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बिहार के 5 जिलों में एंटीबॉडी जांच के लिए शुरू हो सकती है सीरो सर्वे, CS ने कहा- 'कोई जानकारी नहीं'

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Published : Dec 30, 2021, 7:13 PM IST

बिहार में कोरोना की तीसरे लहर (Third wave of Corona in Bihar) को लेकर एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए 5 जिलों में सीरो सर्विलांस कराने की खबर है. हालांकि सिविल सर्जन (Civil Surgeon dr Vibha Kumari On Sero Survey) का कहना है कि, फिलहाल सीरो सर्वे विभाग की तरफ से नहीं किया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

Civil Surgeon dr Vibha Kumari on sero survey
Civil Surgeon dr Vibha Kumari on sero survey

पटना: प्रदेश में कोरोना संक्रमण का मामला तेजी से बढ़ रहा है और तीसरी लहर समय से पहले दस्तक दे रही है. ऐसे में कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के पटना समेत पांच जिले (Sero Survey In Five Districts Of Bihar) दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गया में सीरो सर्विलांस की खबरें सामने आ रही हैं.

यह भी पढ़ें- कहीं ये बिहार में कोरोना के तीसरी लहर की दस्तक तो नहीं! एक दिन में मिले 132 संक्रमित मरीज, पटना हॉटस्पॉट

खबरों के मुताबिक सीरो सर्वेक्षण के तहत इन जिलों के शहरी और ग्रामीण इलाकों में यह पता लगाने का काम किया जाएगा कि, कितने लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी (Testing Of Antibodies In Bihar) बन चुका है, लोगों के शरीर में एंटीबॉडी की क्या स्थिति है. इसके लिए रेंडम सैंपल कलेक्ट किया जाएगा और पता लगाया जाएगा.

बिहार के 5 जिलों में सीरो सर्विलांस

वहीं इस मसले पर पटना जिला सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि, पटना में सीरो सर्वेक्षण को लेकर उनके पास कोई आदेश नहीं आया है और उनकी जानकारी में अभी तक ऐसा कुछ नहीं हो रहा है.

"कोरोना के मामले जिले में तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में इससे निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग तैयारी कर रहा है और अस्पतालों में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. सीरो सर्विलांस फिलहाल विभाग की तरफ से नहीं हो रहा है".- डॉ विभा कुमारी,सिविल सर्जन

यह भी पढ़ें- जानिए पटना एम्स के वरिष्ठ डॉक्टर अनिल कुमार से, OMICRON शब्द में ही कैसे छिपा है बचाव का तरीका

बता दें कि, 14 जून से 6 जुलाई तक देश भर के 70 जिलों में आईसीएमआर के साथ मिलकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी की जानकारी प्राप्त करने के लिए सिरो सर्विलांस करवाया था, जिसमें एंटीबॉडी के मामले में बिहार तीसरे स्थान पर (Bihar Ranks Third In Terms Of Antibodies) रहा था. बिहार के 75.9% लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई थी. एंटीबॉडी के मामले में मध्य प्रदेश 79% के साथ पहले स्थान पर रहा था और राजस्थान 76.2 फ़ीसदी के साथ दूसरे स्थान पर रहा था. चिकित्सा जगत के जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि, बिहार में लोगों में एंटीबॉडी काफी अच्छी पाई गई थी. यह तीसरे लहर के समय काफी मददगार साबित होगा. इससे लोगों में संक्रमण से सिवियरिटी के मामले कम आएंगे.

यह भी पढ़ें-कोरोना जांच के नाम पर मजाक, पटना जंक्शन के गेट नंबर 3 पर महज खानापूर्ति

क्या होता है सीरो सर्वे: सीरो सर्वे या फिर सीरो सर्विलांस में यह जांच की जाती है कि, कितनी आबादी में किसी संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बन चुकी है. दरअसल जब भी हमारे शरीर पर कोई वायरस या बैक्टीरिया अटैक करता है तो हमारा शरीर उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है. ये एंटीबॉडी विशेष प्रकार का प्रोटीन होती हैं और वायरस या बैक्टीरिया और किसी भी संक्रमण से शरीर को बचाती हैं.

यह भी पढ़ें- पटना एयरपोर्ट पर उड़ रही कोरोना की धज्जियां, एयरपोर्ट अथॉरिटी और जिला प्रशासन बेखबर

कोरोना वायरस की बात करें तो अगर किसी इंसान के शरीर में इसकी एंटीबॉडी मिलती हैं तो इसका मतलब ये है कि, उस व्यक्ति को अब कोरोना संक्रमण का खतरा बेहद कम है. इस एंटीबॉडी की जांच को ही सीरो सर्वे कहा जाता है. सीरो सर्वे से पता चलता है कि, कितनी जनसंख्या वायरस से संक्रमित हो चुकी है.

यह भी पढ़ें- Omicron के बाद एक और नए वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता, जानिए 'डेलमाइक्रोन' के बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट

यह भी पढ़ें- Omicron in India: ओमीक्रोन पर रोकथाम के लिए केंद्र ने राज्य को दिया सख्ती बरतने का आदेश

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खबरों के मुताबिक सीरो सर्वेक्षण के तहत इन जिलों के शहरी और ग्रामीण इलाकों में यह पता लगाने का काम किया जाएगा कि, कितने लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी (Testing Of Antibodies In Bihar) बन चुका है, लोगों के शरीर में एंटीबॉडी की क्या स्थिति है. इसके लिए रेंडम सैंपल कलेक्ट किया जाएगा और पता लगाया जाएगा.

बिहार के 5 जिलों में सीरो सर्विलांस

वहीं इस मसले पर पटना जिला सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि, पटना में सीरो सर्वेक्षण को लेकर उनके पास कोई आदेश नहीं आया है और उनकी जानकारी में अभी तक ऐसा कुछ नहीं हो रहा है.

"कोरोना के मामले जिले में तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में इससे निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग तैयारी कर रहा है और अस्पतालों में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. सीरो सर्विलांस फिलहाल विभाग की तरफ से नहीं हो रहा है".- डॉ विभा कुमारी,सिविल सर्जन

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बता दें कि, 14 जून से 6 जुलाई तक देश भर के 70 जिलों में आईसीएमआर के साथ मिलकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी की जानकारी प्राप्त करने के लिए सिरो सर्विलांस करवाया था, जिसमें एंटीबॉडी के मामले में बिहार तीसरे स्थान पर (Bihar Ranks Third In Terms Of Antibodies) रहा था. बिहार के 75.9% लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई थी. एंटीबॉडी के मामले में मध्य प्रदेश 79% के साथ पहले स्थान पर रहा था और राजस्थान 76.2 फ़ीसदी के साथ दूसरे स्थान पर रहा था. चिकित्सा जगत के जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि, बिहार में लोगों में एंटीबॉडी काफी अच्छी पाई गई थी. यह तीसरे लहर के समय काफी मददगार साबित होगा. इससे लोगों में संक्रमण से सिवियरिटी के मामले कम आएंगे.

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क्या होता है सीरो सर्वे: सीरो सर्वे या फिर सीरो सर्विलांस में यह जांच की जाती है कि, कितनी आबादी में किसी संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बन चुकी है. दरअसल जब भी हमारे शरीर पर कोई वायरस या बैक्टीरिया अटैक करता है तो हमारा शरीर उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है. ये एंटीबॉडी विशेष प्रकार का प्रोटीन होती हैं और वायरस या बैक्टीरिया और किसी भी संक्रमण से शरीर को बचाती हैं.

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कोरोना वायरस की बात करें तो अगर किसी इंसान के शरीर में इसकी एंटीबॉडी मिलती हैं तो इसका मतलब ये है कि, उस व्यक्ति को अब कोरोना संक्रमण का खतरा बेहद कम है. इस एंटीबॉडी की जांच को ही सीरो सर्वे कहा जाता है. सीरो सर्वे से पता चलता है कि, कितनी जनसंख्या वायरस से संक्रमित हो चुकी है.

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