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सीएम नीतीश ने वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण, महान योद्धा की वीरता को किया याद

स्वतंत्रता संग्राम के नायक बाबू वीर कुंवर सिंह को पूरा देश आज याद कर रहा है. जगदीशपुर में विजयोत्सव समारोह (veer kunwar singh vijayotsav) मनाकर भाजपा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बाबू वीर कुंवर सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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Published : Apr 23, 2022, 12:13 PM IST

Updated : Apr 23, 2022, 12:28 PM IST

पटनाः आज आजादी की पहली लड़ाई 1857 (Indian Freedom Movement 1857) के वीर योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव दिवस है. इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने आर ब्लॉक स्थित बाबू वीर कुंवर सिंह पार्क में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण (CM Nitish Tribute To Veer Kunwar Singh In Patna) कर उन्हें नमन किया. इस दौरान उन्होंने वीर कुंवर सिंह को देश का महान योद्धा बताया और उनकी वीरता को याद किया.

ये भी पढ़ेंः 80 साल की उम्र में की थी अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत, थर थर कांपते थे फिरंगी, जानिए वीर कुंवर सिंह की कहानी

मीडिया से बात करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि वीर कुंवर सिंह ने देश की आजादी के लिए पहली लड़ाई लड़ी और एक साल तक इसे जारी रखा. इस दौरान भारत के कई ब्रिटिश सिपाहियों ने विद्रोह किया और वीर कुंवर सिंह के साथ लड़ाई में शामिल हो गए. देश में कई जगहों पर घूम-घूमकर उन्होंने आंदोलन को आगे बढ़ाया. उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. हम तो शुरू से कहते आए हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर बाबू वीर कुंवर सिंह का कार्यक्रम होना चाहिए.


'वीर कुंवर सिंह याद में हर साल हमलोग आयोजन करते रहे हैं. 2 साल कोरोनावायरस था इसलिए नहीं मनाया गया. बिहार में बहुत पहले से उनके विजयोत्सव दिवस पर आयोजन हो रहा है. बच्चों की पढ़ाई में भी बाबू वीर कुंवर सिंह की क्या भूमिका है, इस को शामिल किया गया. ताकि नई पीढ़ी को उनके बलिदान और वीरता के बारे में जानकारी है. उनके नाम पर कई कार्यक्रम हमने शुरू किया. हम तो शुरू से कह रहे हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर बाबू वीर कुंवर सिंह का कार्यक्रम करना चाहिए'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

ये भी पढ़ेंः वीर कुंवर सिंह की जन्म जयंती पर बिहार आयेंगे गृह मंत्री अमित शाह, वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में BJP

बता दें कि अंग्रेजों के खिलाफ देश की आजादी के लिए 1857 की लड़ाई को स्वतंत्रता का पहला आंदोलन भी कहा जाता है. जगदीशपुर के बाबू वीर कुंवर सिंह इस आंदोलन के महानायक थे. 80 साल की उम्र में उन्होंने खुद सेनापति बनकर भारतीय सैनिकों के साथ मैदान-ए-जंग में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे. लाख कोशिश के बावजूद भोजपुर लंबे समय तक स्वतंत्र रहा. वीर कुंवर सिंह ने आरा जेल को तोड़कर कैदियों को मुक्त कराया और खजाने पर कब्जा जमाया. आरा के जगदीशपुर में 17 नवंबर 1777 को जन्मे वीर कुंवर सिंह को इतिहास में 80 साल की उम्र में दुश्मनों से लड़ने और जीत हासिल करने के जज्बे के लिए जाना जाता है.
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पटनाः आज आजादी की पहली लड़ाई 1857 (Indian Freedom Movement 1857) के वीर योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव दिवस है. इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने आर ब्लॉक स्थित बाबू वीर कुंवर सिंह पार्क में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण (CM Nitish Tribute To Veer Kunwar Singh In Patna) कर उन्हें नमन किया. इस दौरान उन्होंने वीर कुंवर सिंह को देश का महान योद्धा बताया और उनकी वीरता को याद किया.

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मीडिया से बात करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि वीर कुंवर सिंह ने देश की आजादी के लिए पहली लड़ाई लड़ी और एक साल तक इसे जारी रखा. इस दौरान भारत के कई ब्रिटिश सिपाहियों ने विद्रोह किया और वीर कुंवर सिंह के साथ लड़ाई में शामिल हो गए. देश में कई जगहों पर घूम-घूमकर उन्होंने आंदोलन को आगे बढ़ाया. उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. हम तो शुरू से कहते आए हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर बाबू वीर कुंवर सिंह का कार्यक्रम होना चाहिए.


'वीर कुंवर सिंह याद में हर साल हमलोग आयोजन करते रहे हैं. 2 साल कोरोनावायरस था इसलिए नहीं मनाया गया. बिहार में बहुत पहले से उनके विजयोत्सव दिवस पर आयोजन हो रहा है. बच्चों की पढ़ाई में भी बाबू वीर कुंवर सिंह की क्या भूमिका है, इस को शामिल किया गया. ताकि नई पीढ़ी को उनके बलिदान और वीरता के बारे में जानकारी है. उनके नाम पर कई कार्यक्रम हमने शुरू किया. हम तो शुरू से कह रहे हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर बाबू वीर कुंवर सिंह का कार्यक्रम करना चाहिए'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

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बता दें कि अंग्रेजों के खिलाफ देश की आजादी के लिए 1857 की लड़ाई को स्वतंत्रता का पहला आंदोलन भी कहा जाता है. जगदीशपुर के बाबू वीर कुंवर सिंह इस आंदोलन के महानायक थे. 80 साल की उम्र में उन्होंने खुद सेनापति बनकर भारतीय सैनिकों के साथ मैदान-ए-जंग में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे. लाख कोशिश के बावजूद भोजपुर लंबे समय तक स्वतंत्र रहा. वीर कुंवर सिंह ने आरा जेल को तोड़कर कैदियों को मुक्त कराया और खजाने पर कब्जा जमाया. आरा के जगदीशपुर में 17 नवंबर 1777 को जन्मे वीर कुंवर सिंह को इतिहास में 80 साल की उम्र में दुश्मनों से लड़ने और जीत हासिल करने के जज्बे के लिए जाना जाता है.
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Last Updated : Apr 23, 2022, 12:28 PM IST
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