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CM से प्राचार्य की अपील: वाणिज्य महाविद्यालय आपकी बाट जोह रहा है, कुछ कीजिए - सीएम से कायाकल्प करने की गुहार

वाणिज्य महाविद्यालय के प्राचार्य चंद्रमा सिंह के मुताबिक कॉलेज का भला सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही कर सकते हैं. सीएम पीयू के छात्र रह चुके हैं, लिहाजा वे छात्रों के दर्द को जरूर समझेंगे.

सीएम नीतीश से कॉलेज का कायाकल्प करने को अपील
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Published : Jul 31, 2019, 4:26 PM IST

पटना: स्थापना के कई दशक बाद भी वाणिज्य महाविद्यालय के पास अपना भवन नहीं है. कॉलेज के 4 कमरों में 2200 छात्र-छात्राएं पढ़ने को मजबूर हैं. कॉलेज के प्राचार्य ने सीएम नीतीश कुमार से इस ओर ध्यान देने की मांग की है.

4 कमरों में चल रहा कॉमर्स कॉलेज

4 कमरों में पढ़ रहे 2200 छात्र
सूबे में कई सरकारें आयीं और चली गईं, लेकिन उच्च शिक्षा में कई कीर्तिमान स्थापित करने वाले पटना विश्वविद्यालय के वाणिज्य महाविद्यालय की बदहाली दूर नहीं हुई. बदहाली का आलम यह है कि यहां पढ़ने के लिए सिर्फ 4 कमरे हैं. जबकि छात्र-छात्राओं की संख्या 2200 है. इन्ही चार कमरों में बीकॉम, एमकॉम और बीबीए की पढ़ाई होती है.

principe chandrma singh
चंद्रमा सिंह, प्राचार्य, वाणिज्य महाविद्यालय

सीएम से कायाकल्प के लिए गुहार
वाणिज्य महाविद्यालय के प्राचार्य चंद्रमा सिंह इस संबंध में ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए कहते हैं कि 1975 में इसकी स्थापना हुई थी. उस समय इसे पटना कॉलेज के कैंपस में एक बिल्डिंग दिया गया था. लगभग पांच दशक होने वाले हैं. आज तक इसे स्थायी कैंपस नहीं मिला. सरकार ने आज तक कोई पहल नहीं की. उन्होंने ने सीएम से अपील करते हुए कहा कि सीएम साहब इस कॉलेज का कायाकल्प कीजिए. बिहार का सर्वोत्तम महाविद्यालय आपकी बाट जोह रहा है. वे कहते हैं कि यह कोई विभाग का मामला नहीं है. इसके भवन निर्माण के लिए कम से कम 25 करोड़ की आवश्यकता है. सीएम इस विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके हैं. वे यहां के छात्रों का दर्द जरूर समझेंगे.

सीट बढ़ी, पर बैठने की जगह नहीं
प्राचार्य चंद्रमा सिंह कहते हैं कि यहां सिर्फ 4 नियमित शिक्षक हैं. छात्रों को दो शिफ्ट में पढ़ाया जा रहा है. बीकॉम में गेस्ट फैकेल्टी की बहाली नहीं हुई है. वहीं जाप छात्र नेता गौतम आनंद कहते हैं कि बीकॉम में वोकेशनल के तहत 400 सीटों की वृद्धि की गई. लेकिन यहां छात्रों को बैठने के लिए जगह नहीं है. छात्र शुल्क तो देते हैं, लेकिन सुविधा नहीं मिलती. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि कॉलेज के छात्रों को जल्द से जल्द सारी सुविधाएं दी जाए.

gautam anand student leader byte on commrce college situation
गौतम आनंद, जाप छात्र नेता

एक साथ पढ़ते हैं 200 छात्र
गौरतलब है कि वाणिज्य महाविद्यालय में भवन के अलावे न तो पर्याप्त स्टाफ है और ना ही शिक्षक. इसी भवन में प्राचार्य का ऑफिस सहित पीजी के विभाग भी चलते हैं. वहीं वाणिज्य महाविद्यालय के छात्रों ने अपनी परेशानी बतायी. हर शिफ्ट में छात्र अपनी बारी का इंतजार करते हैं. हर सत्र के 400 छात्रों को दो सेक्शन में बांटकर पढ़ाया जाता है. एक बैच में 200 छात्र एक साथ पढ़ते हैं. अगर सभी छात्र क्लास में आ जाए तो बैठने की जगह नहीं बचती.

पटना: स्थापना के कई दशक बाद भी वाणिज्य महाविद्यालय के पास अपना भवन नहीं है. कॉलेज के 4 कमरों में 2200 छात्र-छात्राएं पढ़ने को मजबूर हैं. कॉलेज के प्राचार्य ने सीएम नीतीश कुमार से इस ओर ध्यान देने की मांग की है.

4 कमरों में चल रहा कॉमर्स कॉलेज

4 कमरों में पढ़ रहे 2200 छात्र
सूबे में कई सरकारें आयीं और चली गईं, लेकिन उच्च शिक्षा में कई कीर्तिमान स्थापित करने वाले पटना विश्वविद्यालय के वाणिज्य महाविद्यालय की बदहाली दूर नहीं हुई. बदहाली का आलम यह है कि यहां पढ़ने के लिए सिर्फ 4 कमरे हैं. जबकि छात्र-छात्राओं की संख्या 2200 है. इन्ही चार कमरों में बीकॉम, एमकॉम और बीबीए की पढ़ाई होती है.

principe chandrma singh
चंद्रमा सिंह, प्राचार्य, वाणिज्य महाविद्यालय

सीएम से कायाकल्प के लिए गुहार
वाणिज्य महाविद्यालय के प्राचार्य चंद्रमा सिंह इस संबंध में ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए कहते हैं कि 1975 में इसकी स्थापना हुई थी. उस समय इसे पटना कॉलेज के कैंपस में एक बिल्डिंग दिया गया था. लगभग पांच दशक होने वाले हैं. आज तक इसे स्थायी कैंपस नहीं मिला. सरकार ने आज तक कोई पहल नहीं की. उन्होंने ने सीएम से अपील करते हुए कहा कि सीएम साहब इस कॉलेज का कायाकल्प कीजिए. बिहार का सर्वोत्तम महाविद्यालय आपकी बाट जोह रहा है. वे कहते हैं कि यह कोई विभाग का मामला नहीं है. इसके भवन निर्माण के लिए कम से कम 25 करोड़ की आवश्यकता है. सीएम इस विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके हैं. वे यहां के छात्रों का दर्द जरूर समझेंगे.

सीट बढ़ी, पर बैठने की जगह नहीं
प्राचार्य चंद्रमा सिंह कहते हैं कि यहां सिर्फ 4 नियमित शिक्षक हैं. छात्रों को दो शिफ्ट में पढ़ाया जा रहा है. बीकॉम में गेस्ट फैकेल्टी की बहाली नहीं हुई है. वहीं जाप छात्र नेता गौतम आनंद कहते हैं कि बीकॉम में वोकेशनल के तहत 400 सीटों की वृद्धि की गई. लेकिन यहां छात्रों को बैठने के लिए जगह नहीं है. छात्र शुल्क तो देते हैं, लेकिन सुविधा नहीं मिलती. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि कॉलेज के छात्रों को जल्द से जल्द सारी सुविधाएं दी जाए.

gautam anand student leader byte on commrce college situation
गौतम आनंद, जाप छात्र नेता

एक साथ पढ़ते हैं 200 छात्र
गौरतलब है कि वाणिज्य महाविद्यालय में भवन के अलावे न तो पर्याप्त स्टाफ है और ना ही शिक्षक. इसी भवन में प्राचार्य का ऑफिस सहित पीजी के विभाग भी चलते हैं. वहीं वाणिज्य महाविद्यालय के छात्रों ने अपनी परेशानी बतायी. हर शिफ्ट में छात्र अपनी बारी का इंतजार करते हैं. हर सत्र के 400 छात्रों को दो सेक्शन में बांटकर पढ़ाया जाता है. एक बैच में 200 छात्र एक साथ पढ़ते हैं. अगर सभी छात्र क्लास में आ जाए तो बैठने की जगह नहीं बचती.

Intro: वर्षों से खुद का भवन नहीं होने का दंश झेल रहा है वाणिज्य महाविद्यालय,
चार कमरों में पढ़ते हैं 2200विद्यार्थी


Body:पटना विश्वविद्यालय का वाणिज्य महाविद्यालय की स्थिति बदहाल है,बदहाली का आलम यह है, कि यहां पढ़ने के लिए सिर्फ 4 कमरे हैं और 2200 छात्र-छात्राएं हैं, जबकि उक्त कमरों के कुल 3 कोर्स बीकॉम, एमकॉम एवं बीबीए हैं
वहीं बीकॉम में वोकेशनल के तहत 400 सीटें और भी बढ़ा दी गई है, लेकिन उक्त छात्रों को पढ़ाने के लिए कॉलेज के पास अब 1 इंच भी जगह नहीं है, कॉलेज के प्राचार्य ने 400 सीटों की व्यवस्था के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं और कहा है कि सरकार भवन बना कर देगी तभी इनकी पढ़ाई शुरू होगी अन्यथा नहीं होगी।

गौरतलब है कि वाणिज्य महाविद्यालय का खुद का अपना भवन नहीं है, पटना कॉलेज के एक ही भवन में यह कॉलेज ने शरण ले रखी हैं, उसी भवन में दो अन्य पीजी विभाग भी चलते हैं साथ ही कॉलेज और प्राचार्य का ऑफिस सब उसी में चलता है, दो शिफ्ट से तीन शिफ्ट करने की स्थिति में कॉलेज नहीं है, क्योंकि न तो कॉलेज स्टाफ है और न ही शिक्षकों की संख्या है
कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी है, कॉलेज के प्राचार्य चंद्रमा सिंह ने बताया कि सिर्फ 4 नियमित शिक्षक हैं, वही दो दो शिफ्ट में पढ़ाते हैं बीकॉम में गेस्ट फैकेल्टी की बहाली नहीं हुई है


Conclusion:वाणिज्य महाविद्यालय के प्राचार्य चंद्रमा सिंह ने बताया कि 1975 में इसकी स्थापना हुई थी जिसके बाद से यह पटना कॉलेज की एक के कैंपस में ही एक बिल्डिंग यह महाविद्यालय चल रहा है, लेकिन सरकार इस संबंध में आज तक कोई पहल नहीं की है ,वहीं वाणिज्य महाविद्यालय के छात्र संगठन के नेता और छात्रों ने भी अपनी परेशानी बताई हैं की हर शिफ्ट में छात्र अपनी बारी का इंतजार करते हैं, छात्र संगठन के नेता ने कहा कि हर सत्र के 400 छात्रों को दो सेक्शन में बांटकर पढ़ाया जाता है कॉलेज में एक बैच में 200 छात्र एक साथ पढ़ते हैं सभी छात्र आते हैं तो क्लास में सुई के बराबर भी जगह नहीं बचती हैं



बाईट:-चंद्रमा सिंह,प्राचार्य, वाणिज्य महाविद्यालय, पीयू
बाईट:-मनोहर कुमार, छात्र,वाणिज्य महाविद्यालय
बाईट:-शौकत,छात्रसंगठन नेता
बाईट:-गौतम आनंद,नेता,छात्र संगठन,जन अधिकार छात्र परिषद पीयू
पीटूसी
शशि तुलस्यान
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