पटना: बिहार में जहरीली शराब से मौत मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अप्रैल में ही चार लाख मुआवजा देने की घोषणा की थी. लेकिन दो महीने से अधिक समय बीत चुके हैं. अब तक किसी को मुआवजा नहीं मिला. हालांकि मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि एक सप्ताह और इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन पीड़ित परिजनों को मुआवजा कब मिलेगा अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है. खासकर उन लोगों की जिनका डेड बॉडी बिना पोस्टमार्टम का डिस्पोजल कर दिया गया. उन्हें आसानी से मुआवजा मिलने वाला नहीं है.
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बॉडी डिस्पोजल करने वाले परिवार को करना होगा इंतजार: मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि जहरीली शराब से मौत मामले में जिनका पोस्टमार्टम हो चुका है. उन परिवारों को एक सप्ताह के भीतर चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि शराब पीने से मौत का दावा और दूसरे किसी वजह से पोस्टमार्टम नहीं हो सका और बॉडी डिस्पोजल कर दिया गया है. उनके परिजनों को मुआवजा देने में समय लग सकता है. उनकी जांच पड़ताल के बाद ही मुआवजा पर फैसला होगा.
"अभी तक किसी को मुआवजा नहीं दिया गया है. अभी जांच-पड़ताल ही चल रही है. जिनका पोस्टमार्टम हो चुका है. उनके परिजनों को मुआवजा देने में तो परेशानी नहीं होगी, लेकिन उन लोगों का जिनका पोस्टमार्टम के बिना ही बॉडी डिस्पोजल कर दिया गया. जांच पड़ताल की जा रही है उनमें थोड़ी परेशानी है. मुआवजा देने में उनके परिजनों को समय लग सकता है".-सुनील कुमार,मंत्री, मद्य निषेध एवं उत्पाद
पोस्टमार्टम वाले परिवार को मिलेगा मुआवजाः मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि ऐसे में जिला प्रशासन जांच पड़ताल के बाद ही उन्हें मुआवजा देने की अनुमति देगी, लेकिन 17 अप्रैल के बाद केवल उन्हीं लोगों के परिजनों को मुआवजा मिलेगा जिनका पोस्टमार्टम हुआ होगा. जिनका पोस्टमार्टम के बाद बॉडी डिस्पोजल किया गया है. उन्हें थोड़ा इंतजार करना होगा. जिला प्रशासन जांच पड़ताल कर रिपोर्ट सौंपने के बाद मुआवजा दिया जाएगा.