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चिराग की इमोशनल पॉलिटिक्स: दिल पर हाथ रखकर बताइए चाचाजी...पापा खुश होंगे क्या?

पार्टी में अकेले पड़े चिराग पासवान ने चाचा यानी पशुपति पारस से इमोशनल अपील की है. एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके फैसले से मां को तकलीफ हुई है.

Chirag Paswan
Chirag Paswan
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Published : Jun 25, 2021, 4:00 PM IST

पटनाः अपनी ही पार्टी लोजपा (Lok Janshakti Party) से अलग-थलग पड़े चिराग पासवान (Chirag Paswan) अपने बागी चाचा पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) पर इमोशनल अटैक किया है. एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने पशुपति पारस से पूछा कि "चाचाजी दिल पर हाथ रखकर बताइये. क्या आज पापा खुश होंगे"

इसे भी पढ़ेंः चिराग के समर्थन में सड़क पर उतरे कार्यकर्ता, लोजपा प्रवक्ता ने कहा- नीतीश की वजह से पार्टी में दो फाड़

जिनकी गोद में खेला...बोलने तक को तैयार नहीं
चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कहा कि 'मैं जिनकी गोद में खेला और बड़ा हुआ, उन्होंने अपना हाथ खींच लिया. अब तो बात करने तक को तैयार नहीं हैं. पहले मैं बीमारी से लड़ा फिर परिवार से लड़ना पड़ रहा है. जब चाचा ने ही पीठ में खंजर घोंपा तो मैं शिकायत कैसे करूं.

मां को भी पहुंची तकलीफ
चिराग पासवान (Chirag Paswan) का दर्द यहीं नहीं थमा. आगे उन्होंने कहा कि चाचा के रवैये से मां को भी तकलीफ हुई है. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मंत्री बनना था तो उनको बोलना चाहिए था. बोलने पर वे खुद प्रधानमंत्री (PM Modi) को पत्र लिखकर मंत्री बनाने की अपील करते, लेकिन अब उनके साये से दूर हो गए हैं.

''अभी तो मुझे इनके अनुभव की जरूरत है. पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना है तो बनें, सारी जिम्मेदारी वो अपने पास रखें. लेकिन मुझे अपनी छत्रछाया से अलग ना करें''.- चिराग पासवान

इसे भी पढ़ेंः चिराग का चाचा पारस पर 'इमोशनल अटैक', कहा- सगा बेटा रहता तो भी यही करते?

पापा की इच्छा से अलग लड़ा चुनाव
पशुपति पारस के आरोपों पर चिराग पासवान ने कहा कि 'मैंने पापा की इच्छा से विधानसभा चुनाव अलग लड़ा था. सभी सांसदों और नेताओं ने उस दौरान अपनी सहमति भी दी थी. दरअसल, लोजपा में दो गुट हो गया है. एक तरफ चिराग पासवान कार्यकारिणी की बैठक कर नेताओं के साथ होने का दावा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पशुपति पारस हैं. जिनके पास साथ लोजपा के सभी सांसद साथ खड़े हैं. दिल्ली से लेकर पटना तक दोनों गुटों की बैठकों का दौर जारी है. सियासी बयानबाजी भी चरम पर है.

पटनाः अपनी ही पार्टी लोजपा (Lok Janshakti Party) से अलग-थलग पड़े चिराग पासवान (Chirag Paswan) अपने बागी चाचा पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) पर इमोशनल अटैक किया है. एक निजी चैनल से बातचीत में उन्होंने पशुपति पारस से पूछा कि "चाचाजी दिल पर हाथ रखकर बताइये. क्या आज पापा खुश होंगे"

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जिनकी गोद में खेला...बोलने तक को तैयार नहीं
चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कहा कि 'मैं जिनकी गोद में खेला और बड़ा हुआ, उन्होंने अपना हाथ खींच लिया. अब तो बात करने तक को तैयार नहीं हैं. पहले मैं बीमारी से लड़ा फिर परिवार से लड़ना पड़ रहा है. जब चाचा ने ही पीठ में खंजर घोंपा तो मैं शिकायत कैसे करूं.

मां को भी पहुंची तकलीफ
चिराग पासवान (Chirag Paswan) का दर्द यहीं नहीं थमा. आगे उन्होंने कहा कि चाचा के रवैये से मां को भी तकलीफ हुई है. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मंत्री बनना था तो उनको बोलना चाहिए था. बोलने पर वे खुद प्रधानमंत्री (PM Modi) को पत्र लिखकर मंत्री बनाने की अपील करते, लेकिन अब उनके साये से दूर हो गए हैं.

''अभी तो मुझे इनके अनुभव की जरूरत है. पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना है तो बनें, सारी जिम्मेदारी वो अपने पास रखें. लेकिन मुझे अपनी छत्रछाया से अलग ना करें''.- चिराग पासवान

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पापा की इच्छा से अलग लड़ा चुनाव
पशुपति पारस के आरोपों पर चिराग पासवान ने कहा कि 'मैंने पापा की इच्छा से विधानसभा चुनाव अलग लड़ा था. सभी सांसदों और नेताओं ने उस दौरान अपनी सहमति भी दी थी. दरअसल, लोजपा में दो गुट हो गया है. एक तरफ चिराग पासवान कार्यकारिणी की बैठक कर नेताओं के साथ होने का दावा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पशुपति पारस हैं. जिनके पास साथ लोजपा के सभी सांसद साथ खड़े हैं. दिल्ली से लेकर पटना तक दोनों गुटों की बैठकों का दौर जारी है. सियासी बयानबाजी भी चरम पर है.

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