पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सात निश्चय पार्ट-2 के अन्तर्गत हर खेत तक सिंचाई पहुंचाने के कार्य में तेजी लाएं. किसानों को सिंचाई का प्रबंध होने से उन्हें कृषि कार्य में काफी सहूलियत होगी. चतुर्थ कृषि रोड मैप में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए विस्तृत योजना बनायी गयी है. उन्होंने कहा कि नदी तटबंधों पर हरित आवरण को बढ़ावा दें. वहां सोलर प्लेट लगाएं, ताकि सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिले.
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नहरों को लेकर दिया विशेष निर्देश : जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में नहरों को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि, ऐसी व्यवस्था करें कि नहरों में पूर्ण क्षमता के साथ जलस्राव हो ताकि अंतिम छोर तक पानी पहुंचे एवं सिंचित क्षेत्र में बढ़ोतरी हो. बैठक में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभाग के अद्यतन कार्यों एवं प्रस्तावित नई कार्य योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
" जो भी प्रस्तावित नई कार्य योजनाओं की जानकारी दी गयी है, उसका स्थलीय निरीक्षण आवश्यक है. जल संचयन क्षेत्र में वृद्धि के लिये जो योजना बनायी गयी है, उस पर भी तेजी से काम करें. पहाड़ी के तलहट्टी क्षेत्रों में भी जल संचयन क्षेत्र को विकसित करें. सरकार किसानों के हित में लगातार कार्य कर रही है."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
नहर उन्नयन कार्य की ली जानकारी : वहीं समीक्षा बैठक में अभियंता प्रमुख (सिंचाई) ईश्वर चन्द्र ठाकुर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से नहर उन्नयन कार्य की जानकारी दी. उन्होंने नहरों तथा नदी तटबंधों पर समेकित योजना के तहत सड़क सम्पर्कता, कृषि उत्पादन को बाजार सुलभता, हरित ऊर्जा उत्पादन, हरित आवरण संवर्द्धन कार्य को लेकर विस्तृत जानकारी दी. साथ ही पुनपुन बराज योजना के संबंध में भी जानकारी दी.
बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस० सिद्धार्थ, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, अभियंता प्रमुख (सिंचाई) ईश्वर चन्द्र ठाकुर, जल संसाधन विभाग के सलाहकार रविन्द्र शंकर सहित अन्य वरीय अधिकारी एवं अभियंतागण मौजूद थे.