पटना: कोरोना संकट के बीच नगर निगम के सफाईकर्मी शहर की साफ-सफाई के लिए लगातार सक्रिय हैं. राजधानी में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नगर निगम राजधानी में लगातार सैनिटाइजेशन का काम करवा रही है. लॉकडाउन शुरु होने के बाद नगर निगम ने सफाई कर्मियों को एक बार मास्क, सैनिटाइजर और ग्लव्स दिया गया था.
लेकिन उसके बाद से निगम ने सफाई कर्मियों को उनके हाल पर भगवान भरोसे छोड़ दिया. हालांकि, इसके बावजूद सफाई कर्मी शहर को साफ सुथरा रखने रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है.
'हमेशा बना रहता है जान का डर'
सफाई कर्मियों का कहना है कि लॉकडाउन के पहले चरण में हमें संक्रमण से बचाव के नाम पर निगम प्रशासन ने केवल मास्क दिया था. उसके बाद से हमें सुरक्षा के कोई भी अन्य साधन नहीं उपलब्ध कराए गए. अब तो काम करने में भी डर लगता है. कुड़ा के ढ़ेर पर पीपीई किट फेंका हुआ रहता है. जिसे उठाने के बाद संक्रमण का खतरा बना रहता है.
'भगवान भरोसे कर रहे काम'
सफाई कर्मियों ने बताया कि कर्मियों को जो सुविधा और संसाधन मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है. लॉकडाउन 1 के बाद से नगर निगम की ओर से किसी भी कर्मियों को मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर नहीं दिया गया है. सफाई कर्मी अपने जान पर खेलकर शहर को साफ करने में लगे हुए हैं. हम लोग जैसे-तैसे काम कर रहे हैं.नगर निगम को इस पर ध्यान देना चाहिए.
बिहार में बढ़ रहा संक्रमण
गौरतलब है कि बिहार में रविवार तक कोरोना का आंकड़ा 15 हजार की संख्या को पार कर गया. जबकि 118 लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे हालात में भी शहर के साफ-सफाई के लिए निगम प्रशाशन लगातार काम कर रही है. वहीं निगम के सफाई कर्मी भी शहर को साफ सुथरा रखने रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है.
वे लोग अपनी मेहनत और लगन से काम कर रहे है. सफाई कर्मी बिना मास्क और ग्लव्स के ही नाली में उतर कर कचरा साफ कर रहे हैं. सफाई कर्मियों सेहत के साथ नगर निगम खिलवाड़ कर रहा है. जबकि सरकार का आदेश है कि कोई भी कर्मचारी या आम लोग बिना मास्क पहने घर से बाहर नहीं निकल सकता है. इसके बावजूद भी सफाई कर्मी बिना मास्क और अन्य सुरक्षा साधन के बिना काम करने को मजबूर है.