पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने राज्य को मंगलवार को 989 परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास और उद्घाटन किया. इन परियोजनाओं की कुल लागत 2705 करोड़ रुपये से अधिक है. इस दौरान जश्न-ए-टीका पोर्टल को भी लॉन्च किया गया.
इसे भी पढ़ें- क्या नीतीश को इग्नोर कर रहे हैं PM मोदी? 7 दिन बाद भी नहीं दिया मिलने का समय
सीएम ने आईजीआईएमएस मल्टी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के नए भवन, एलएनजेपी हड्डी अस्पताल परिसर में ट्रॉमा सेंटर और राजेंद्र नगर स्थित आई सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल व पटना सिटी स्थित गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में जीविका दीदी की रसोई का उद्घाटन किया गया.
"तीसरी लहर को लेकर सरकार सतर्क है. दो लाख से ज्यादा जांच रोज किए जा रहे हैं. शहर से लेकर गांव तक व्यवस्था की गई है. साल के अंत तक 6 करोड़ लोगों का टीकाकरण कराया जाएगा. साथ ही कोरोना के कारण बिहार से बाहर मरने वाले लोगों के परिजनों को भी 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. साल 2006 में पीएसची में मात्र 39 मरीज ही आते थे, लेकिन अब हर महीने 10 हजार मरीज इलाज करवाते हैं. हम काम करने में विश्वास करते हैं. बाकी काम पूरा हो जाने के बाद मरीजों को बाहर इलाज के लिए नहीं जाना होगा."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री बिहार
"कोरोनाकाल में हमने कई समस्याएं और चुनौतियों को सहा. हमने ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था की. कई जगहों पर प्लांट लगाया. इसके साथ ही ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की अहमियत समझ आई तो उसपर भी ध्यान दिया गया. अभी तक 6500 से अधिक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर जिले के अस्पतालों में पहुंचाए जा चुके हैं. जिला अस्पातलों में बाईपैप मशीन, सीटी स्कैन लागाए जाएंगे. स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एंबुलेंस की सेवा को भी विस्तारित किया जा रहा है. हमनें संकल्प लिया है कि स्वास्थ्य सेवा को गांव तक बेहतर तरीके से पहुंचाना है."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
एलएनजेपी हड्डी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि अभी भी हम ट्रॉमा मरीजों का उपचार कर रहे हैं. ट्रामा सेंटर शुरू होने के बाद दो मॉड्यूलर आपरेशन थिएटर और मिलने से एक साथ चार सर्जरी की जा सकेंगी. इससे रोगियों को सर्जरी के लिए अधिक इंतजार नहीं करना होगा.
इसे भी पढ़ें- बोले नीतीश कुमार- 'राज्य सरकार करेगी जातीय जनगणना ऐसा नहीं लिया गया है कोई फैसला'
आईसीयू के बेड बढ़ने से अधिक गंभीर रोगियों को भर्ती कर इलाज किया जाएगा. वहीं, राजेंद्र नगर आइ हास्पिटल के निदेशक डॉ हरिश्चंद्र ओझा ने बताया कि जल्द ही यहां से कोविड केयर सेंटर को समाप्त कर दिया जाएगा. इसके बाद प्रथम तल पर ओपीडी आदि की सेवा बेहतर ढंग से संचालित की जाएगी.
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद, रेणु देवी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे.