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CM NITISH ने की गेहूं अधिप्राप्ति की समीक्षा, कहा-15 जून तक 3 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं की हो जाए खरीद

सीएम नीतीश ने गेहूं खरीद को लेकर वर्चुअल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक किया. जिसमें सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने जिलेवार गेहूं अधिप्राप्ति को लेकर जानकारी दी. जिसमें अब तक 3 लाख 18 हजार मीट्रिक टन गेहूं अधिप्राप्ति की जा चुकी है.15 जून तक 3 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं अधिप्राप्ति कर ली जायेगी.

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Published : Jun 13, 2021, 2:09 AM IST

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सीएम नीतीश कुमार की बैठक.

पटना: गेहूं अधिप्राप्ति को लेकर बिहार सरकार ने लक्ष्य तय कर दिए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्चुअल बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि 15 जून तक 3 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद लिए जाएंगे जो अपने आप में रिकॉर्ड होगा.

यह भी पढ़ें: 'गंगा किनारे के 13 जिलों में बना जैविक कॉरिडोर, 21.6 हजार किसान हुए लाभान्वित' CM नीतीश ने मीठापुर समेत राजधानी के कई इलाकों का लिया जायजा

सीएम नीतीश ने गेहूं अधिप्राप्ति की समीक्षा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की. सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने गेहूं अधिप्राप्ति के संबध में एक प्रस्तुतीकरण दिया. प्रस्तुतीकरण में उन्होंने जिलावार गेहूं अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति, गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या और पेमेंट की स्थिति आदि की जानकारी दी.

प्रोक्योरमेंट पोर्टेबिलिटी सिस्टम लागू होने से किसानों का हुआ फायदा
उन्होंने बताया कि प्रोक्योरमेंट पोर्टेबिलिटी सिस्टम (procurement portability system) लागू होने से किसानों को फायदा हुआ है. अब तक 3 लाख 18 हजार मीट्रिक टन गेहूं अधिप्राप्ति की जा चुकी है. 15 जून तक 3 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं अधिप्राप्ति कर ली जायेगी.
कृषि रोडमैप के चलते 14 लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता हो गयी है और राज्य खाद्य निगम की भंडारण क्षमता 5 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 25 लाख मीट्रिक टन हो गयी है.

2008 में कृषि रोडमैप की शुरुआत
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2008 में कृषि रोडमैप की शुरूआत की गयी. जिसमें फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने के लिये कई कदम उठाये गए. राज्य में धान, गेहूं सहित कई फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों बढ़ी है. पहले राज्य में किसी फसल अधिप्राप्ति की कोई व्यवस्था नहीं थी.
हमलोगों ने इसके लिये योजनाबद्ध ढंग से काम किया. उसका परिणाम है कि इस साल 35 लाख मीट्रिक टन धान अधिप्राप्ति हुई है और 15 जून तक 3 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं अधिप्राप्ति हो जायेगी, यह बिहार के लिये एक बड़ी उपलब्धि है.

यह भी पढ़ें: CM नीतीश ने मीठापुर समेत राजधानी के कई इलाकों का लिया जायजा

किसानों में की जाए फसल खरीददारी को लेकर प्रचार
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि किसानों के बीच इस बात को प्रचारित करें कि राज्य सरकार अधिक से अधिक अधिप्राप्ति करना चाहती है ताकि इसका लाभ उन्हें मिले. मुख्यमंत्री ने कहा कि धान और गेहूं की अधिप्राप्ति को लेकर अगले साल से और बढ़ाना है. पूरे राज्य में क्षेत्रवार उत्पादन एवं उत्पादकता का अध्ययन कराकर उस आधार पर अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखें और उसे प्राप्त करें.

वहीं, ससमय एवं सघन अधिप्राप्ति के फलस्वरूप हमलोग अगले साल धान एवं गेहूं की और अधिक अधिप्राप्ति कर पायेंगे. इस लक्ष्य पर काम करना है. अब तक अनुभवों के आधार पर बेहतर कार्ययोजना बनाकर कृषि विभाग, सहकारिता विभाग और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें. उन्होंने कहा कि पैक्सो की क्रियाशीलता तथा कार्य प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिये कार्य करें.

जबकि, सहकारी समितियों एवं राज्य खाद्य निगम की भंडारण क्षमता में वृद्धि करने के उपाय करें. गोदाम की उपलब्धता, कस्टम मिल्ड राइस (CMR) एवं अधिप्राप्त गेहूं की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम को तेजी से हो, इसका एक सिस्टम बनायें.

पटना: गेहूं अधिप्राप्ति को लेकर बिहार सरकार ने लक्ष्य तय कर दिए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्चुअल बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि 15 जून तक 3 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद लिए जाएंगे जो अपने आप में रिकॉर्ड होगा.

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सीएम नीतीश ने गेहूं अधिप्राप्ति की समीक्षा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की. सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने गेहूं अधिप्राप्ति के संबध में एक प्रस्तुतीकरण दिया. प्रस्तुतीकरण में उन्होंने जिलावार गेहूं अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति, गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या और पेमेंट की स्थिति आदि की जानकारी दी.

प्रोक्योरमेंट पोर्टेबिलिटी सिस्टम लागू होने से किसानों का हुआ फायदा
उन्होंने बताया कि प्रोक्योरमेंट पोर्टेबिलिटी सिस्टम (procurement portability system) लागू होने से किसानों को फायदा हुआ है. अब तक 3 लाख 18 हजार मीट्रिक टन गेहूं अधिप्राप्ति की जा चुकी है. 15 जून तक 3 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं अधिप्राप्ति कर ली जायेगी.
कृषि रोडमैप के चलते 14 लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता हो गयी है और राज्य खाद्य निगम की भंडारण क्षमता 5 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 25 लाख मीट्रिक टन हो गयी है.

2008 में कृषि रोडमैप की शुरुआत
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2008 में कृषि रोडमैप की शुरूआत की गयी. जिसमें फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने के लिये कई कदम उठाये गए. राज्य में धान, गेहूं सहित कई फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों बढ़ी है. पहले राज्य में किसी फसल अधिप्राप्ति की कोई व्यवस्था नहीं थी.
हमलोगों ने इसके लिये योजनाबद्ध ढंग से काम किया. उसका परिणाम है कि इस साल 35 लाख मीट्रिक टन धान अधिप्राप्ति हुई है और 15 जून तक 3 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं अधिप्राप्ति हो जायेगी, यह बिहार के लिये एक बड़ी उपलब्धि है.

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किसानों में की जाए फसल खरीददारी को लेकर प्रचार
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि किसानों के बीच इस बात को प्रचारित करें कि राज्य सरकार अधिक से अधिक अधिप्राप्ति करना चाहती है ताकि इसका लाभ उन्हें मिले. मुख्यमंत्री ने कहा कि धान और गेहूं की अधिप्राप्ति को लेकर अगले साल से और बढ़ाना है. पूरे राज्य में क्षेत्रवार उत्पादन एवं उत्पादकता का अध्ययन कराकर उस आधार पर अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखें और उसे प्राप्त करें.

वहीं, ससमय एवं सघन अधिप्राप्ति के फलस्वरूप हमलोग अगले साल धान एवं गेहूं की और अधिक अधिप्राप्ति कर पायेंगे. इस लक्ष्य पर काम करना है. अब तक अनुभवों के आधार पर बेहतर कार्ययोजना बनाकर कृषि विभाग, सहकारिता विभाग और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें. उन्होंने कहा कि पैक्सो की क्रियाशीलता तथा कार्य प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिये कार्य करें.

जबकि, सहकारी समितियों एवं राज्य खाद्य निगम की भंडारण क्षमता में वृद्धि करने के उपाय करें. गोदाम की उपलब्धता, कस्टम मिल्ड राइस (CMR) एवं अधिप्राप्त गेहूं की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम को तेजी से हो, इसका एक सिस्टम बनायें.

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