेस्ट टीचर की करें व्यवस्था: केके पाठक ने सभी जिला पदाधिकारी और सभी जिला के उप विकास आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि विद्यालयों के निरीक्षण के क्रम में छात्रों की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए कमरों और अध्यापकों की कमी भी विद्यालयों में महसूस की गई है. हालांकि बीपीएससी शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है लेकिन इसमें कम से कम 4 से 6 महीने का समय लग जाएगा. ऐसे में तत्कालिक व्यवस्था के तहत इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को प्राधिकृत किया गया है कि वह आउटसोर्सिंग के माध्यम से या आवश्यकता अनुसार गेस्ट टीचर की सेवा ले सकते हैं.
छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है, लिहाजा..: अपर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया है कि विद्यालयों के निरीक्षण के कारण विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है. ऐसे में यह देखने को मिल रहा है कि कई कक्षाएं बरामदे में चल रही है, अथवा विद्यालय दो शिफ्ट में चल रहे हैं. इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने सभी माध्यमिक, मध्य और प्राथमिक विद्यालयों में आवश्यकता अनुसार जरूरी स्ट्रक्चर के निर्माण का निर्णय लिया है.
साफ-सफाई के लिए आउटसोर्सिंग से हाउसकीपिंग की व्यवस्था: आगे उन्होंने लिखा है इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जिला पदाधिकारियों को दिया जा चुका है. जिस पर तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है. इसके अलावा उन्होंने विद्यालयों में कमरा, फर्नीचर, लैब, लाइब्रेरी इत्यादि की साफ सफाई में जहां कमी है. जिन विद्यालयों में शौचालय की साफ सफाई बेहतर नहीं है. इस समस्या से निपटने के लिए 1 सितंबर 2023 से निजी वेंडर के माध्यम से शिक्षा विभाग ने विद्यालयों की हाउसकीपिंग का जिम्मा देने का निर्णय लिया है.