पटना: पिछले दिनों विधानसभा सत्र के दौरान जिस प्रकार से तेजस्वी यादव के आरोपों पर नीतीश कुमार जितने गुस्से में दिखे थे, उससे पहले कभी इतने गुस्से में नहीं दिखे. दो दिन पहले भी नीतीश कुमार मीडिया के सवालों पर भड़क गए थे. वहीं, जदयू और सहयोगी बीजेपी के नेता नीतीश कुमार के बचाव में दिख रहे हैं.
''यह चिंता की बात है, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपेक्षाएं अधिक हैं और संभव है कि जिस तरह से वे काम करना चाहते हो वह कर नहीं पा रहे हैं''- डीएम दिवाकर, राजनीतिक विशेषज्ञ
''बीजेपी का दबाव है इसी कारण नीतीश कुमार बदले-बदले से दिख रहे हैं. पहले एक डिप्टी सीएम था, अब दो-दो डिप्टी सीएम हैं. अपनी मर्जी से कुछ कर नहीं पा रहे हैं''-राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता
''15 सालों में नीतीश कुमार कभी भी इरिटेटेड नहीं दिखे हैं. वह तो सवालों का जवाब देते हैं, लोग उनकी बातों को अन्यथा ले रहे हैं ''- कमल नोमानी, जदयू प्रवक्ता
''नीतीश कुमार पर शक नहीं किया जा सकता है, कानून व्यवस्था को लेकर ही 2 महीने में 4 बार बैठक कर चुके हैं. लेकिन बार-बार जब आरोप लगाया जाएगा तो जवाब तो मिलेगा ही''- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
बिहार में नीतीश कुमार पिछले 15 सालों में अपनी मनमर्जी से सरकार चलाते रहे हैं. बीजेपी के साथ रहने के बाद भी हमेशा बड़े भाई की भूमिका में ही रहे हैं. लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव के नतीजों में पार्टी तीसरे नंबर पर पहुंच गई. विधानसभा अध्यक्ष का पद भी चला गया और लगातार जिस प्रकार से आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, परेशानी बनी हुई है. इसके साथ ही विपक्ष इस बार काफी मजबूत स्थिति में है. तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं. नीतीश कुमार के गुस्सा का यह भी बड़ा कारण है.