पटना: बिहार की राजधानी पटना में एलजेपीआर प्रमुख चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी विपक्षी एकता पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह कितनी हास्यास्पद बात है कि एक तरफ जो मुख्यमंत्री बिहार में पुल नहीं बना पा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ वह विपक्षी एकता का ब्रिज बनाने चले हैं. भैया यह विपक्षी एकता का ब्रिज भी सुल्तानगंज-अगुवानी पुल की तरह ध्वस्त हो जाएगा.
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चिराग का विपक्षी एकता पर तंज: चिराग ने विपक्षी एकता को लेकर चल रही कवायद पर तंज करते हुए कह कि विपक्ष के लोग एक साथ आकर तस्वीर जरूर खिंचवा सकते हैं. तस्वीरें ये लोग आज से नहीं 2014 से हाथ पकड़कर खिंचवा रहे हैं. यह हमलोग बहुत दिनों से देखते आ रहे हैं. पर उसके बाद जब चुनाव आता है तो भानुमति का कुनबा बनते-बनते बिखर जाता है.
"यह कितनी हास्यास्पद बात है कि एक तरफ जो मुख्यमंत्री बिहार में पुल नहीं बना पा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ वह विपक्षी एकता का ब्रिज बनाने चले हैं. भैया यह विपक्षी एकता का ब्रिज भी सुल्तानगंज-अगुवानी पुल की तरह ध्वस्त हो जाएगा" - चिराग पासवान, एलजेपीआर सुप्रीमो
'बिखर जाएगा भानुमति का कुनबा': चिराग पासवान ने कहा कि एक बार फिर विपक्षी एकता की कवायद हो रही है, लेकिन चुनाव आते-आते यह कुनबा एक बार फिर बिखर जाएगा. विपक्षी एकता की जहां तक बात है तो यहां महत्वाकांक्षाएं बहुत है. कई राज्यों के मुख्यमंत्री जो प्रधानमंत्री बनने की रेस में हैं. उनकी अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा इतनी ज्यादा है कि वह किसी के साथ मिलकर, किसी के साथ गठबंधन कर के किसी के नेतृत्व में चलें यह होगा नहीं.
नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार्य नहीं : एलजेपीआर प्रमुख ने कहा कि खासकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नेतृत्व न तो विपक्षी दल के नेता स्वीकार करने वाले हैं और न ही देश की जनता स्वीकार करने वाली है. मैं बार-बार दोहराता हूं जब इन्हें बिहार की जनता ने ही नकार दिया, तो देश की जनता तो कभी भी नहीं स्वीकार करेगी. मैं कह देता हूं भारत की जनता इन्हें कभी अपना प्रधानमंत्री मान ही नहीं सकती है.
'गठबंधन धर्म की नहीं तोड़ सकता मर्यादा': चिराग ने गठबंधन करने और सीटों के बंटवारे को लेकर कहा कि मैं कितनी सीटों की मांग रखूं या मुझे कितनी सीट मिलेगी. अगर मैं पहले इन बातों को सार्वजनिक कर दूं तो मैं गठबंधन धर्म की मर्यादा को तोडूंगा. यह ऐसे विषय हैं जो गठबंधन के भीतर चर्चा होना ज्यादा जरूरी है. मुझे भी विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म के जरिए यह जानकारी होती है कि मुझे कितनी सीटें मिल रही है. या फिर कौन सा दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. इस विषय में मैं सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कह सकता हूं.