पटनाः हमारे देश में प्रकाश पर्व दीपावली (Diwali Puja 2022) पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण भारत तक अलग अलग तौर तरीकों से मनाई (Diwali Celebration In India) जाती है. दिवाली महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और इसके अगले दिन छोटी दिवाली होती है. छोटी दिवाली के अगले दिन बड़ी दिवाली मनाई जाती है, इस दिन भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा होती है. इस बार सूर्यग्रहण के कारण दिवाली की तारीख (Coincidence Of Solar Eclipse On Diwali) को लेकर लोगों के मन में कुछ कंफ्यूजन है, लोगों में छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली अलग-अलग मनाने या एक ही दिन होने को लेकर असमंजस बना हुआ है. इसे लेकर पंचांग भी अलग-अलग बातें कह रहे हैं. दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ने के कारण गोवर्धन पूजा को लेकर भी काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
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22 अक्टूबर को धनतरेस का पर्व मनाना उत्तमः दिवाली में कौन सा दिन किस तारीख को पड़ेगा, इसे लेकर पंडितों की राय काफी महत्वपूर्ण होती है. पंडितों के अनुसार नीमच के पंचाग निर्णय सागर में धनतेरस 23 अक्टूबर को होना बताया गया है. इसके अलावा अन्य पंचांग में धनतेरस 22 अक्टूबर को ही बताया गया है, इससे उनकी राय में रुप चौदस यानी छोटी दिवाली 23 अक्टूबर और बड़ी दिवाली 24 अक्टूबर को अलग-अलग दिन मनाई जाएगी. वहीं, कुछ पंडितों का कहना है कि इस साल सूर्य ग्रहण के कारण नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली एक ही दिन मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, धनतेरस हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी को मनाया जाता है. इस साल त्रयोदशी तिथि 22 व 23 अक्टूबर दोनों दिन पहुंच रही है. ऐसे में कुछ लोग धनतेरस 22 और कुछ 23 अक्टूबर को मनाने की सलाह दे रहे हैं. हालांकि ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 22 अक्टूबर को धनतरेस का पर्व मनाना अच्छा रहेगा.
बड़ी दिवाली 24 अक्टूबर को मनाना उत्तमः ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर 24 अक्टूबर की शाम 05 बजकर 28 मिनट तक रहेगी. छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी. उदया तिथि के अनुसार, छोटी दिवाली 24 अक्टूबर को भी मनाई जा सकती है. दरअसल 24 अक्टूबर की शाम 05 बजकर 28 मिनट से अमावस्या तिथि लग रही है. जो कि 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 19 मिनट तक रहेगी. 25 अक्टूबर की शाम प्रदोष काल लगने से पहले ही अमावस्या तिथि समाप्त हो रही है. ऐसे में बड़ी दिवाली 24 अक्टूबर को मनाना उत्तम रहेगा.
27 साल पहले 1995 में बना था ऐसा संयोगः ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 05 बजकर 24 मिनट तक सूर्य ग्रहण रहेगा. इससे 12 घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा. इस सूर्य ग्रहण का स्पर्श भारत में दिन के 11 बजकर 28 मिनट पर होगा. और करीब 07:05 घंटा बाद शाम 5.24 बजे मोक्ष होगा. वहीं ग्रहण का सूतक 12 घंटा पूर्व यानि 24 अक्टुबर की रात 11:28 बजे से ही लग जाएगा. आपको बता दें कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है. इस साल अमावस्या तिथि पर साल का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण लग रहा है. हालांकि यह सूर्यग्रहण अमावस्या तिथि के समाप्त होने पर लग रहा है. दिवाली पर सूर्यग्रहण का ऐसा संयोग करीब 27 साल पहले 1995 में बना था.
दिवाली 2022- 24 अक्तूबर
लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त -शाम 06 बजकर 54 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक
लक्ष्मी पूजन की अवधि-1 घंटा 21 मिनट
प्रदोष काल - शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक
वृषभ काल - शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक
दिवाली लक्ष्मी पूजा महानिशीथ काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त - रात 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक
अवधि - 50 मिनट तक
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त 2022
सायंकाल मुहूर्त्त (अमृत,चल): 17:29 से 19:18 मिनट तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ) : 22:29 से 24:05 मिनट तक
रात्रि मुहूर्त्त (शुभ,अमृत,चल): 25:41 से 30:27 मिनट तक