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#live: पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में जनता दल (यूनाइटेड) की ओर से आयोजित 'भीम संसद एवं सम्मान समारोह'। https://t.co/4opeukfel0
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पटना: आज राजधानी पटना में जेडीयू की भीम संसद आयोजित की गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी कार्यक्रम में शामिल हुए. वहीं कार्यक्रम की जिम्मेदारी भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और अन्य दलित समाज से आने वाले मंत्रियों को दी गई. हालांकि हर जगह सीएम के साथ अशोक चौधरी की तस्वीर ही दिख रही है. भीम संसद कार्यक्रम में पूरे प्रदेश से दलित समुदाय के लोगों को आमंत्रित किया गया है.
वेटरनरी कॉलेज मैदान में एक लाख लोगों का जुटान: जेडीयू का दावा है कि पटना के वेटरनरी कॉलेज मैदान में एक लाख से अधिक लोग इस कार्यक्रम में पहुंचेंगे और दलितों के विषय पर विमर्श होगा. राज्य में पहली बार इस तरह से कार्यक्रम करने की बात भी कहीं जा रही है. कार्यक्रम में मुख्य रूप से नीतीश कुमार की ओर से लिए गए बड़े फैसलों की चर्चा होगी, जिसमें आरक्षण की सीमा बढ़ाने का बड़ा मुद्दा होगा. साथ ही दलित वर्ग के लिए नीतीश सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों की भी गिनती कराई जाएगी.
दलित हित के निर्णय का जिक्र: बिहार में 2005 से जब से नीतीश कुमार सत्ता में आए हैं, तब से दलितों के लिए क्या-क्या किया गया है, उनका बजट किस प्रकार से बढ़ाया गया है और कौन सी प्रमुख योजना दलितों के उत्थान के लिए लाई गई है, यह बताने की कोशिश होगी. नीतीश कुमार आरक्षण की सीमा बढ़ाने के साथ विशेष राज्य के दर्जे की मांग का मुद्दा भी कार्यक्रमों में उठाने लगे हैं. ऐसे में तय है कि इस भीम संसद के कार्यक्रम में भी उसे उठाएंगे और समर्थन मांगेंगे. भीम संसद कार्यक्रम में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री नशा मुक्ति दिवस पर सीएम सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल होंगे.
दलितों को रिझाने की कोशिश: जिस प्रकार से पिछले दिनों विधानसभा में नीतीश कुमार ने पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के खिलाफ बयान दिया था, उससे बीजेपी उन्हें दलित विरोधी बता रही है. दूसरी तरफ चिराग पासवान ने भी नीतीश कुमार के खिलाफ लगातार मोर्चा खोल रखा है. ऐसे में इन सब से निपटने के लिए भी भीम संसद पार्टी की रणनीति का हिस्सा है. इसके माध्यम से जेडीयू की ओर से दलित वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की जा रही है. बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई है. दलितों के आरक्षण की सीमा को भी बढ़ाकर 16 से 20% किया गया है.
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संविधान दिवस पर पटना में जदयू की भीम संसद, एक लाख से अधिक लोगों के जुटने की उम्मीद