पटना: राजगीर में बने नेचर सफारी का सीएम नीतीश कुमार ने 26 मार्च को उद्घाटन किया. इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारी पूरी की गई थी. नेचर सफारी बनाने में कुल 19 करोड़ रुपये की लागत आई है.
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सीएम नीतीश पहले भी कर चुके हैं अवलोकन
बता दें कि उद्घाटन से पहले, बीते साल 19 दिसंबर को सीएम नीतीश कुमार ने नेचर सफारी का अवलोकन किया था. इस क्रम में उन्होंने ग्लास स्काई वॉक ब्रिज सहित अन्य इवेंट का जायजा लिया था. वन प्रमंडल नालंदा सहित निर्माण एजेंसी को इसे फौरन कंप्लीट करने का निर्देश भी जारी किया था.
नेचर सफारी के तहत 22 एकड़ भू-भाग में पहले कैंप एरिया में बनाए जा रहे जीप लाइन, जीप बाइक सहित अन्य स्थलों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निरीक्षण किया था और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए थे.
पूरी तरह से तैयार
ग्लास स्काई वॉक ब्रिज, सस्पैंशन ब्रिज, अराउंड 8 सौ मीटर का जिप लाइन, 500 मीटर का साइक्लिग जिप लाइन, तीरंदाजी, शूटिग रेंज सहित अनेक रोमांचक स्पॉट लगभग तैयार हो चुका है. राजगीर के नेचर सफारी में बना हैंगिंग ग्लास ब्रिज उद्घाटन से पहले ही चर्चा का विषय बन गया है. यह राजगीर ही नहीं बल्कि पूरे बिहार के लिए इकलौता आकर्षण का केंद्र बन चुका है.
9 किलोमीटर एरिया में बना है ग्लास ब्रिज
नौ किलोमीटर के एरिया में बने नेचर सफारी में ग्लास ब्रिज यानि शीशे का पुल बनाया गया है. इसमें चढ़ने वालों को अपना दिल थाम कर जाना होगा. यह स्काई बाग में होगा. इसके नीचे गहरी खायी दिखायी देगी. जो पर्यटकों के लिए किसी रोमांच से कम नहीं होगा. बता दें कि चीन के हांगझोऊ इलाके में बने 120 मीटर ऊंचे शीशे के पुल की तरह ही राजगीर नेचर सफारी में इस पुल को बनाया गया है.
ग्लास स्काई वाॅक ब्रिज की खासियत
- यह पूरी तरह से शीशा और स्टील के फ्रेम से निर्मित है.
- इस स्काई वाॅक की कुल लम्बाई 85 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा है.
- घाटी से इसकी ऊंचाई 250 फीट है. इसपर एक साथ 40 लोग चढ़ सकेंगे.
- वहीं डी सेक्टर अर्थात अंतिम छोर पर एक साथ 10 से 12 लोग चढ़ सकेंगे.
- यह राजगीर के अति प्राचीन वैभार गिरी पर्वत के तलहटी में बनाया गया है.
- इस स्काई ब्रिज में 15 एमएम का तीन लेयर का शीशा लगाया गया है, इसमें लगे शीशे की कुल मोटाई 45 एमएम होगी जो पूरी तरह से पारदर्शी होगा जो काफी रोमांचक भी होगा.
बटरफ्लाई पार्क का भी हो रहा है निर्माण
वहीं, इस सफारी के कैंप एरिया में ट्री हट, वूडेन हट, बांवू हट, मड हट हाउस आदि के बनाए जाने से यह बेहद रमणीय हो गया है. जिसमें पर्यटक पेईंग गेस्ट बनकर भी इसमें कुछ दिन बिता सकेंगे. जबकि, इसमें भी एक छोटा सा बटरफ्लाई पार्क का निर्माण किया गया है.
बिहार का पहला और देश का दूसरा स्काई वाॅक होगा राजगीर
- चीन के हेबई प्रांत के एस्ट तैहांग में बना स्काई वाॅक के तर्ज पर बनाया जा रहा राजगीर का यह स्काई वाॅक.
- यह बिहार का पहला और देश का दूसरा स्काई ब्रिज.
- देश का पहला ग्लास स्काई ब्रीज सिक्किम के पेलिंग में अवस्थित है.
- जिप लाइन पर झूलकर पर्यटक हवा में सैर का आनंद ले सकेंगे.
500 हेक्टेयर में बन रहा कैफेटेरिया
वहीं 500 हेक्टेयर में कैफेटेरिया भी बना है. इसके गेट को एक नया लुक दिया गया है. सफारी में हवा में रोप के सहारे साइक्लिंग का भी लोग लुफ्त उठायेंगे. इसमें पर्यटकों को लुभाने के लिए तितली पार्क, राउंडेन गार्डेन, मेड्रेशनल गार्डेन, शूटिंग लैब भी बनाया गया है.
मिट्टी और ट्री काॅटेज भी होंगे आकर्षक केंद्र
नेचर सफारी में पुराने परंपरा के अनुसार नये तरीके से मिट्टी, बांस और लकड़ी का कॉटेज बनाया गया है. यह बाहरी पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में पूरी तरह से सक्षम होगा. पहले जहां विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटक खासकर बंगाली पर्यटक यहां एक से दो दिन ही ठहर पाते थे. वे अब उद्घाटन होने के बाद लम्बे समय के लिए राजगीर में ठहरेंगे और विदेशी पर्यटकों का भी ठहराव राजगीर में हो पायेगा. इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी.
आज सीएम नीतीश करने वाले हैं उद्घाटन
नेचर सफारी का पहला द्वार नाकापर जेठियन के पास होगा. यह जेठियन की ओर से तीन किलोमीटर दूर पड़ेगा. एडवेंचर के तहत यहां लोग पतले रस्सी पर साईकलिंग करने, तीरंदाजी, निशानेबाजी, पहाड़ पर चढ़ायी के लिए ट्रेकिंग का भी मजा ले सकेंगे. इसके अलावे यहां औषधीय पार्क, सकलैंड गार्डन, इलेक्ट्रिक पार्किंग, बिहार दर्शन, नेचर बाथ, ओपन थियेटर, बम्बू हट, उडेन काॅटेज, कैफेटेरिया का निर्माण किया जा चुका है. पर्यटकों के लिए आज से नेचर सफारी खुल गया.