पटनाः सीएम नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग एवं भवन निर्माण विभाग की मेंटेनेंस पॉलिसी के लिए समीक्षा बैठक (CM Nitish Kumar Review Meeting for Maintenance Policy for Roads in Bihar) की. मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी सड़कें, पुलों एवं भवनों का बेहतर निर्माण करने के साथ-साथ उसका ठीक ढंग से मेंटेनेंस करना भी हमलोगों का उद्देश्य है. सड़कों की मेंटेनेंस पॉलिसी को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया गया है, ताकि सड़कों के रखरखाव संबंधी लोगों की शिकायतों का निवारण हो सके. सड़कें मेंटेन रहेंगी तो अच्छी दिखेंगी और आवागमन भी सुलभ होगा.
ये भी पढ़ें: CM का निर्देश: सभी योग्य लाभुकों को मिले आवास योजना का लाभ, जल-जीवन-हरियाली योजना पर हो तेजी से काम
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह काम विभाग द्वारा ही किया जाए. पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग एवं भवन निर्माण विभाग जल्द से जल्द विभागीय अनुरक्षण नीति की कार्य योजना बनाएं. विभाग के इंजीनियर पथों के मेंटेनेंस में सक्रिय भूमिका निभाएं. इससे खर्च में कमी आएगी, साथ ही कार्य की गुणवत्ता भी बेहतर होगी. चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक निरीक्षण ठीक ढंग से करें. विभागीय स्तर से सड़कों के बेहतर मेंटेनेंस किये जाने से इंजीनियरों की समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी.
बैठक में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि राज्य में अच्छी सड़कों एवं पुल-पुलियों के निर्माण से ट्रेवल टाइम में कमी आई है तथा शिक्षा, व्यापार, कृषि आदि क्षेत्रों में चहुंमुखी विकास परिलक्षित हुआ है. 21 फरवरी 2013 को ओपीआरएमसी (आउटपुट एंड परफॉर्मेंस बेस्ड रोड ऐसेट मेंटेनेंस कॉन्ट्रेक्ट) लाया गया. वर्ष 2018 में ओपीआरएमसी सेकेंड फेज सात वर्षों के लिए लागू की गयी. उन्होंने क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्तर पर मेंटेनेंस को लेकर सक्रिय एवं प्रभावी अनुश्रवण के संबंध में भी जानकारी दी.
ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बिहार ग्रामीण पथ विभागीय अनुरक्षण नीति की कार्य योजना के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एक लाख बीस हजार छह सौ किलोमीटर ग्रामीण पथ स्वीकृत हैं, जिसमें एक लाख दो हजार किलोमीटर पथ का निर्माण किया जा चुका है. अठारह हजार छह सौ किलोमीटर पथ निर्माणाधीन हैं. उन्होंने पथों के बेहतर मेंटेनेंस के लिए प्रभावी अनुश्रवण के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी. भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने सरकारी भवनों के मेंटेनेंस के संबंध में जानकारी दी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीआरएमसी के तहत जिन्हें मेंटेनेंस की जिम्मेवारी दी गयी है, उन सबकी सतत निगरानी करें. मेंटेनेंस को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही न हो, जो भी इसमें लापरवाही बरतते हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई करें. पुलों का मेंटेनेंस हमेशा होना चाहिए. पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग आपस में विचार कर ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी जल्द तैयार करें. उन्होंने कहा कि पहले सरकारी भवनों की क्या स्थिति थी, यह सभी जानते हैं. हमलोगों ने इसे मेंटेन कर बेहतर बनाया है.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP