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समाज सुधार अभियान में बोले CM नीतीश- 'शराब से आता था ₹5000 करोड़ का राजस्व, लेकिन हमें परवाह नहीं' - Etv bharat

पटना में सीएम नीतीश कुमार का समाज सुधार अभियान आयोजित किया गया. बापू सभागार में उन्होंने दहेज प्रथा, बाल विवाह, पूर्ण नशामुक्ति को लेकर लोगों को जागरूक किया. पढ़ें रिपोर्ट..

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार
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Published : Feb 27, 2022, 11:01 PM IST

पटना: पटना में सीएम नीतीश कुमार का समाज सुधार अभियान (CM Nitish Kumar Samaj Sudhar Abhiyan in Patna) आयोजित हुआ. सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह से मुक्ति हेतु ये कार्यक्रम आयोजित हुआ. उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही हमलोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और वर्ष 2011 से ही इसको लेकर हमने अभियान चलाना शुरू कर दिया था. शराब बिक्री से राज्य सरकार को 5 हजार करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्त हो रहा था. हमने इसकी परवाह नहीं करते हुए जनहित में शराबबंदी को लागू किया.

यह भी पढ़ें- 'शराब पीने से AIDS होता है...' CM नीतीश कुमार का बयान

सीएम नीतीश कुमार ने कहा, आप जानते हैं कि हमने समाज सुधार अभियान दिसंबर 2021 से शुरू किया है. वर्ष 2016 में हम सभी 9 प्रमंडलों में शराबबंदी अभियान को लेकर जगह-जगह जाकर महिलाओं के अनुभवों की जानकारी ली थी. इस बार 12 जगहों पर जा रहे हैं. जनवरी माह में पूरी दुनिया, देश और बिहार में कोरोना का तीसरा दौर शुरू हो गया, जिसके चलते अभियान को बीच में ही रोकना पड़ा. खुशी की बात है कि इसका असर तेजी से खत्म होने लगा और अब अभियान की फिर से शुरुआत की गई है और आज इसका 10वां पड़ाव है. कोरोना के मामले तेजी से घटे हैं. अब नालंदा जिला में 6 और पटना जिला में 138 मामले रह गए हैं. समाज सुधार अभियान में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह को लेकर काम किया जा रहा है. इसके लिए कानून भी बनाए गए हैं. जननायक कर्पूरी ठाकुर वर्ष 1977 में मुख्यमंत्री थे. तब उन्होंने शराबबंदी लागू की थी, लेकिन 2 वर्ष बाद उन्हें हटा दिया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभ से ही हमलोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और वर्ष 2011 से ही इसको लेकर हमने अभियान चलाना शुरू कर दिया था. शराब बिक्री से राज्य सरकार को 5 हजार करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्त हो रहा था. हमने इसकी परवाह नहीं करते हुए जनहित में शराबबंदी को लागू किया. शराबबंदी करने को लेकर मेरे मन में दुविधा थी कि इसे पूरे तौर पर लागू कर पाएंगे या नहीं. 9 जुलाई 2015 को पटना में श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जीविका के एक कार्यक्रम में महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर आवाज उठाना शुरू किया. मेरे मन शराबबंदी को लेकर जो दुविधा थी, वो खत्म हो गई. उसके बाद मैं वापस माइक पर आया और कहा कि अगली बार सरकार में आएंगे तो बिहार में शराबबंदी लागू करेंगे. उसके तीन माह बाद ही बिहार में विधानसभा का चुनाव था.

बिहार की जनता ने पुनः हमलोगों को काम करने का मौका दिया और हमने शपथ लेने के बाद 26 नवंबर को ही मीटिंग बुलाकर शराबबंदी को लेकर अभियान चलाने का निर्णय लिया. इसके लिए लगातार अभियान चलता रहा. इसको लेकर कानून बनाया. पहले 1 अप्रैल 2016 को ग्रामीण इलाके में देसी और विदेशी शराब पर रोक लगायी गई. जबकि शहरी इलाकों, नगर निगम और नगर परिषद् में अभी विदेशी शराब बंद नहीं करने का निर्णय लिया गया था. शहरों में कई जगहों पर महिलाएं, युवक-युवतियां और पुरुषों ने भी शराब की आवंटित दुकानों के खोले जाने पर कड़ा विरोध जताया.

इसके बाद 4 अप्रैल को हमने मीटिंग बुलाई और 5 अप्रैल 2016 से कानून लाया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उस अभियान के दौरान एक जगह पर एक महिला ने अपनी आप बीती सुनाई कि मेरे पति काम से लौटते थे तो दारू पीकर आते थे. मारपीट करते थे, हंगामा करते थे. परिवार में सभी को बुरा लगता था और देखने में भी खराब लगते थे. अब जब शराबबंदी हो गई तो बाजार से तरकारी (सब्जी) लेकर आते हैं और घर में आते हैं तो मुस्कुराते हुए आते हैं. घर के काम में भी सहयोग करते हैं. अब वे देखने में भी अच्छे लगते हैं. शराबबंदी के बाद घर और समाज का माहौल बदल गया.

शराब पीने के पक्षधर कुछ लोग मेरे खिलाफ बोलते रहते हैं. वे खुद को ज्यादा काबिल, पढ़ा लिखा और विद्वान समझते हैं लेकिन ऐसे लोग काबिल नहीं हो सकते हैं. जो शराब के पक्ष में बोलेगा वह गलत ही होगा. समाज में 10 प्रतिशत गड़बड़ करने वाले लोग होते हैं. शराबबंदी को लेकर कुछ लोग तरह-तरह के सवाल खड़े करने लगे. जहरीली शराब पीकर लोग मरते हैं. हम तो शुरू से कहते हैं कि शराब कितनी खराब चीज है. इसका सेवन मत करो, शराब पीने से मौत भी हो सकती है. हमने आकलन कराया तो पता चला कि शराबबंदी लागू होने के बाद 1 करोड़ 64 लाख से ज्यादा लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है. हमने पुनः इसका आकलन कराने को कहा है. उन्होंने कहा कि विधानमंडल से सभी दलों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून पास कराया गया और सभी सदस्यों ने शराबबंदी के पक्ष में शपथ ली थी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 2017 को बापू सभागार का उद्घाटन किया गया था और उसी कार्यक्रम में दहेज प्रथा और बाल विवाह को लेकर अभियान चलाने की शुरुआत की गई थी. उस समय 5 हजार जीविका दीदियां आयी थीं. वर्ष 2018 शराबबंदी के पक्ष में लोगों ने बहुत बड़ी मानव श्रृंखला बनायी थी. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब देश की आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे तो उस समय भी वे कहा करते थे कि शराब, आदमी से न सिर्फ उसका पैसा छीन लेती है बल्कि उसकी बुद्धि भी हर लेती है. शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है.

अगर एक घंटे के लिए मुझे तानाशाह बना दिया जाए तो शराब को पूरे तौर पर बंद कर देंगे. उन्होंने कहा कि कुछ लोग खुद को काबिल समझते हैं लेकिन वे बापू की बातों को भी नहीं मानते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष 2016 में सर्वेक्षण कराया और 2018 में रिपोर्ट प्रकाशित की. उस रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब पीने से दुनियाभर में एक साल में 30 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानि दुनिया में जितनी मृत्यु हुई है, उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से होती है. 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है.

शराब के सेवन से 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं. 18 प्रतिशत लोग शराब पीने से आत्महत्या कर लेते हैं, जबकि शराब पीने के कारण 18 प्रतिशत आपसी झगड़े होते हैं. शराब पीने के कारण दुनियाभर में 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. हमलोगों ने इस बुकलेट में शराब के सेवन से होनेवाली हानियों के बारे में एक-एक बातों को लिखवाया है. इस बुकलेट के बारे में लोगों को विस्तार बताएं. नई पीढ़ी के लोगों को भी इन सब चीजों के बारे में जानकारी दें ताकि वे सचेत रहें. उन्होंने कहा कि बहुत लोग तो बहुत तरह की बातें करते रहते हैं. कुछ लोग हमको कहते थे कि शराबबंदी से पर्यटकों की संख्या घट जाएगी, मगर यहां शराबबंदी के बाद पर्यटकों की संख्या और बढ़ गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शराब के धंधेबाजों पर तेजी से कार्रवाई हो रही है. अब ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है. शराब के धंधेबाजों पर मद्य निषेध और पुलिस विभाग की पूरी नजर है. धंधेबाज ड्रोन ऊपर से चित्र लेता रहेगा और कार्रवाई होती रहेगी. अभी 26 ड्रोन की सहायता ली जा रही है. ड्रोन हेलीकॉप्टर का भी उपयोग किया जा रहा है. ड्रोन के माध्यम से गंगा नदी के दोनों किनारों पर भी निगरानी की जा रही है. अगर कोई भी गड़बड़ी करेगा तो बच नहीं पाएगा. बालू के अवैध धंधेबाजों और क्राइम करने वालों पर भी नजर रहेगी। आप सभी से अपील है लोगों को जागरूक कीजिए और गड़बड़ी करने वालों की सूचना दीजिए. उन्होंने कहा कि 2 लाख 17 हजार से अधिक छापेमारी अब तक की गई है. अपराध नियंत्रण के लिए भी लगातार काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि हाल ही में नालंदा में 8 आदमी की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी. दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है. समाज सुधार अभियान सिर्फ नशामुक्ति के लिए ही नहीं है, बल्कि बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ भी यह निरंतर चलते रहना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से आपने सेवा करने का मौका दिया. तब से आपकी सेवा कर रहे हैं. बिहार की पहले क्या हालत थी. शाम के बाद घर से निकलने की किसी की हिम्मत नहीं होती थी. सड़कें काफी जर्जर थीं. चाहकर भी कोई कहीं जा नहीं पाता था. बाढ़ लोकसभा क्षेत्र से हम 5 बार सांसद थे और केंद्र सरकार में श्रद्धेय अटल जी की सरकार में मंत्री भी थे. उस समय अपने संसदीय क्षेत्र में एक दिन में लगभग 12 किलोमीटर तक हम पैदल चला करते थे. उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद से सड़क, स्कूल, अस्पताल सहित सभी क्षेत्रों में विकास का काम तेजी से किया जा रहा है. अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक समाज के बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने के लिए काम किया गया.

पहले बिहार में शिक्षा की काफी बुरी स्थिति थी. पांचवीं क्लास से आगे लड़कियां नहीं पढ़ पाती थीं. हमलोगों ने वर्ष 2007 से पोशाक योजना की शुरुआत की. इसके बाद 9वीं कक्षा में पढ़नेवाली लड़कियों के लिए साइकिल योजना की भी शुरुआत की. वर्ष 2009 में लड़कों के लिए भी हमने साइकिल योजना की शुरुआत करायी. इसकी चर्चा देश-दुनिया में हुई और दुनिया के तीन मुल्कों के लोगों ने यहां आकर इसके बारे में विस्तृत जानकारी ली. मैट्रिक की परीक्षा में पिछले साल की लड़कियों की संख्या लड़कों से 300 अधिक थी. कुछ लोगों को मौका मिला तो उन्होंने अपने घर की महिला को मुख्यमंत्री बना दिया लेकिन प्रदेश की महिलाओं का कुछ भी कल्याण नहीं हुआ.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2006 से नगर निकाय एवं पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना. कुछ लोग इसको लेकर मेरे खिलाफ रहे. इससे बड़ी संख्या में महिलाएं चुनाव जीतकर आयीं. पुलिस एवं सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया. इसका नतीजा है कि आज बिहार पुलिस में 25 हजार से ज्यादा महिलाएं हैं.

स्वयं सहायता समूह की संख्या बिहार में न के बराबर थी, हमलोगों ने विश्व बैंक से कर्ज लेकर इस काम को आगे बढ़ाया. हमने इसका नामकरण जीविका किया. हमलोगों ने 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था और अब तक 10 लाख 28 हजार स्वयं सहायता समूहों को गठित किया जा चुका है, जिनसे 1 करोड़ 27 लाख से परिवार जुड़ गया है. उस समय की सरकार ने जीविका का अध्ययन किया और इसे पूरे देश में आजीविका के नाम से यह योजना चलायी. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति, अति पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई काम किए गए. उन्होंने कहा कि अब मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी एक तिहाई सीट लड़कियों के लिए आरक्षित कर दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा सड़क, स्वास्थ्य, पुल-पुलिया, महिलाओं के उत्थान काम किया है. हर घर तक पक्की गली-नाली का निर्माण कराया. हर घर नल का जल पहुंचाने का काम किया. हर घर में शौचालय का निर्माण कराया गया. हर घर तक बिजली पहुंचाई गई. हमलोग वर्ष 2005 से न्याय के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में बाल विवाह और दहेज प्रथा को रोकने के लिए कानून बनी हुई है. इसके बावजूद यह कुप्रथा आज भी देखने को मिल जाती है. लोग लड़के की शादी में दहेज मांगते हैं, बहुत बुरी चीज है. समाज में अगर पुरुष-स्त्री नहीं रहते तो हम सबका अस्तित्व नहीं रहता.

समाज को आगे बढ़ाने में महिलाओं की बड़ी भूमिका है. लड़की नहीं होगी तो लड़के की शादी आप किससे करेंगे. इसलिए दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिए. दहेज मुक्त शादी समारोह में ही हमने जाने का निर्णय लिया है. शादी के कार्ड पर दहेज मुक्त शादी की बात लिखी जायेगी तो ही हम उस शादी समारोह में जाएंगे. आप सब भी ऐसा ही करें. उन्होंने कहा कि बाल विवाह से अनेक प्रकार की बीमारियां होती हैं. केंद्र सरकार का प्रस्ताव आया है कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करनी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार में प्रजनन दर 4.3 था, जो घटकर अब 3 हो गया है. हमलोग इसके लिए लड़कियों को शिक्षित कर रहे हैं. लड़कियां पढ़ेंगी तो प्रजनन दर में और कमी आएगी. बिहार का क्षेत्रफल कम है, जनसंख्या का घनत्व अधिक है, इसलिए हमलोगों को प्रजनन दर घटाना है. उन्होंने कहा कि ताड़ी की जगह नीरा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम करें. सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत 1 लाख रुपये तक की इसमें मदद की जा रही है. इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार भी बढ़ेगा. प्रेम और भाईचारा के साथ हमलोग मिलकर आगे बढ़ते रहें. आप आगे बढ़ेंगे तो राज्य बढ़ेगा, देश बढ़ेगा.

कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत जीविका समूह की दीदियों ने शराबबंदी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा मुक्त समाज बनाने के साथ ही समाज सुधार अभियान के प्रति अपनी-अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की. मुख्यमंत्री द्वारा विकास कार्यों के साथ-साथ चलाए जा रहे समाज सुधार अभियान की सराहना करते हुए बबली कुमारी, शाहीन परवीन, ममता देवी, नेहा देवी, सविता देवी एवं माधुरी देवी ने अपनी आपबीती और अनुभवों को साझा किया.

ये भी पढ़ें: Liquor Ban in Bihar: नीतीश के 'निश्चय' को महिला मुखिया का समर्थन, इस काम की हो रही तारीफ

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पटना: पटना में सीएम नीतीश कुमार का समाज सुधार अभियान (CM Nitish Kumar Samaj Sudhar Abhiyan in Patna) आयोजित हुआ. सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह से मुक्ति हेतु ये कार्यक्रम आयोजित हुआ. उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही हमलोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और वर्ष 2011 से ही इसको लेकर हमने अभियान चलाना शुरू कर दिया था. शराब बिक्री से राज्य सरकार को 5 हजार करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्त हो रहा था. हमने इसकी परवाह नहीं करते हुए जनहित में शराबबंदी को लागू किया.

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सीएम नीतीश कुमार ने कहा, आप जानते हैं कि हमने समाज सुधार अभियान दिसंबर 2021 से शुरू किया है. वर्ष 2016 में हम सभी 9 प्रमंडलों में शराबबंदी अभियान को लेकर जगह-जगह जाकर महिलाओं के अनुभवों की जानकारी ली थी. इस बार 12 जगहों पर जा रहे हैं. जनवरी माह में पूरी दुनिया, देश और बिहार में कोरोना का तीसरा दौर शुरू हो गया, जिसके चलते अभियान को बीच में ही रोकना पड़ा. खुशी की बात है कि इसका असर तेजी से खत्म होने लगा और अब अभियान की फिर से शुरुआत की गई है और आज इसका 10वां पड़ाव है. कोरोना के मामले तेजी से घटे हैं. अब नालंदा जिला में 6 और पटना जिला में 138 मामले रह गए हैं. समाज सुधार अभियान में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह को लेकर काम किया जा रहा है. इसके लिए कानून भी बनाए गए हैं. जननायक कर्पूरी ठाकुर वर्ष 1977 में मुख्यमंत्री थे. तब उन्होंने शराबबंदी लागू की थी, लेकिन 2 वर्ष बाद उन्हें हटा दिया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभ से ही हमलोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और वर्ष 2011 से ही इसको लेकर हमने अभियान चलाना शुरू कर दिया था. शराब बिक्री से राज्य सरकार को 5 हजार करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्त हो रहा था. हमने इसकी परवाह नहीं करते हुए जनहित में शराबबंदी को लागू किया. शराबबंदी करने को लेकर मेरे मन में दुविधा थी कि इसे पूरे तौर पर लागू कर पाएंगे या नहीं. 9 जुलाई 2015 को पटना में श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जीविका के एक कार्यक्रम में महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर आवाज उठाना शुरू किया. मेरे मन शराबबंदी को लेकर जो दुविधा थी, वो खत्म हो गई. उसके बाद मैं वापस माइक पर आया और कहा कि अगली बार सरकार में आएंगे तो बिहार में शराबबंदी लागू करेंगे. उसके तीन माह बाद ही बिहार में विधानसभा का चुनाव था.

बिहार की जनता ने पुनः हमलोगों को काम करने का मौका दिया और हमने शपथ लेने के बाद 26 नवंबर को ही मीटिंग बुलाकर शराबबंदी को लेकर अभियान चलाने का निर्णय लिया. इसके लिए लगातार अभियान चलता रहा. इसको लेकर कानून बनाया. पहले 1 अप्रैल 2016 को ग्रामीण इलाके में देसी और विदेशी शराब पर रोक लगायी गई. जबकि शहरी इलाकों, नगर निगम और नगर परिषद् में अभी विदेशी शराब बंद नहीं करने का निर्णय लिया गया था. शहरों में कई जगहों पर महिलाएं, युवक-युवतियां और पुरुषों ने भी शराब की आवंटित दुकानों के खोले जाने पर कड़ा विरोध जताया.

इसके बाद 4 अप्रैल को हमने मीटिंग बुलाई और 5 अप्रैल 2016 से कानून लाया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उस अभियान के दौरान एक जगह पर एक महिला ने अपनी आप बीती सुनाई कि मेरे पति काम से लौटते थे तो दारू पीकर आते थे. मारपीट करते थे, हंगामा करते थे. परिवार में सभी को बुरा लगता था और देखने में भी खराब लगते थे. अब जब शराबबंदी हो गई तो बाजार से तरकारी (सब्जी) लेकर आते हैं और घर में आते हैं तो मुस्कुराते हुए आते हैं. घर के काम में भी सहयोग करते हैं. अब वे देखने में भी अच्छे लगते हैं. शराबबंदी के बाद घर और समाज का माहौल बदल गया.

शराब पीने के पक्षधर कुछ लोग मेरे खिलाफ बोलते रहते हैं. वे खुद को ज्यादा काबिल, पढ़ा लिखा और विद्वान समझते हैं लेकिन ऐसे लोग काबिल नहीं हो सकते हैं. जो शराब के पक्ष में बोलेगा वह गलत ही होगा. समाज में 10 प्रतिशत गड़बड़ करने वाले लोग होते हैं. शराबबंदी को लेकर कुछ लोग तरह-तरह के सवाल खड़े करने लगे. जहरीली शराब पीकर लोग मरते हैं. हम तो शुरू से कहते हैं कि शराब कितनी खराब चीज है. इसका सेवन मत करो, शराब पीने से मौत भी हो सकती है. हमने आकलन कराया तो पता चला कि शराबबंदी लागू होने के बाद 1 करोड़ 64 लाख से ज्यादा लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है. हमने पुनः इसका आकलन कराने को कहा है. उन्होंने कहा कि विधानमंडल से सभी दलों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून पास कराया गया और सभी सदस्यों ने शराबबंदी के पक्ष में शपथ ली थी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 2017 को बापू सभागार का उद्घाटन किया गया था और उसी कार्यक्रम में दहेज प्रथा और बाल विवाह को लेकर अभियान चलाने की शुरुआत की गई थी. उस समय 5 हजार जीविका दीदियां आयी थीं. वर्ष 2018 शराबबंदी के पक्ष में लोगों ने बहुत बड़ी मानव श्रृंखला बनायी थी. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब देश की आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे तो उस समय भी वे कहा करते थे कि शराब, आदमी से न सिर्फ उसका पैसा छीन लेती है बल्कि उसकी बुद्धि भी हर लेती है. शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है.

अगर एक घंटे के लिए मुझे तानाशाह बना दिया जाए तो शराब को पूरे तौर पर बंद कर देंगे. उन्होंने कहा कि कुछ लोग खुद को काबिल समझते हैं लेकिन वे बापू की बातों को भी नहीं मानते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष 2016 में सर्वेक्षण कराया और 2018 में रिपोर्ट प्रकाशित की. उस रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब पीने से दुनियाभर में एक साल में 30 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानि दुनिया में जितनी मृत्यु हुई है, उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से होती है. 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है.

शराब के सेवन से 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं. 18 प्रतिशत लोग शराब पीने से आत्महत्या कर लेते हैं, जबकि शराब पीने के कारण 18 प्रतिशत आपसी झगड़े होते हैं. शराब पीने के कारण दुनियाभर में 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. हमलोगों ने इस बुकलेट में शराब के सेवन से होनेवाली हानियों के बारे में एक-एक बातों को लिखवाया है. इस बुकलेट के बारे में लोगों को विस्तार बताएं. नई पीढ़ी के लोगों को भी इन सब चीजों के बारे में जानकारी दें ताकि वे सचेत रहें. उन्होंने कहा कि बहुत लोग तो बहुत तरह की बातें करते रहते हैं. कुछ लोग हमको कहते थे कि शराबबंदी से पर्यटकों की संख्या घट जाएगी, मगर यहां शराबबंदी के बाद पर्यटकों की संख्या और बढ़ गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शराब के धंधेबाजों पर तेजी से कार्रवाई हो रही है. अब ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है. शराब के धंधेबाजों पर मद्य निषेध और पुलिस विभाग की पूरी नजर है. धंधेबाज ड्रोन ऊपर से चित्र लेता रहेगा और कार्रवाई होती रहेगी. अभी 26 ड्रोन की सहायता ली जा रही है. ड्रोन हेलीकॉप्टर का भी उपयोग किया जा रहा है. ड्रोन के माध्यम से गंगा नदी के दोनों किनारों पर भी निगरानी की जा रही है. अगर कोई भी गड़बड़ी करेगा तो बच नहीं पाएगा. बालू के अवैध धंधेबाजों और क्राइम करने वालों पर भी नजर रहेगी। आप सभी से अपील है लोगों को जागरूक कीजिए और गड़बड़ी करने वालों की सूचना दीजिए. उन्होंने कहा कि 2 लाख 17 हजार से अधिक छापेमारी अब तक की गई है. अपराध नियंत्रण के लिए भी लगातार काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि हाल ही में नालंदा में 8 आदमी की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी. दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है. समाज सुधार अभियान सिर्फ नशामुक्ति के लिए ही नहीं है, बल्कि बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ भी यह निरंतर चलते रहना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से आपने सेवा करने का मौका दिया. तब से आपकी सेवा कर रहे हैं. बिहार की पहले क्या हालत थी. शाम के बाद घर से निकलने की किसी की हिम्मत नहीं होती थी. सड़कें काफी जर्जर थीं. चाहकर भी कोई कहीं जा नहीं पाता था. बाढ़ लोकसभा क्षेत्र से हम 5 बार सांसद थे और केंद्र सरकार में श्रद्धेय अटल जी की सरकार में मंत्री भी थे. उस समय अपने संसदीय क्षेत्र में एक दिन में लगभग 12 किलोमीटर तक हम पैदल चला करते थे. उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद से सड़क, स्कूल, अस्पताल सहित सभी क्षेत्रों में विकास का काम तेजी से किया जा रहा है. अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक समाज के बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने के लिए काम किया गया.

पहले बिहार में शिक्षा की काफी बुरी स्थिति थी. पांचवीं क्लास से आगे लड़कियां नहीं पढ़ पाती थीं. हमलोगों ने वर्ष 2007 से पोशाक योजना की शुरुआत की. इसके बाद 9वीं कक्षा में पढ़नेवाली लड़कियों के लिए साइकिल योजना की भी शुरुआत की. वर्ष 2009 में लड़कों के लिए भी हमने साइकिल योजना की शुरुआत करायी. इसकी चर्चा देश-दुनिया में हुई और दुनिया के तीन मुल्कों के लोगों ने यहां आकर इसके बारे में विस्तृत जानकारी ली. मैट्रिक की परीक्षा में पिछले साल की लड़कियों की संख्या लड़कों से 300 अधिक थी. कुछ लोगों को मौका मिला तो उन्होंने अपने घर की महिला को मुख्यमंत्री बना दिया लेकिन प्रदेश की महिलाओं का कुछ भी कल्याण नहीं हुआ.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2006 से नगर निकाय एवं पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना. कुछ लोग इसको लेकर मेरे खिलाफ रहे. इससे बड़ी संख्या में महिलाएं चुनाव जीतकर आयीं. पुलिस एवं सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया. इसका नतीजा है कि आज बिहार पुलिस में 25 हजार से ज्यादा महिलाएं हैं.

स्वयं सहायता समूह की संख्या बिहार में न के बराबर थी, हमलोगों ने विश्व बैंक से कर्ज लेकर इस काम को आगे बढ़ाया. हमने इसका नामकरण जीविका किया. हमलोगों ने 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था और अब तक 10 लाख 28 हजार स्वयं सहायता समूहों को गठित किया जा चुका है, जिनसे 1 करोड़ 27 लाख से परिवार जुड़ गया है. उस समय की सरकार ने जीविका का अध्ययन किया और इसे पूरे देश में आजीविका के नाम से यह योजना चलायी. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति, अति पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई काम किए गए. उन्होंने कहा कि अब मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी एक तिहाई सीट लड़कियों के लिए आरक्षित कर दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा सड़क, स्वास्थ्य, पुल-पुलिया, महिलाओं के उत्थान काम किया है. हर घर तक पक्की गली-नाली का निर्माण कराया. हर घर नल का जल पहुंचाने का काम किया. हर घर में शौचालय का निर्माण कराया गया. हर घर तक बिजली पहुंचाई गई. हमलोग वर्ष 2005 से न्याय के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में बाल विवाह और दहेज प्रथा को रोकने के लिए कानून बनी हुई है. इसके बावजूद यह कुप्रथा आज भी देखने को मिल जाती है. लोग लड़के की शादी में दहेज मांगते हैं, बहुत बुरी चीज है. समाज में अगर पुरुष-स्त्री नहीं रहते तो हम सबका अस्तित्व नहीं रहता.

समाज को आगे बढ़ाने में महिलाओं की बड़ी भूमिका है. लड़की नहीं होगी तो लड़के की शादी आप किससे करेंगे. इसलिए दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिए. दहेज मुक्त शादी समारोह में ही हमने जाने का निर्णय लिया है. शादी के कार्ड पर दहेज मुक्त शादी की बात लिखी जायेगी तो ही हम उस शादी समारोह में जाएंगे. आप सब भी ऐसा ही करें. उन्होंने कहा कि बाल विवाह से अनेक प्रकार की बीमारियां होती हैं. केंद्र सरकार का प्रस्ताव आया है कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करनी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार में प्रजनन दर 4.3 था, जो घटकर अब 3 हो गया है. हमलोग इसके लिए लड़कियों को शिक्षित कर रहे हैं. लड़कियां पढ़ेंगी तो प्रजनन दर में और कमी आएगी. बिहार का क्षेत्रफल कम है, जनसंख्या का घनत्व अधिक है, इसलिए हमलोगों को प्रजनन दर घटाना है. उन्होंने कहा कि ताड़ी की जगह नीरा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम करें. सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत 1 लाख रुपये तक की इसमें मदद की जा रही है. इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार भी बढ़ेगा. प्रेम और भाईचारा के साथ हमलोग मिलकर आगे बढ़ते रहें. आप आगे बढ़ेंगे तो राज्य बढ़ेगा, देश बढ़ेगा.

कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत जीविका समूह की दीदियों ने शराबबंदी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा मुक्त समाज बनाने के साथ ही समाज सुधार अभियान के प्रति अपनी-अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की. मुख्यमंत्री द्वारा विकास कार्यों के साथ-साथ चलाए जा रहे समाज सुधार अभियान की सराहना करते हुए बबली कुमारी, शाहीन परवीन, ममता देवी, नेहा देवी, सविता देवी एवं माधुरी देवी ने अपनी आपबीती और अनुभवों को साझा किया.

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