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Hijab Controversy पर मुस्कुराते हुए बोले CM नीतीश- यह सब बेकार बात

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने हिजाब विवाद पर बयान दिया है. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि सब बेकार बात है. यहां कोई विवाद नहीं है. सबका अपना कर्तव्य है, सब अपने तरीके से निभाते हैं. हम सबकी इज्जत करते हैं. कुछ बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. पढ़ें रिपोर्ट..

हिजाब विवाद पर सीएम नीतीश कुमार
हिजाब विवाद पर सीएम नीतीश कुमार
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Published : Feb 14, 2022, 5:56 PM IST

पटनाः कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar on Hijab Controversy) ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यह सब बेकार बात है. मामला कोर्ट में है. बिहार में ऐसे मामले नहीं होते हैं. सबकी अपनी सोच है, सबका अपना कर्तव्य है. ऐसे में बिहार में यह सब मामला नहीं है. यहां कॉमन ड्रेस है. सीएम नीतीश ने सोमवार को जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत की. इसी दौरान हिजाब विवाद पर पत्रकारों के सवालों का उन्होंने जवाब दिया.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक से बिहार पहुंचा हिजाब, बोलीं प्रदर्शनकारी महिलाएं- मजहबी भावनाओं को ठेस ना पहुचाएं

'बिहार के स्कूलों में कॉमन ड्रेस है. इसके बावजूद कोई सिर के ऊपर कुछ पहन ले, चंदन वगैरह लगा ले तो हमारे नजर में यह कोई खास बात नहीं है. बिहार में आप यह सब नहीं देखते होंगे. देश दुनिया में बात होती रहती है, तो यह अलग बात है. हम सबकी इज्जत करते हैं. हमलोग काम करने पर विश्वास करते हैं. कुछ लोगों का अपना तरीका होता है. हम उसमें दखल नहीं देते हैं. कोई मूर्ति लगाते हैं, कोई कुछ लगाते हैं. सब लोग अपने तरीके से पूजा करते हैं. सबका अपना कर्तव्य है. कुछ चीजों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. हर चीजों में बहस की जरूरत नहीं होनी चाहिए. हम लोगों के मुताबिक ऐसा कुछ नहीं है.' -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

अपने बयान के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कह दिया कि बिहार में सभी अपने कर्तव्य का पालन करते हैं. सभी को अपने तरह से पूजा करने का हक है. उन्होंने इस मामले को बहस से दूर रखने की भी बात कह दी है. कहा कि हर चीजों में बहस की जरूरत नहीं है. बिहार सरकार काम करने पर विश्वास रखती है. उन्होंने यह भी इशारा कर दिया कि इस बहस में उन्हें कुछ भी कदम उठाने में दिलचस्पी नहीं है.

आपको बताएं कि कर्नाटक से हिजाब पर विवाद शुरू हुआ. कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू कर दी है. इस वजह से सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी. जबकि नीजी स्कूल अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं. इस फैसले को लेकर विवाद पिछले महीने जनवरी में तब शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी.

जनवरी में उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में छह छात्राएं निर्धारित ड्रेस कोड का उल्लंघन कर हिजाब पहनकर कक्षाओं में आई थीं. इसके बाद इसी तरह के मामले कुंडापुर और बिंदूर के कुछ अन्य कॉलेजों से भी आए. कर्नाटक के उडुपी के गवर्नमेंट गर्ल्स प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देने के विवाद ने राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने इसे एक 'राजनीतिक' कदम करार दिया और पूछा कि क्या शिक्षण संस्थान धार्मिक केंद्रों में बदल गए हैं. कुल मिलाकर मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है.

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पटनाः कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar on Hijab Controversy) ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यह सब बेकार बात है. मामला कोर्ट में है. बिहार में ऐसे मामले नहीं होते हैं. सबकी अपनी सोच है, सबका अपना कर्तव्य है. ऐसे में बिहार में यह सब मामला नहीं है. यहां कॉमन ड्रेस है. सीएम नीतीश ने सोमवार को जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत की. इसी दौरान हिजाब विवाद पर पत्रकारों के सवालों का उन्होंने जवाब दिया.

यह भी पढ़ें- कर्नाटक से बिहार पहुंचा हिजाब, बोलीं प्रदर्शनकारी महिलाएं- मजहबी भावनाओं को ठेस ना पहुचाएं

'बिहार के स्कूलों में कॉमन ड्रेस है. इसके बावजूद कोई सिर के ऊपर कुछ पहन ले, चंदन वगैरह लगा ले तो हमारे नजर में यह कोई खास बात नहीं है. बिहार में आप यह सब नहीं देखते होंगे. देश दुनिया में बात होती रहती है, तो यह अलग बात है. हम सबकी इज्जत करते हैं. हमलोग काम करने पर विश्वास करते हैं. कुछ लोगों का अपना तरीका होता है. हम उसमें दखल नहीं देते हैं. कोई मूर्ति लगाते हैं, कोई कुछ लगाते हैं. सब लोग अपने तरीके से पूजा करते हैं. सबका अपना कर्तव्य है. कुछ चीजों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. हर चीजों में बहस की जरूरत नहीं होनी चाहिए. हम लोगों के मुताबिक ऐसा कुछ नहीं है.' -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

अपने बयान के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कह दिया कि बिहार में सभी अपने कर्तव्य का पालन करते हैं. सभी को अपने तरह से पूजा करने का हक है. उन्होंने इस मामले को बहस से दूर रखने की भी बात कह दी है. कहा कि हर चीजों में बहस की जरूरत नहीं है. बिहार सरकार काम करने पर विश्वास रखती है. उन्होंने यह भी इशारा कर दिया कि इस बहस में उन्हें कुछ भी कदम उठाने में दिलचस्पी नहीं है.

आपको बताएं कि कर्नाटक से हिजाब पर विवाद शुरू हुआ. कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू कर दी है. इस वजह से सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी. जबकि नीजी स्कूल अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं. इस फैसले को लेकर विवाद पिछले महीने जनवरी में तब शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी.

जनवरी में उडुपी के एक सरकारी महाविद्यालय में छह छात्राएं निर्धारित ड्रेस कोड का उल्लंघन कर हिजाब पहनकर कक्षाओं में आई थीं. इसके बाद इसी तरह के मामले कुंडापुर और बिंदूर के कुछ अन्य कॉलेजों से भी आए. कर्नाटक के उडुपी के गवर्नमेंट गर्ल्स प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देने के विवाद ने राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने इसे एक 'राजनीतिक' कदम करार दिया और पूछा कि क्या शिक्षण संस्थान धार्मिक केंद्रों में बदल गए हैं. कुल मिलाकर मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है.

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