पटना: राजधानी पटना के धनरूआ में खुले में शौच मुक्त करने का दावा बेमानी (Truth of open defecation free in Dhanrua) है. लोहिया स्वच्छता अभियान को लेकर गांव में कम्यूनिटी शौचालय बनाया गया था, ताकि गांव की महिलाओं को खुले में शौच मुक्त की आजादी से मिल सके. लेकिन धनरूआ प्रखंड के सेवधा गांव में बना सामुदायिक शौचालय शुरुआत होने से पहले ही खंडहर में तब्दील हो गया है. गांव की बहू-बेटियां बाहर जाने को विवश हैं.
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शौचालय बना पर पानी की व्यवस्था नहीं: धनरूआ प्रखंड के हुलासचक वीर पंचायत का सेवधा गांव में लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत कई जगहों पर गांव में कम्यूनिटी शौचालय बनाये गये थे. गांव में छह कमरे या कहीं 7 कमरे का शौचालय बनाया गया था लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं की गई थी.
ग्रामीणों में पनप रहा आक्रोश : खुले में शौच मुक्त आजादी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में गांव-गांव में जन जागरूकता अभियान चलाया गया. ऐसे में गांव के लोगों लोगों को उम्मीद थी की अब खुले में शौच नहीं जाएंगे. लेकिन सामुदायिक शौचालय शुरुआत होने से पहले ही टूटने लगे हैं. कहीं शौचालय का दरवाजा नहीं है तो कहीं शौचालय में पानी नहीं है.
2 साल पहले बना था सामुदायिक शौचालय: धनरूआ प्रखंड के हुलासचक वीर पंचायत के सेवधा गांव में 2 साल पहले सामुदायिक शौचालय बनाया गया था. जब बना था तो लोगों में उम्मीद थी कि खुले में शौच मुक्त से आजादी मिलेगी, लेकिन आज भी सपना अधूरा है देखने के अभाव में खंडहर में तब्दील हो चुका है.
"जल्द इसकी रिपेयरिंग कर पानी की व्यवस्था की जाएगी.धनरूआ प्रखंड के हुलासचक वीर पंचायत के सेवधा गांव में 2 साल पहले सामुदायिक शौचालय बनाया गया था." -संजय कुमार, जिला समन्वयक, लोहिया स्वच्छता अभियान पटना
"सरकार ने सामुदायिक शौचालय तो बना दिया लेकिन पानी का व्यवस्था नहीं की गई. रख रखाव भी सही तरीके से नहीं होने से गांव के शौचालय टूटने लगे." - अखिलेश प्रसाद सेवधा,धनरूआ
"दो साल में धनरूआ में खुले में शौच मुक्त का सपना टूट गया है. शौचालय में पानी नहीं होने से लोग फिर खुले में शौच करने लगे हैं."-मुन्ना कुमार, सेवधा, धनरूआ