पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि हमें सतर्क और सचेत रहने की जरूरत है. हम 13 मार्च से लगातार इस पर काम कर रहे हैं. लेकिन यह विश्वव्यापी महामारी है. इसके लिए हम सबको मिलकर लड़ना होगा.
मुख्यमंत्री ने की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार गरीब राज्य है. लेकिन आपदा की तरह लोगों तक मदद पहुंचाई जा रही है. एक-एक चीज पर नजर रखी जा रही है. पीएम ने लॉक डाउन की घोषणा की है तो हमारे लिए उसका पालन करना जरूरी है.
मुख्यमंत्री ने लोगों से सोशल डिस्टेंस का पालन करने की अपील की
मुख्यमंत्री ने सभी जिले के डीएम-एसपी से भी कहा कि हर स्तर पर लोगों की मदद करें. दिल्ली से लोगों के आने की चर्चा भी की और कहा कि सरकार सबकुछ कर रही है. वहीं, उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंस का पालन करने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरी समान के लिए निकलते भी हैं, तो इसका पालन करना जरूरी है. बैठक में डिप्टी सीएम, विधानसभा अध्यक्ष, स्वास्थ्य मंत्री, जल संसाधन मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी सहित कई आलाधिकारी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण के बचाव हेतु किये जा रहे प्रबंधन पर ग्राम पंचायत और नगर निकाय के प्रतिनिधियों के साथ की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग
- हर कोरोना पीड़ितों का इलाज राज्य सरकार अपने संसाधन से करेगी:- मुख्यमंत्री
- सभी राषन कार्डधारियों के खाते में आज से एक हजार रूपये की राषि अंतरित की जा रही है:- मुख्यमंत्री
- कोरोना संक्रमण से निपटने में राज्य सरकार लोगों की हरसंभव सहायता करेगी:- मुख्यमंत्री
पटना 01 अप्रैल 2020:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों और नगर निकाय के प्रतिनिधियों के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों के संबंध में संवाद किया.
मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों एवं नगर निकाय के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये कहा कि बिहार में कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रारंभ से ही सरकार के द्वारा कदम उठाए गये हैं. उन्होंने कहा कि ये वायरस दुनिया भर में फैला हुआ है और ये लगातार फैलता जा रहा है. 13 मार्च को हमलोगों ने निर्णय लिया था कि कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए क्या क्या कदम उठाये जाने चाहिए. इसी क्रम में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति ने सभी दलों के साथ बैठक कर निर्णय लिया कि बजट सत्र 16 मार्च को ही समाप्त कर दिया जाए. इसी के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के संबंध में भी विचार किया गया. 16 मार्च को पूरे विश्व में 1 लाख 69 हजार 387 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे. इसमें से दुनिया भर में 6,513 लोगों की मृत्यु हुई थी. आज 1 अप्रैल तक इसका प्रसार 178 देशों में हो गया है. 8 लाख 59 हजार 32 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. अब ये बढ़ कर पूरी दुनिया में मरनेवालों की संख्या 42 हजार 322 हो गई है. यानि स्थिति कितनी तेजी से बदली है. इसको लेकर हम सभी लोगों को सचेत रहना है. भारत में अब तक 1397 लोग प्रभावित हुए हैं जिसमें 35 लोगों की अब तक मृत्यु हो चुकी है. बिहार में आज तक का जो अपडेट है उसमें 23 लोग संक्रमित हुए हैं और एक की मृत्यु हुई है. इसको लेकर कई स्तरों पर प्रयास किया जा रहा है और सभी लोग सचेत हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने 22 मार्च को ही राज्य के नगर निकायों, जिला मुख्यालयों, अनुमंडलों और ब्लॉक मुख्यालयों में लॉकडाउन किया था. पूरे देश में प्रधानमंत्री द्वारा 24 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन करने का ऐलान किया गया था. लोगों की सुविधाओं के लिए लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकार जरूरी कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने निर्णय किया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राज्य के सभी जनप्रतिनिधियों से इसमे सहयोग लिया जाए. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों को अलग रखने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को लगाया गया है. जितने भी जनप्रतिनिधि हैं चाहे वे पंचायती राज व्यवस्था के हों या नगर निकायों के, पंच और सरपंच सभी को जिम्मेदारी दी गयी है. इन सबके प्रयासों से लोग भी अब समझने लगे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरुरी है. उन्होंने कहा कि जो लोग भी बाहर से आ रहे हैं उनकी सघन जांच की जा रही है. विदेशों से आए सभी लोगों की भी जांच हो रही है. बाहर से आने वाले लोगों के लिए हम सभी को सचेत रहना पड़ेगा लेकिन इसके साथ ही ये देखना भी जरूरी है कि उनके साथ कोई गलत व्यवहार ना हो. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वालों के लिए स्कूलों या फिर अन्य चिह्नित जगहों पर उनके लिए आवासन, भोजन एवं चिकित्सकीय सुविधा की सरकार की तरफ से व्यवस्था की गयी है. लॉकडाउन के कारण लोग घरों में रह रहे हैं लेकिन खाद्यान्न और सब्जियों के लिए वे बाहर निकल सकते हैं. किसानों के लिए अभी कटनी का दौर है, खेतों में कटनी होगी. हमें एक दूसरे का ख्याल रखते हुए इन चीजों के बारे में लोगों को बताना चाहिए. जिनको भी थोड़ी बहुत तकलीफ है उनकी जांच करायी जानी चाहिए. बिहार में ये सभी काम हो रहे हैं. कोरोना वायरस की जांच अब बिहार में कई जगहों पर चल रही है. शुरु में इससे संबंधित कई चीजों की कमी थी लेकिन धीर-धीरे बाहर से इन चीजों की व्यवस्था की गयी है. केंद्र सरकार का भी सहयोग लिया जा रहा है. राज्य के अंदर भी दूसरी जगहों से आए लोगों के लिए भी समुचित व्यवस्था की गयी है. कोरोना संक्रमण को भी हमलोग आपदा मान रहे हैं और इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग जरूरी कदम उठा रहा है. 2007 से ही आपदा प्रबंधन का बेहतर नेटवर्क तैयार कर कई आपदाओं में बेहतर कार्य किए गए हैं.