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चिराग ने चाचा को बताया सत्ता लोभी, कहा- पिता के आंदोलन को किया कमजोर - चुनाव आयोग एक्शन

लोजपा नेता चिराग पासवान ने अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को सत्ता लोभी बताया है. इसके साथ ही उनपर रामविलास पासवान के आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाया है. पढ़ें पूरी खबर...

Chirag Paswan and Pashupati Paras
चिराग पासवान और पशुपति पारस
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Published : Oct 3, 2021, 7:49 AM IST

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में चल रही बंगले (चुनाव चिह्न) पर कब्जे की लड़ाई नए मोड़ पर पहुंच गई है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने चुनाव चिह्न 'बंगला' को जब्त कर लिया है. केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) और लोजपा सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) दोनों अभी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते.

यह भी पढ़ें- पशुपति पारस का दावा, उनकी ही शिकायत पर EC ने फ्रीज किया LJP का चुनाव चिह्न

चिराग पासवान ने इसे अपनी जीत बताया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस पर सत्ता के लोभ में दिवंगत नेता रामविलास पासवान के आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाया है. चिराग ने अपने ट्वीट में लिखा, 'वंचित समाज की आवाज को देशभर में पिताजी ने आंदोलन बनाया. उस आंदोलन की मुखर आवाज बनी लोजपा. लेकिन सत्ता के लोभ में फंस चुके कुछ सहयात्रियों ने ही पिताजी के आंदोलन की आवाज को कमजोर कर दिया. आयोग का ये अंतरिम फैसला है. हमारे तर्कों को जगह मिली है. लोजपा की हुंकार कायम रहेगी.'

  • चुनाव आयोग का आज का फैसला उनसे सवाल की तरह है जिन्होंने गरीबों की लड़ाई लड़ रही लोजपा की पहचान मिटाने की कोशिश की है। मां का स्थान रखने वाली पार्टी को महज एक कुर्सी के लिए दलित विरोधी जेडीयू के हाथ बेचने की साज़िश की गई। साज़िश सफल नहीं होगी। लोजपा का ध्वज शान से लहराएगा।

    — युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 3, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि इसी साल जून में लोजपा दो धड़ों में बंट गई थी. पांच सांसदों के साथ रामविलास के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने अपने आप को एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर लिया था. अगल-थलग पड़े चिराग पासवान ने पार्टी पर अपनी दावेदारी जताते हुए निर्वाचन आयोग के समक्ष इसकी शिकायत की थी.

लोजपा में टूट के बाद पशुपति पारस गुट और चिराग गुट के बीच पार्टी और पार्टी के चुनाव चिह्न पर कब्जे की जंग चल रही है. दोनों गुट खुद को असली लोजपा और दूसरे को फर्जी बता रहे हैं. बिहार में मुंगेर जिले के तारापुर और दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होगा. दोनों गुटों ने दोनों सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि अब दोनों गुटों के चुनाव चिह्न अलग होंगे. दोनों को सिंबल चुनने का मौका दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें- तेजप्रताप का सनसनीखेज आरोप, 'मेरे पिता को आने नहीं दिया जा रहा, बंधक बनाकर रखे हैं दिल्ली में'

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में चल रही बंगले (चुनाव चिह्न) पर कब्जे की लड़ाई नए मोड़ पर पहुंच गई है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने चुनाव चिह्न 'बंगला' को जब्त कर लिया है. केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) और लोजपा सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) दोनों अभी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते.

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चिराग पासवान ने इसे अपनी जीत बताया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस पर सत्ता के लोभ में दिवंगत नेता रामविलास पासवान के आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाया है. चिराग ने अपने ट्वीट में लिखा, 'वंचित समाज की आवाज को देशभर में पिताजी ने आंदोलन बनाया. उस आंदोलन की मुखर आवाज बनी लोजपा. लेकिन सत्ता के लोभ में फंस चुके कुछ सहयात्रियों ने ही पिताजी के आंदोलन की आवाज को कमजोर कर दिया. आयोग का ये अंतरिम फैसला है. हमारे तर्कों को जगह मिली है. लोजपा की हुंकार कायम रहेगी.'

  • चुनाव आयोग का आज का फैसला उनसे सवाल की तरह है जिन्होंने गरीबों की लड़ाई लड़ रही लोजपा की पहचान मिटाने की कोशिश की है। मां का स्थान रखने वाली पार्टी को महज एक कुर्सी के लिए दलित विरोधी जेडीयू के हाथ बेचने की साज़िश की गई। साज़िश सफल नहीं होगी। लोजपा का ध्वज शान से लहराएगा।

    — युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 3, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि इसी साल जून में लोजपा दो धड़ों में बंट गई थी. पांच सांसदों के साथ रामविलास के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने अपने आप को एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर लिया था. अगल-थलग पड़े चिराग पासवान ने पार्टी पर अपनी दावेदारी जताते हुए निर्वाचन आयोग के समक्ष इसकी शिकायत की थी.

लोजपा में टूट के बाद पशुपति पारस गुट और चिराग गुट के बीच पार्टी और पार्टी के चुनाव चिह्न पर कब्जे की जंग चल रही है. दोनों गुट खुद को असली लोजपा और दूसरे को फर्जी बता रहे हैं. बिहार में मुंगेर जिले के तारापुर और दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होगा. दोनों गुटों ने दोनों सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि अब दोनों गुटों के चुनाव चिह्न अलग होंगे. दोनों को सिंबल चुनने का मौका दिया जाएगा.

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