पटना : एनडीए में लोजपा और जदयू के बीच खटास लंबे समय से चल रहा है. लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के बार- बार नीतीश कुमार पर निशाना साधने के बावजूद जदयू की ओर से अभी तक आक्रमक तेवर नहीं दिखाए गए हैं. नीतीश कुमार ने बीजेपी के शीर्ष नेताओं से कहा है कि लोजपा आपकी समस्या है. सीटों को लेकर लोजपा की जो भी अपेक्षा है वह आप दूर करें. वही पार्टी नेताओं को नीतीश ने साफ निर्देश दे रखा है कि लोजपा के खिलाफ नहीं बोलना है.
नीतीश के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहे हैं चिराग
चिराग पासवान एक तरफ बीजेपी नेताओं की तारीफ करते रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ बिहार सरकार के कामकाज को लेकर नीतीश कुमार की मुश्किल खड़ी करते रहे हैं. चिराग पासवान की नाराजगी नीतीश कुमार से कई कारणों से है.
नीतीश से क्यों है नाराजगी
1- कई पत्र लिखने के बाद भी नीतीश कुमार जवाब नहीं दे रहे हैं
2- लोजपा को नीतीश कुमार तवज्जो नहीं दे रहे हैं
3- लोजपा की सीटों की हो रही दावेदारी से नीतीश खुश नहीं हैं
4- चिराग 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' एजेंडे को एनडीए का एजेंडा बनाना चाहते हैं. नीतीश तैयार नहीं हैं
5- नीतीश कुमार लोजपा को विधान परिषद में राज्यपाल कोटे से कोई सीट देने को तैयार नहीं हैं
लोजपा के खिलाफ नहीं बोलने का निर्देश
लोजपा से जारी तनाव के बीच नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं से कहा है कि लोजपा आपकी समस्या है. जेडीयू से सीटों को लेकर कोई लेना-देना नहीं है. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने पहले ही कह दिया है कि लोजपा से जदयू का कोई तालमेल नहीं है. नीतीश ने अपने पार्टी के नेताओं को भी साफ निर्देश दे रखा है कि लोजपा और चिराग पासवान के खिलाफ कुछ नहीं बोलना है. हालांकि इसके बाद भी पहले ललन सिंह ने कालिदास वाला उदाहरण देकर चिराग पासवान पर तंज कसा था और बाद में सुनील पिंटू ने भी बयान देकर जेडीयू की मंशा साफ कर दी थी. फिलहाल नीतीश कुमार के निर्देश के कारण जदयू का कोई भी नेता लोजपा के खिलाफ बिहार में खुलकर बोलने से बच रहा है. लोजपा से जेडीयू में आए महेश्वर सिंह का भी कुछ यही हाल है. महेश्वर सिंह कहते हैं पार्टी के वरिष्ठ नेता ही इस मामले में बोलेंगे.
बीजेपी के कहने पर बोलते हैं चिराग
राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है कि जेडीयू शुरू से ही लोजपा को इग्नोर करती रही है. बीजेपी के कारण ही चिराग पासवान नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं.और यह बात जेडीयू को भी पता है.
एनडीए में एकजुटता का दावा
लोजपा और जेडीयू के बीच जारी बयानबाजी के बीच बीजेपी कोटे से मंत्री प्रमोद कुमार का कहना है कि एनडीए में किसी तरह का विवाद नहीं है. और अगर है भी तो उसे सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और इस बार के चुनाव में 200 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेंगे.
अधिक सीट के लिए सियासत ?
यह सच है कि बीजेपी नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह रही है लेकिन अब तक लोजपा ने नीतीश कुमार को एनडीए का नेता स्वीकार नहीं किया है. बीजेपी नेता लोजपा के खिलाफ भी कुछ नहीं बोल रहे हैं. जानकार बताते हैं कि नीतीश कुमार को पता है कि चिराग पासवान अधिक से अधिक सीट के लिए ही प्रेशर बना रहे हैं. और इसलिए नीतीश कुमार ने पहले ही बीजेपी को कह दिया है कि लोजपा आपकी समस्या है. कुल मिलाकर देखें तो 2019 में उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के कारण ही एनडीए छोड़ चले गए थे. और लोजपा की कमोबेश स्थिति नीतीश कुमार उसी तरह करना चाहते हैं. लेकिन बीजेपी के रवैया के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है. अब देखना दिलचस्प है कि बीजेपी लोजपा को कहां तक संतुष्ट कर पाती है. या फिर नीतीश कुमार के रुख के कारण लोजपा एनडीए से बाहर होने के लिए मजबूर होती है.